नोटबंदी के सात साल, राहुल गांधी ने PM मोदी के फैसले को फिर बताया साजिश


Image Credit : twitter

स्टोरी हाइलाइट्स

राहुल गांधी का पुराना भाषण फिर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है..!

आज 8 नवंबर है, यानि कि नोटबंदी की सालगिरह। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर 2016 को रात 8 बजे देश में नोटबंदी की घोषणा करके, 500 और 1000 के नोट बंद कर दिए गए थे। नोटबंदी की सालगिरह पर राहुल गांधी ने सरकार पर जमकर हमला बोला था। जी हां नोटबंदी की सालगिरह के मौके पर राहुल गांधी का एक पुराना भाषण फिर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, 'नोटबंदी एक सोची-समझी साजिश थी। नौकरियों को नष्ट करना, श्रमिकों की आय में कटौती करना, छोटे व्यवसायों को नष्ट करना, किसानों को नुकसान पहुंचाना और असंगठित अर्थव्यवस्था को तोड़ना। 99% आम भारतीयों पर हमला, 1% पूंजीपति मोदी 'मित्रों' को फायदा। यह आपकी जेब काटने का एक हथियार था - अपने सबसे अच्छे दोस्त की झोली भरने और उसे 609 तक दुनिया का दूसरा सबसे अमीर व्यक्ति बनाने का।

उन्होंने अपने X पर अपना पुराना वीडियो भी शेयर किया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने भाषण में कहा था कि नोटबंदी एक सोची-समझी साजिश थी। इससे रोजगार नष्ट हो गया है और असंगठित अर्थव्यवस्था नष्ट हो गयी है। उन्होंने नोटबंदी को एक ऐसा हथियार बताया, जिससे परम मित्र की झोली भर गई और 609 तक वह दुनिया के दूसरे सबसे अमीर आदमी बन गए।

आपको बता दें, आज नोटबंदी के सात साल पूरे हो गए हैं। दरअसल, 8 नवंबर 2016 को रात 8 बजे देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐलान किया था कि रात 12 बजे से 500 और 1000 रुपये के नोट चलन में नहीं रहेंगे। उन्होंने इन नोटों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी। इसके बाद जिन लोगों के पास 500-1000 रुपये के नोट थे उन्हें भी जमा करने का विकल्प मिल गया। तब लोग नोट जमा करने के लिए लंबी-लंबी कतारों में खड़े नजर आए थे। एटीएम के बाहर भी ऐसी ही लंबी लाइनें देखने को मिल रही थीं।

सरकार ने कहा था कि काले धन को खत्म करने के लिए नोटबंदी की घोषणा की गई थी। उनकी ओर से यह भी तर्क दिया गया कि नोटबंदी से लोगों के भुगतान का तरीका नकद से डिजिटल हो जाएगा। कांग्रेस ने इस कदम की आलोचना की। कांग्रेस ने कहा कि इससे अर्थव्यवस्था को नुकसान होगा। राहुल गांधी भी यही बात दोहरा रहे हैं। उनका कहना है कि इसके जरिए कुछ खास लोगों को मदद पहुंचाने की कोशिश की गई थी।