नए संसद भवन में चल रहे विशेष सत्र के दौरान बुधवार 20 सितंबर को 7 घंटे की लंबी बहस के बाद नारी शक्ति वंदन अधिनियम महिला आरक्षण विधेयक आखिरकार बहुमत से पारित हो गया। संसदीय चुनाव प्रणाली में महिलाओं की एक तिहाई भागीदारी सुनिश्चित करने वाले विधेयक के पक्ष में 454 सांसदों ने मतदान किया। विपक्ष में सिर्फ 2 वोट पड़े। इसके बाद बिल को गुरुवार 21 सितंबर को राज्यसभा में पेश किया जाना है, जहां इस बिल को बड़ी परीक्षा का सामना करना पड़ सकता है।
इसके बाद से ये कयास लगाए जाने लगे हैं, कि क्या आज 27 साल का इंतजार खत्म हो जाएगा और बिल राज्यसभा से भी पास हो जाएगा? या एक बार फिर पहले की तरह संसद की चारदीवारी के भीतर भटकना पड़ेगा? हालांकि इस बिल का लगभग सभी दलों ने समर्थन किया है, लेकिन उम्मीद है कि इस बार यह राज्यसभा से भी पास हो जाए।
राज्यसभा में मौजूदा समीकरणों के बारे में बात करें तो इस बिल को राज्यसभा से मंजूरी मिलने में भी की अड़चन नहीं आने की उम्मीद की जा रही है। राज्यसभा में कुल सांसदों की संख्या 240 है, जिनमें से 5 सीटों पर फिलहाल कोई उम्मीदवार नहीं है। यानी पांच सीटें खाली हैं। राज्यसभा में बिल पास कराने के लिए 160 सदस्यों के समर्थन की जरूरत होगी। वर्तमान में, भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन के पास 114 राज्यसभा सदस्य हैं। जबकि विपक्षी INDIA गठबंधन के पास 98 सदस्य हैं और अन्य 28 राज्यसभा सांसद हैं।