भोपाल। प्रदेश में वनाधिकार पट्टे के लंबित 2 लाख 73 हजार 457 दावों का निराकरण 31 दिसम्बर 2025 तक किया जायेगा। इसके निर्देश जनजातीय कार्य विभाग के प्रमुख सचिव गुलशन बामरा ने सभी जिला एवं खण्ड स्तरीय वन अधिकारी समिति तथा ग्राम स्तरीय वन अधिकारी समिति के अध्यक्ष को जारी किये हैं।
उल्लेखनीय है कि वनाधिकार कानून 2006 के तहत प्रदेश के जंगलों में रह रहे व्यक्तियों को वनभूमि के पट्टे दिये गये थे लेकिन 19 साल बाद भी पौने दो लाख दावों का अब तक निराकरण नहीं हो पाया है। इनमें जबलपुर जिले के 769, सतना के 6 हजार 769, छिन्दवाड़ा के 2 हजार 157, सिंगराली के 22 हजार 839 तथा छतरपुर के 1 हजार 945 दावे शामिल हैं।
जारी समय सारिणी के अनुसार, 29 सितम्बर तक ग्राम वन अधिकारी समितियां लंबित दावों का परीक्षण करेंगी तथा 30 सितम्बर से 1 अक्टूबर तक स्थल निरीक्षण कर नक्शा तैयार कर वनमित्र पोर्टल पर अपलोड करेंगी।
2 अक्टूबर से 12 अक्टूबर तक ग्राम समितियां अपनी ग्राम सभा से संकल्प पारित कराकर उसे पोर्टल पर अपलोड कर दावे उप खण्ड समिति को भेजेंगी। उपखण्ड समिति 13 अक्टूबर से 13 नवम्बर तक इन दावों का परीक्षण कर अनुशंसा सहित जिला समिति को भेजेंगी और परीक्षण में निरस्त दावों पर संबंधित आवेदक से अपील लेगी और सुनवाई के बाद पुन: जिला समिति को प्रकरण भेजेगी। जिला समिति 14 नवम्बर से 14 दिसम्बर तक दावों का निराकरण कर मान्य दावों पर वनाधिकार पत्र यानि पट्टा स्वीकृति आदेश देगी एवं अमान्य दावों पर आई अपील की सुनवाई करेगी एवं इस पर भी दावा अमान्य होने पर इसकी सूचना संबंधित आवेदक को देगी।
15 दिसम्बर से 31 दिसम्बर तक जारी वनाधिकार पत्रों को वन एवं राजस्व विभाग के अभिलेखों में दर्ज की जायेगी तथा दर्ज अभिलेख की प्रति आवेदक को दी जायेगी।