नई नीति: पीजी अध्ययन के लिये सरकारी चिकित्सकों को इस्तीफा देना होगा


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स्टोरी हाइलाइट्स

अब यदि सीधी भर्ती के चिकित्सक को सेवा के दो वर्ष पूर्ण नहीं हुये हैं तो उन्हें उक्त उच्च अध्ययन के लिये अवकाश नहीं मिलेगा तथा सेवा से त्याग-पत्र देने के बाद ही उच्च अध्ययन कर सकेंगे..!!

भोपाल: राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने पीजी अध्ययन डिग्री या डिप्लोमा या सुपर स्पेशलिएटी अध्ययन हेतु सेवारत चिकित्सकों के लिये नई नीति जारी कर दी है। अब यदि सीधी भर्ती के चिकित्सक को सेवा के दो वर्ष पूर्ण नहीं हुये हैं तो उन्हें उक्त उच्च अध्ययन के लिये अवकाश नहीं मिलेगा तथा सेवा से त्याग-पत्र देने के बाद ही उच्च अध्ययन कर सकेंगे। 

इसी प्रकार, सरकारी चिकित्सक ने 2 वर्ष से अधिक परन्तु 5 वर्ष से कम अवधि तक सेवा की है तो वे स्वयं के व्यय पर उच्च अध्ययन करने के बाद सात दिन के अंदर कार्यभार ग्रहण करेंगे तथा उनके अध्ययन की अवधि को असाधारण अवकाश माना जायेगा और यह अवधि डाईजनान होगी और उच्च अध्ययन पर अवकाश पर जाने के पूर्व 50 लाख रुपये का बाण्ड भरना होगा कि वे अध्ययन के बाद कार्यभार ग्रहण करने के बाद पांच वर्ष तक विभाग में सेवा देंगे अन्यथा उन्हें यह राशि जमा करना होगी। सरकारी चिकित्सक की सेवावधि पांच वर्ष से अधिक होने पर उच्च अध्ययन हेतु एक बार अवकाश दिया जा सकेगा परन्तु इसमें भी उन्हें बाण्ड भरना होगा।