अब आपराधिक प्रकरण वाले लोग नर्मदा की परिक्रमा नहीं कर सकेंगे


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स्टोरी हाइलाइट्स

परिक्रमा के दौरान पड़ने वाली ग्राम पंचायतों में प्रवेश के दौरान परिक्रमावासी को अपने नाम, पते एवं मोबाइन नंबर के साथ आवेदन देना होगा जिसमें उसे अण्डरटेकिंग देनी होगी कि उसके विरुध्द कोई आपराधिक प्रकरण दर्ज नहीं है..!!

भोपाल: प्रदेश के नर्मदा नदी वाले सोलह जिलों यथा अनूपपुर, डिण्डौरी, मंडला, जबलपुर, नरसिंहपुर, सिवनी, बड़वानी, आलीराजपुर, धार, नर्मदापुरम, रायसेन, सीहोर, हरदा, देवास, खण्डवा एवं खरगौन से नर्मदा परिक्रमा की जाती है तथा अब यह परिक्रमा वही लोग कर पायेंगे जिनके विरुध्द कोई आपराधिक प्रकरण दर्ज नहीं होगा। 

परिक्रमा के दौरान पड़ने वाली ग्राम पंचायतों में प्रवेश के दौरान परिक्रमावासी को अपने नाम, पते एवं मोबाइन नंबर के साथ आवेदन देना होगा जिसमें उसे अण्डरटेकिंग देनी होगी कि उसके विरुध्द कोई आपराधिक प्रकरण दर्ज नहीं है। इस आवेदन के साथ उसे अपनी फोटो एवं अपनी कोई एक आईडी यथा आधार या वोटर या समग्र आईडी लगाना होगी जिस पर संबंधित ग्राम पंचायत आवेदक को एक प्रमाण-पत्र जारी करेगी कि आवेदक जीवन दायिनी मांग नर्मदा की यात्रा कर रहा है। 

इसके लिये राज्य के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने संबंधित कलेक्टरों एवं पुलिस अधीक्षकों को परिपत्र जारी कर दिया है। ग्राम पंचायत द्वारा जारी नर्मदा परिक्रमावासी होने का प्रमाण-पत्र स्थानीय पुलिस एवं प्रशासन भी पहचान के रुप में मान्य करेगी।

परिपत्र में कहा गया है कि ग्रामीण क्षेत्रों के कई परिक्रमावासियों के पास नर्मदा परिक्रमावासी होने संबंधी उपयुक्त दस्तावेज न होने से परिक्रमा के रास्ते में आने वाले ग्राम अथवा ग्राम पंचायतों में प्रवेश के दौरान उन्हें अपनी पहचान परिक्रमावासी के रुप में सिध्द करने में असुविधाओं का सामना करना पड़ता है। इन असुविधाओं से बचाने के उद्देश्य से शासन द्वारा निर्णय लिया गया है कि ग्राम पंचायतों द्वारा परिक्रमावासियों को प्रमाण-पत्र जारी किया जाये।