राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के लिए सुबह 8 बजे से ही राजस्थान में वोटों की गिनती शुरु हो गई है। शुरुआत में बैलेट पेपर की गिनती जारी है। राजस्थान में 199 मेंसे 198 सीटों के रुझान सामने आ रहे हैं। जिनमें कभी बीजेपी तो कभी कांग्रेस को बढ़त मिलती दिख रही है। तो कभी दोनों ही बराबरी पर दिख रहे हैं। राजस्थान में पल-पल आंकड़े बदलते दिखाई दे रहे हैं।
राजस्थान में अशोक गहलोत, सचिन पायलट और वसुंधरा राजे की किस्मत का फैसला होने जा रहा है। कहा जा रहा है, कि EVM के खुलते ही बड़ा उलटफेर देखने को मिल सकता है।
2018 में, कांग्रेस ने राज्य में बहुमत से जीत हासिल की और वसुंधरा राजे सरकार का अंत हो गया। अशोक गहलोत मुख्यमंत्री बने और सचिन पायलट उनके उप-मुख्यमंत्री बने, लेकिन इसके बाद कांग्रेस के अंदर लंबी लड़ाई चली, जिसके कारण 2020 में सचिन पायलट को उप-मुख्यमंत्री पद गंवाना पड़ा।
भाजपा राज्य के मतदान के इतिहास के आधार पर राज्य में वापसी करना चाहती है। निवर्तमान पार्टी, गहलोत बनाम पायलट की तकरार और महिला सुरक्षा, प्रश्न लीक जैसे अन्य मुद्दों के अलावा, कांग्रेस इस प्रवृत्ति को उलटने और 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले राज्य को बरकरार रखने पर नजर गड़ाए हुए है।
एग्जिट पोल में भी राजस्थान चुनाव भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर की भविष्यवाणी की गई थी। क्षेत्रीय दल राज्य में किंगमेकर के रूप में उभर सकते हैं। वहीं त्रिशंकु विधानसभा होने की स्थिति में कांग्रेस और भाजपा दोनों ने स्वतंत्र उम्मीदवारों, बागियों और छोटे दलों से संपर्क किया है।
2018 में, कांग्रेस 100 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बन गई, जो 200 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत से 1 सीट कम थी। इस बार 199 सीटों पर चुनाव हुआ बहै। 2013 में, भाजपा ने 163 सीटें जीतीं और कांग्रेस केवल 21 सीटें ही जीत पाई। 2008 में कांग्रेस ने 96 सीटें और बीजेपी ने 78 सीटें जीती थीं।