सीधा बोलो, सीधा चलो, सीधा देखो, सीधा ही व्यवहार करो।


स्टोरी हाइलाइट्स

सीधा बोलो, सीधा चलो, सीधा देखो, सीधा ही व्यवहार करो।दूसरे क्या? कर रहे हैं, यह मत देखो।

सीधा बोलो, सीधा चलो, सीधा देखो, सीधा ही व्यवहार करो। सीधा बोलो, सीधा चलो, सीधा देखो, सीधा ही व्यवहार करो। दूसरे क्या? कर रहे हैं, यह मत देखो। क्योंकि दूसरों को देखोगे तो खुद को नहीं देख पाओगे। उन्हें उनके हाल पर छोड कर अपना लक्ष्य, अपने कल्यान को बनाकर शास्त्रानुसार कर्म किए जाओ। कल्यान सौ प्रतिशत हो कर रहेगा। भगवत कृपा साधनों से नहीं होती, बल्कि आपके हृदय की सच्ची लगन से होती है। साधन तो बहुतों ने बैंक बैलेंस व कोठी बंगलों के रूप में सभी धामों में इकट्ठे किए हुए हैं, लेकिन ललक पैदा नहीं कर पाए, सो सभी साधन धरे के धरे रह गए। जैसे छोटा बच्चा कोई साधन नहीं करता, लेकिन चिंतन हमेशा बस माँ का ही रहता है, यानी माँ से मिलन की ललक हमेशा बनी ही रहती है, तो माँ भी जरा सा रोते ही, बालक को तुरंत गोदी में उठा लेती है। वैसे ही भगवत कृपा के लिए साधन नहीं,  ललक चाहिए। कृपा तो सहज सुलभ है।