भोपाल: राज्य के वन विभाग ने एक आदेश जारी कर वन विभाग के अंतर्गत गठित राज्य वन विकास निगम, लघु वनोपज सहकारी संघ, जैव विविधता बोर्ड आदि में पदस्थ भारतीय वन सेवा के अधिकारियों द्वारा अपने घरेलू कार्यों के लिये रखे जाने वाले अर्दलियों के लिये भत्ता लेने की प्रथा खत्म कर दी है।
वन विभाग के सचिव अतुल मिश्रा ने राज्यपाल के आदेशानुसार जारी आर्डर में कहा है कि वन विभाग के अंतर्गत आने वाले समस्त निगम, मंडल, बोर्ड, सहकारी संस्थाओं में कलेक्टररेट से प्रदाय किये जा रहे अर्दली भत्ते की सुविधा तत्काल प्रभाव से समाप्त की जाती है।
उल्लेखनीय उक्त निकायों में संचालक मंडल से प्रस्ताव पारित कराकर यह अर्दली भत्ता लिया जा रहा था। एक अर्दली के लिये करीब आठ हजार रुपये लिये जाते थे। विधानसभा के सत्रों में यह मुद्दा उठा भी था जिसमें सरकार ने बताया था कि वित्त विभाग की अर्दली भत्ता लेने की सहमति नहीं है। इसी कारण से अब इस प्रथा को समाप्त कर दिया गया है।