टूटा पहिया


स्टोरी हाइलाइट्स

  टूटा पहिया   मैं   रथ का टूटा पहिया हूँ   लेकिन मुझे फेंकों मत   क्या जाने कब   इस दुरूह चक्रव्यूह में   अक्षौहिणी सेनाओं को चुनौती देता हुआ   कोई दुस्साहसी अभिमन्यु घिर जाए?   अपने पक्ष को असत्य जानते हुए भी   बड़े- बड़े महारथी   अकेली निहत्थी आवाज को   अपने ब्रह्मास्त्रों से कुचल देना चाहें   तब मैं   रथ का टूटा पहिया   उसके हाथों में   ब्रह्मास्त्रों से लोहा ले सकता हूँ !   मैं रथ का टूटा पहिया हूँ   लेकिन मुझे फेंको मत   इतिहासों की सामूहिक गति   सहसा झूठी पड़ जाने पर   क्या जाने   सच्चाई टूटे हुए पहियों का आश्रय ले!     लेखक -धर्मवीर भारती