चड्डी की इलास्टिक, डेढ़ सौ रूपये के डियो और लाल रंग के मंजन पर पर क्यों फ़िदा हो रही हैं लडकियाँ..


स्टोरी हाइलाइट्स

बात कुछ अजीब सी है लेकिन भारतीय विज्ञापन कंपनियों की नजर में लड़कियों के हाल कुछ ऐसे ही हैं| रश्मिका मंदाना एक अंडरवियर के विज्ञापन में अंडर..

चड्डी की इलास्टिक, डेढ़ सौ रूपये के डियो और लाल रंग के मंजन पर पर क्यों फ़िदा हो रही हैं लडकियाँ..  बात कुछ अजीब सी है लेकिन भारतीय विज्ञापन कंपनियों की नजर में लड़कियों के हाल कुछ ऐसे ही हैं| रश्मिका मंदाना एक अंडरवियर के विज्ञापन में अंडरवियर की इलास्टिक(स्ट्रैप) को देखकर उसे पहनने वाले युवक पर फ़िदा हो जाती हैं| आखिर उस इलास्टिक(स्ट्रैप) में ऐसा क्या है? उस पर कम्पनी का नाम ही तो लिखा है|  हाल ही में मान्यवर के विज्ञापन ने कन्यादान पर सवाल उठाए और पूछा कि लड़की का दान ही क्यों? लेकिन कोई भी विज्ञापन वाला विज्ञापन में यह नहीं पूछता कि कोई लड़की किसी लड़के की चड्डी की पट्टी(स्ट्रैप) देखकर कैंसे फ़िदा हो जाती है?  [embed]https://youtu.be/lCVodxIGDFg[/embed] विज्ञापन में देख सकते हैं कि रश्मिका मंदाना एक योग कोच की भूमिका में हैं. रश्मिका विक्की कौशल के अंडरवियर के स्ट्रैप को देख रही हैं. विज्ञापन(एड) के पहले पार्ट में रश्मिका काउंट भूल जाती हैं, विक्की के अंडरवियर स्ट्रैप को देखकर. विज्ञापन(एड) के दूसरे पार्ट में ऊपर की शेल्फ से रश्मिका, विक्की को कुछ उठाने के लिए कहती हैं, जिससे उनकी टी-शर्ट ऊपर हो और योगा इंस्ट्रक्टर की नजर अंडरवियर के स्ट्रैप पर जा सके.  ये भी पढ़ें.. मुद्दे: वन नाइट स्टैंड क्या है और हमें इससे क्यों बचना चाहिए.. [embed]https://youtu.be/Ms_d-x3i_TI[/embed] हाल ही में वरुण धवन भी एक अंडरवियर के एड के लिए फीचर हुए थे तो यूजर्स ने उन्हें खरीखोटी सुनाई थी.  मध्यप्रदेश के एक बीजेपी नेता सुरेन्द्र शर्मा ने लक्स कोजी अंडरवियर के विज्ञापन के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल ओर्र सुभाष कामथ को पत्र लिखा है। विज्ञापन के खिलाफ शिकायती पत्र केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल सहित विज्ञापन मानक परिषद अध्यक्ष मुंबई सुभाष कामथ को भी भेजा है। https://youtu.be/TGlXLWXi4kw इस विज्ञापन में महिला टॉवेल झटक रही है और पुरुष का टॉवेल गिर रहा है। इसके बाद पुरुष अपने दोनों हाथों से खुद को को छुपाने का प्रयास कर रहा है। इस विज्ञापन में ऐसा कोई भी दृश्य नहीं है जिसमें ग्राहक को इस प्रोडक्ट के बारे में बताया गया हो इसे पहनने से यह लाभ होगा या इसकी क्वालिटी अच्छी है।  आखिर विज्ञापन इंडस्ट्रीज देश की महिलाओं को क्या बताना चाहती हैं? इन विज्ञापनों से लगता है कि हमारे देश की महिलाएं ₹150 की अंडरवियर देखकर कुछ भी कर जाने को तैयार रहती हैं| देश की महिलाएं डीयो छिड़कने वाले किसी भी पुरुष को देखकर अपने पार्टनर को छोड़ सकती है| यदि कोई व्यक्ति अच्छा मंजन कर रहा है तो अनजान आदमी को भी महिलाएं चूमने लग सकती हैं|  भारत में महिलाएं पूज्य मानी गई है.. यत्र नार्यस्तु पूज्यंते रमंते तत्र देवता| जिस भारतीय संस्कृति में नारी को इतना सम्मान दिया है उस संस्कृति को कोसने वालों की कमी नहीं है| लेकिन जो औरतों को इस तरह से नीचे गिरा रहे हैं उनका विरोध करने वाले कोई नहीं है| आज देश में महिलाओं ने सफलता के नए आयाम स्थापित किए हैं| खेल जगत से लेकर प्रशासनिक क्षेत्र में महिलाओं ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है| धर्म और अध्यात्म के क्षेत्र में भी महिलाओं ने प्रतिष्ठा अर्जित की है| लेकिन यह विज्ञापन महिलाओं को किस तरह से स्थापित कर रहे हैं? यदि इन विज्ञापनों पर यकीन किया जाए तो हमारे देश की महिलाएं छत पर छुप छुप कर दूसरी छत पर मौजूद लड़के के अंडरवियर को निहारती हैं|