भविष्य के टॉप फाइव ट्रैवल जॉब्स.. 


स्टोरी हाइलाइट्स

News पुराण पर आज हम आपको बता रहे हैं भविष्य की ट्रेंडिंग ट्रैवल जॉब्स के बारे में.

ट्रैवल जॉब्स क्या होते हैं? ट्रैवल जॉब्स कैसे प्राप्त करें, भविष्य में इस तरह के ट्रैवल जॉब्स का क्रेज होगा आइए जानते हैं.

News पुराण पर आज हम आपको बता रहे हैं भविष्य की ट्रेंडिंग ट्रैवल जॉब्स के बारे में..

1. बिग डेटा यूसेज:

इंटरनेट यूज के चलते ऑनलाइन खरीदारी, फेसबुक फ्रेंड, मोबाइल फोन मॉडल और जीपीएस पोजीशन जैसी तकनीक के माध्यम से अधिकांश टूरिज्म और ट्रैवल कंपनियां टूरिस्ट की पसंद ना पसंद, घूमने की जगह यहां तक की खर्च करने की क्षमता तक का आकलन कर लेती है। स्पेन ने वर्ष 2014 में बिग डेटा की मदद से टूरिस्ट्स से जुड़ा एक आंकड़ा जुटाया था जिसमें, किस देश से सबसे ज्यादा टूरिस्ट स्पेन आते हैं, कितने दिन रुकते हैं, कौन से होटल/जगह में ठहरते हैं, आदि जानकारियां शामिल थीं। सबसे अच्छे पर्यटन देशों में स्पेन नंबर वन पर बना हुआ है।

2. ट्रैवल इंफ्लूएंसर:

सैमुअल दोरजी 6 जनवरी 2020 में हॉपर की एक स्टडी रिपोर्ट प्रकाशित की, जिसमें बताया गया है कि ब्राजीलियन इंफ्लूएंसर साओ कास्त्रो की सिंगल ट्रेवल से जुड़ी एक इंस्टाग्राम पोस्ट पर उन्हें 138000 यूएस डॉलर मिलते हैं। इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स टूरिस्ट डेस्टिनेशन की जानकारी पूरी दुनिया में पहुंचाने का माध्यम बन रहे हैं। 

ट्रैवलिंग के दौरान अधिकांश यंगस्टर्स फोटो के साथ लोकेशन और अपने एक्सपीरियंस भी शेयर करते हैं, जिसका उपयोग डेटा के रूप में कंपनियां करती हैं। यही वजह है कि इंस्टाग्राम हैंडल करने के लिए ट्रैवल इंफ्लूएंसर की डिमांड लगातार बढ़ रही है।

3. ऑगमेंटेड रियलिटी (एआर):

ऑगमेंटेड रियलिटी ऐसी तकनीक है जिसके माध्यम से डिजिटल एलिमेंट्स को स्क्रीन और डिवाइस की मदद से रियल वर्ल्ड में बदला जा सकता है। अब जब ऑनलाइन ट्रैवल प्लान करने का ट्रेंड लगातार बढ़ रहा है, ऐसे में एआर का इस्तेमाल रेस्त्रां और होटल्स को विजुअली लोकेट करने में किया जा रहा है।

4. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस:

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) डेटा एनालाइज करने, इमेज, वाइस, वीडियो और टेक्स्ट के पैटर्न को आत्मसात कर इन्हें वैल्यू प्रदान करने में मदद करता है। ट्रैवल और टूरिज्म कंपनियां इस डेटा की मदद से अपने यहां आने वाले टूरिस्ट के ट्रैवलिंग ट्रेंड्स का पता लगा सकती हैं। इसके साथ ही एआई का उपयोग कर कंपनियां टूरिस्ट को इंटेलिजेंट रिकमेंडेशन प्रदान करती हैं। इसके लिए वे खुद के चैटबोट्स (इन्हें कन्वर्सेशनल एजेंट्स के रूप में जाना जाता है, जो कि एक तरह के सॉफ्टवेयर एप्लीकेशंस है, जो लिखी अथवा बोली गई ह्यूमन स्पीच को मिमिक करते हैं) भी तैयार करते हैं।

5. गाइड बन रहे रोबोट्स:

अब यह लगभग पूरी तरह स्थापित हो चुका है कि टूरिज्म इंडस्ट्री में रोबोट टेक्नोलॉजी लगातार मजबूत होती जा रही है। इस्तांबुल, म्यूनिख, शिफोल (एम्स्टर्डम) और चांगी (सिंगापुर) एयरपोर्ट्स में पैसेंजर्स को गाइड करने के लिए रोबोट्स का इस्तेमाल किया जाता है। यहां रोबोट्स पैसेंजर्स को फ्लाइट के बारे में अपडेट करते हैं, बाहर जाने और हवाई जहाज तक जाने के लिए निर्देश भी प्रदान करते हैं।