MP News: मध्य प्रदेश सरकार ने प्राइमरी और प्री-प्राइमरी क्लास में एडमिशन के लिए बच्चों की उम्र सीमा निर्धारित कर दी है. राज्य सरकार ने इसका आदेश जारी करते हुए सभी जिलों के कलेक्टर, डीईओ और डीपीसी को इन नियमों का पालन करने के निर्देश दिए हैं. बता दें कि भारत सरकार द्वारा नई शिक्षा नीति लागू करने के बाद बच्चों की पढ़ाई को शुरू करने के लिए उम्र सीमा निर्धारित किया गया है. जिसके बाद अब मध्य प्रदेश सरकार ने भी इन नियमों को लागू कर दिया है.
प्रदेश सरकार द्वारा जारी आदेश के मुताबिक, अब तीन साल से कम उम्र के बच्चों को नर्सरी में एडमिशन नहीं दिया जाएगा. किसी भी सरकारी या निजी स्कूल में 3 साल से कम उम्र के बच्चों को नर्सरी और 4 साल से कम उम्र के बच्चों को केजी-1 में एडमिशन नहीं मिल सकेगा. एडमिशन के लिए 1 अप्रैल की स्थिति में बच्चों की न्यूनतम और अधिकतम आयु सीमा तय की गई है.
नए नियमों के अनुसार, अब नर्सरी में एडमिशन लेने के लिए बच्चे की न्यूनतम उम्र 3 वर्ष और अधिकतम उम्र 4 वर्ष 6 माह होनी चाहिए. इसके साथ ही केजी-1 में एडमिशन के लिए बच्चों की न्यूनतम उम्र 4 वर्ष और अधिकतम उम्र 5 वर्ष 6 माह होनी चाहिए. वहीं, केजी-2 में एडमिशन के लिए बच्चों की न्यूनतम उम्र 5 वर्ष और अधिकतम उम्र 6 वर्ष 6 माह होनी चाहिए. जबकि, क्लास फर्स्ट में एडमिशन के लिए बच्चों की न्यूनतम उम्र 6 वर्ष और अधिकतम उम्र 7 वर्ष 6 माह होनी चाहिए.