युद्ध में भी हैकिंग महत्वपूर्ण औजार बन रहा है जिसके अन्तर्गत दुश्मन की महत्वपूर्ण वेबसाइट को हैक कर जरूरी जानकारी प्राप्त की जाती है या उनके कार्यकलापों को ठप कर दिया जाता है..!!
जीवन के सभी क्षेत्रों में इंटरनेट और वेबसाइटों का उपयोग बढ़ता जा रहा है, इससे संबंधित अपराधों और हैकिंग के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं। युद्ध में भी हैकिंग महत्वपूर्ण औजार बन रहा है जिसके अन्तर्गत दुश्मन की महत्वपूर्ण वेबसाइट को हैक कर जरूरी जानकारी प्राप्त की जाती है या उनके कार्यकलापों को ठप कर दिया जाता है।
ऐसे खतरों से बचाने और देश के लिए महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए एथिकल हैकर्स द्वारा प्रयुक्त एथिकल हैकिंग की सहायता उल्लेखनीय होती है। विकसित और विकासशील देशों में एथिकल हैकर्स की मांग बढ़ती जा रही है और यह उभरता हुआ कैरियर बन रहा है। एथिकल हैकिंग के कार्य में समस्या-समाधान, नवाचार और प्रभावशाली कार्य का संयोजन होता है।
इसमें कंप्यूटर सिस्टम, नेटवर्क और डेटा को अनधिकृत पहुंच, उपयोग, प्रकटीकरण, व्यवधान, परिवर्तन या विनाश से सुरक्षित रखना शामिल है। साइबर हमलों का व्यक्तियों और संगठनों दोनों पर विनाशकारी प्रभाव हो सकता है। पिछले साल 80 प्रतिशत से अधिक भारतीय संगठनों ने कम से कम एक साइबर सुरक्षा घटना का अनुभव किया, जिससे लाखों डॉलर का नुकसान हुआ है।
वेब हमले, फ़िशिंग और सप्लाई चेन हमले सबसे ज़्यादा दर्ज की गई घटनाओं में से थे। दुनिया में साइबर हमले बढ़ रहे हैं, तथा संगठनों को बढ़ती संख्या में परिष्कृत खतरों का सामना करना पड़ रहा है। भारत आईटी उद्योग का एक प्रमुख केंद्र है जहां साइबर सुरक्षा के बढ़ते खतरे के परिदृश्य को देखते हुए, एथिकल हैकरों की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक बढ़ गई है।
हैकर्स के अलग-अलग प्रकार हैं, जिनमें व्हाइट-हैट हैकर्स : व्हाइट-हैट हैकर्स या एथिकल हैकर्स, सिस्टम की कमज़ोरियों की पहचान करने के लिए संगठनों के लिए काम करते हैं। वे अपने कौशल का उपयोग नैतिक उद्देश्यों के लिए करते हैं, नेटवर्क और सॉफ़्टवेयर सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं।
दूसरे होते हैं ब्लैक-हैट हैकर्स : ब्लैक-हैट हैकर्स कमज़ोरियों का फ़ायदा उठाने, डेटा चुराने, सेवाओं को बाधित करने और नुकसान पहंचाने के लिए अनधिकृत व अवैध हैकिंग करते हैं। तीसरे होते हैं ग्रे हैट हैकर्स जो नैतिक और दुर्भावनापूर्ण हैकिंग के बीच की रेखा को पार करते हैं। वे बिना अनुमति सिस्टम हैक करते हैं, कमज़ोरियां उजागर कर ऑर्गेनाइजेशन की सहायता करने का इरादा रखते हैं।
एथिकल हैकर्स सुरक्षा पेशेवर होते हैं जो सिस्टम में कमज़ोरियों की पहचान करने और उनका फ़ायदा उठाने के लिए दुर्भावनापूर्ण एक्टर्स यानी हैकर्स जैसी ही तकनीकों का इस्तेमाल करते हैं। हालांकि, अपने दुर्भावनापूर्ण समकक्षों के विपरीत, एथिकल हैकर्स उस संगठन की स्पष्ट अनुमति के साथ ऐसा करते हैं जिसका वे परीक्षण कर रहे हैं। वे डेटा चोरी करने या नुकसान पहुंचाने में रुचि नहीं रखते हैं। एथिकल हैकर्स आमतौर पर सुरक्षा कंपनियों, सरकारी एजेंसियों या बड़े संगठनों के लिए काम करते हैं। वे फ्रीलांसर या सलाहकार के रूप में भी काम कर सकते हैं।