भोपाल: उज्जैन हवाई पट्टी के किराये को वसूल न करने के मामले लोकायुक्त प्रकरण में अब पूर्व मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस भी दोषमुक्त होंगे। इस मामले में आईएएस अधिकारी अनिरुध्द मुखर्जी पहले ही दोषमुक्त हो चुके हैं।
दरअसल उज्जैन हवाई पट्टी को एक निजी एजेंसी यश एयरवेज को वर्ष 2006 में प्रशिक्षण कार्यक्रम हेतु ठेके पर दिया गया था तथा अनुबंध की शर्तों में हवाई पट्टी का का उसे उपयोग करने की अनुमति थी। परन्तु एक शिकायत पर लोकायुक्त ने इसमें अपराध पंजीबध्द कर आठ से अधिक तत्कालीन कलेक्टरों को आरोपी बना दिया था।
इस मामले में विमानन विभाग के तत्कालीन मुखिया अनिरुध्द मुखर्जी एवं इकबाल सिंह बैंस के खिलाफ लोकायुक्त ने सामान्य प्रशासन विभाग को पत्र लिख दिया था कि दोनों ने उक्त आठ तत्कालीन कलेक्टरों को बचाने का प्रयास किया। इस पर सामान्य प्रशासन विभाग ने अनिरुध्द मुखर्जी को कारण बताओं नोटिस जारी किया जिस पर मुखर्जी ने जो जवाब पेश किया उससे संतुष्ट होकर सामान्य प्रशासन विभाग ने उन्हें दोषमुक्त कर दिया। अब इकबाल सिंह बैंस को भी इसी आधार पर दोषमुक्त किया जायेगा।
इधर आठ कलेक्टरों के खिलाफ लोकायुक्त ने अभियोजन की स्वीकृति राज्य शासन से मांगी है। लेकिन इसमें स्वीकृति मिलना इसलिये कठिन है क्योंकि इकबाल सिंह बैंस ने केबिनेट से 10 मई 2021 को अप्रूवल ले लिया था कि उज्जैन हवाई पट्टी का उपयोग करने की चयनित एजेन्सी को उपयोग करने की अनुमति थी इसलिये किराया न वसूलने की बात बेमानी है क्योंकि जिसे हवाई पट्टी ठेके पर देते हैं उससे किराया नहीं लिया जाता है।