लटेरी लकड़ी चोर गिरोह ने वन कर्मियों को घेर कर पीटा


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स्टोरी हाइलाइट्स

पुलिस से नहीं मिली मदद, गुना वन मंडल के स्टाफ ने बचाई जान..!

भोपाल: विदिशा वन मंडल के लटेरी के जंगलों में एक बार फिर लकड़ी चोर गिरोह सक्रिय हो गया है. पिछली दफा मिली सरकार की सहानुभूति और मुआवजा राशि से उनके हौसले इतने बुलंद हो गए हैं कि वन विभाग के गश्ती दल के सदस्यों की पिटाई की, उनके वाहन क्षतिग्रस्त किए. गनीमत यह रही कि गुना वन मंडल का स्टाफ मौके पर नहीं पहुंचता तो वन कर्मियों के साथ अनहोनी घटना भी घट सकती थी.

घटना 1 जून सुबह चार बजे की है. वन परिक्षेत्र लटेरी उत्तर एवं दक्षिण का स्टाफ तिराहे पर पहुंचा तो लकड़ी चोरों का गिरोह  जंगल की ओर से लगभग 20 से 25 मोटरसाइकिलों से लकड़ी लेकर रायपुर की ओर जा रहे थे. गश्ती दल ने अपने बुलेरो गाड़ी  और तूफान गाड़ी से उनका पीछा किया. लकड़ी चोरों का पीछा करते-करते वन विभाग का गश्ती अमला मक्सूदनगढ़ सुठालिया बाईपास तक आ गया. लकड़ी चोर गिरोह के हौसले इतने बुलंद थे कि वे गोपालो पत्थरों से वन कर्मियों पर हमले शुरू कर दिए. उनके हमले से जीतेंद्र शर्मा वनरक्षक, गगनेंद्र भार्गव स्थाई कर्मी और संतोष को गंभीर चोटें आई. उनके वाहन भी क्षतिग्रस्त होने हो गए. इन सबके बाद भी वन कर्मियों ने गिरोह के दो लकड़ी चोरों को हिरासत में ले लिया. 

लकड़ी चोरों की संख्या 50 के आसपास होने लगी तब वन कर्मियों ने दो लकड़ी चोरों को अपने वाहन में बैठाकर मक्सूदनगढ़ थाने की ओर भागे. यहां पर पुलिस ने उनकी मदद नहीं की. इस बीच डीएफओ विदिशा ने मक्सूदनगढ़ रेंजर से संपर्क कर उनसे तत्काल मदद मांगी. मक्सूदनगढ़ रेंज के वन कर्मियों ने पहुंचकर लकड़ी चोर गिरोह से अपने साथियों को बचाया. वन कर्मियों ने मक्सूदनगढ़ थाने में एफ आई आर दर्ज कराना चाहिए किंतु पुलिस ने उन्हें भगा दिया. 

इनका कहना

पुलिस से कोई मदद नहीं मिली. यदि समय पर मक्सूदनगढ़ बन कर्मियों का स्टाफ नहीं पहुंचता तो लकड़ी चोर गिरोह द्वारा  को अंजाम दे दिया जाता. मक्सूदनगढ़ थाने में एफआईआर दर्ज नहीं की गई. पुलिस अधीक्षक से भी मदद मांगी है.

ओमकार मर्सकोले, डीएफओ विदिशा