बायोस्फियर रिजर्व बनाने का कार्य वन विभाग के बिजनेस रुल्स से हटा


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स्टोरी हाइलाइट्स

प्रदेश में अब तक पचमढ़ी एवं अमरकंटक ही बायोस्फियर बने हैं तथा इनके अलावा अन्य कोई वन क्षेत्र बायोस्फियर नहीं बन पाया है..!!

भोपाल: प्रदेश में बायोस्फियर रिजर्व बनाना वन विभाग के बिजनेस रुल्स जिन्हें कार्य आवंटन नियम भी कहा जाता है, हट गया है। उल्लेखनीय है कि सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभागों के बिजनेस रुल्स यानि ये विभाग क्या-क्या कार्य करेंगे, के संबंध में नियम बना रखे हैं। इन्हीं में वन विभाग के बिजनेस रुल्स भी हैं जिन्हें अब अनडेट किया जाना है और सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभागों से अपने बिजनेस रुल्स अपडेट करने के निर्देश दिये हुये हैं। 

उल्लेखनीय है कि प्रदेश में अब तक पचमढ़ी एवं अमरकंटक ही बायोस्फियर बने हैं तथा इनके अलावा अन्य कोई वन क्षेत्र बायोस्फियर नहीं बन पाया है। बायोस्फियर में सभी का यानि वहां रह रहे मनुष्यों, वनों एवं वन्यप्राणियों का संरक्षण होता है।

भोपाल स्थित वन मुख्यालय ने राज्य शासन के समक्ष अपने बिजनेस रुल्स में जो बदलाव प्रस्तावित किये हैं, उनमें नीति संबंध विषयों में से बायोस्फियर रिजर्व हटा दिया गया है और तीन नये विषय यथा वानिकी प्रशिक्षण, काष्ठ एवं वनोपज का नीलामी द्वारा निस्तारण तथा वन विकास अभिकरण एवं राष्ट्रीय हरित भारत के अंतर्गत गठित समितियों में एंट्री पाईंट एक्टीविटिज (ग्राम विकास कार्य) का सम्पादन जोड़ दिये हैं। 

इसी प्रकार, बिजनेस रुल्स में वन विभाग द्वारा प्रशासित अधिनियम एवं नियम के अंतर्गत साते नये विषय  जोड़े हैं जिनमें शामिल हैं : प्रतिकरात्मक वनरोपण निधि अधिनियम 2016, जैव विविधता अधिनियम 2002, प्रतिकरात्मक वनरोपण निधि नियम 2018, जैव विविधता नियम 2004, मप्र जैव विविधता नियम 2004, मप्र वन उपज जैव विविधता का संरक्षण एवं पोषणीय कटाई नियम 2005 एवं मप्र वन मनोरंजन एवं वन्यप्राणी अनुभव क्षेत्र नियम 2015 जो सम्मिलित किये गये हैं। इसी प्रकार, वन विभाग के अंतर्गत आने वाली संस्थाओं में मप्र राज्य बांस मिशन एवं बांस शिल्प विकास बोर्ड को शामिल किया गया है। इसके अलावा, वन विभाग के अ्रतर्गत आने वाली सेवाओं में संविदा नियुक्ति को भी जोड़ा गया है। ये सभी विषय वन विभाग के बिजनेस रुल्स में शामिल नहीं थे, जो अब जोड़े जायेंगे।