MP Vidhan Sabha Satra: शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन हंगामा, कृषि मंत्री बेहोश, कांग्रेस ने उठाए किसानों के मुद्दे


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स्टोरी हाइलाइट्स

MP Assembly Winter Session: मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन कांग्रेस विधायक दल ने राज्य के किसानों के हितों और अधिकारों की रक्षा के लिए सरकार के खिलाफ जोरदार सांकेतिक विरोध प्रदर्शन किया, इस बीच, सदन की कार्यवाही के दौरान कृषि मंत्री की तबीयत बिगड़ गई..!!

MP Assembly Winter Session: मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के  दूसरे दिन विपक्ष किसानों के मुद्दों पर हावी रहा। विरोध प्रदर्शन करते हुए कांग्रेस ने कहा कि वह किसानों के सम्मान के लिए मैदान में है। कृषि मंत्री और BJP सरकार किसानों को किसान तक नहीं मानती। अपनी पहचान छिपाने की कोशिश में उन्होंने किसानों की पहचान मानने से इनकार कर दिया। यह जनविरोधी सरकार मुद्दे तो बदल देती है लेकिन फैसले नहीं लेती। इसी बीच विधानसभा सदन में प्रश्नकाल के दौरान कृषि मंत्री एदल सिंह कंसाना की तबीयत अचानक बिगड़ गई। 

विधानसभा शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन कांग्रेस विधायक दल ने राज्य के किसानों के हितों और अधिकारों की रक्षा के लिए किसान विरोधी BJP सरकार के खिलाफ जोरदार सांकेतिक विरोध प्रदर्शन किया। 

कांग्रेस ने कहा कि BJP सरकार चुनावी वादों में बड़े-बड़े वादे करती है, लेकिन किसानों के साथ लगातार धोखा करती आई है। "सबका साथ, सबका विकास" सिर्फ राजनीतिक मंच तक सीमित रह गया है, जबकि हकीकत यह है कि किसानों को सड़कों पर विरोध प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। कांग्रेस विधायक दल किसानों के सम्मान और हक की लड़ाई में पूरी ताकत से खड़ा है और उनके हक के लिए लड़ता रहेगा।

विधानसभा नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा, “विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन कांग्रेस विधायक दल ने प्रदेश के किसानों के हक की रक्षा के लिए किसान विरोधी BJP सरकार के खिलाफ सांकेतिक विरोध प्रदर्शन किया। प्रदेश के किसान कभी खाद, कभी सही खरीद मूल्य, तो कभी मुआवजे के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैं। आज प्रदेश के अन्नदाता बेबस होकर सड़कों पर विरोध करने को मजबूर हैं। सत्ताधारी पार्टी भाव-भेद का खेल खेलती रही, जबकि किसानों की चिड़िया BJP सरकार किसानों का खेत खा गई।”

आपको बता दें, कि इसी बीच विधानसभा में कार्यवाही शुरू होते ही कृषि मंत्री एंदल सिंह कंसाना को चक्कर आने लगे और वे बेहोश हो गए। जिसके चलते कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी। 

जैसे ही मुख्यमंत्री सदन में दाखिल हुए, उन्होंने कंसाना को बेहोश देखा। वे तुरंत कंसाना के पास गए। फिर स्पीकर और दूसरे लोग कंसाना के पास पहुंचे। सदन में मौजूद डॉक्टरों को आनन-फानन में बुलाया गया, जहां से स्थिति को देखते हुए मंत्री को अस्पताल भेजा गया।

मेडिकल जांच के बाद मंत्री खुद सदन से चलकर बाहर आए। इसके बाद वे अपनी कार में बैठकर अस्पताल के लिए निकल गए। खास बात यह है कि जब मंत्री खुद अपनी कार में अस्पताल के लिए निकले, तो एक एंबुलेंस विधानसभा पहुंच गई।