स्टोरी हाइलाइट्स
लोभ नहीं, मन मोह नहीं, उसके मन में रघुवीर बसेंगे।मातु-पिता, गुरु की करि भक्ति सदा नर पुण्य अधीर रहेंगे।।
श्रीराम पर दो सवैया प्रस्तुत हैं:-
सुन्दरी सवैया
बिनु राम कृपा नहिं राम भजे नर, राम कृपा जन मोक्ष दिलाती।
भव बन्धन तारक नाम यही, भजती रसना मन को हर्षाती।।
यह नाम जपा रतनाकर ने वह चोर बना कवि राम सुहाती।
महिमा जिसकी शिवजी कहते, वह रामकथा सतसंगति दाती।।
"मत्त गयंद सवैया छन्द"
लोभ नहीं, मन मोह नहीं, उसके मन में रघुवीर बसेंगे।
मातु-पिता, गुरु की करि भक्ति सदा नर पुण्य अधीर रहेंगे।।
लोभ तजे मन में धरि भाव भजे रघुनायक पीर हरेंगे।
जो नर जानि सके यह मर्म दयानिधि वीर सुधीर करेंगे।।
नाम बड़ो नहिं काम बड़ो यह बात न जानि सके नर नारी।
राम जपे सब काम सधे नहिं पाप रहे न रहे मन भारी।।
नाम महामहिमा भगवान जपे नित नारदजी करतारी।
श्रीरघुवीर जपै हनुमान भये कलिकालनि संकट हारी।।
कमल किशोर दुबे