राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की मंजूरी से ही बन सकेगा रातापानी टाइगर रिजर्व


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स्टोरी हाइलाइट्स

राज्य वन्य प्राणी बोर्ड ने रातापानी टाइगर रिजर्व अधिसूचित करने की आवश्यक कार्यवाही तत्परता से किये जाने की अनुशंसा की है..!!

भोपाल: राजधानी भोपाल के निकट रातापानी अभयारण्य को प्रदेश का आठवां टाइगर रिजर्व बनाने के लिये केंद्र सरकार के राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की स्वीकृति लगेगी। यह बात राज्य के वन विभाग ने मुख्यमंत्री मानिट में दर्ज कराई है। 

मानिट में बताया गया है कि राज्य वन्य प्राणी बोर्ड ने रातापानी टाइगर रिजर्व अधिसूचित करने की आवश्यक कार्यवाही तत्परता से किये जाने की अनुशंसा की है। यह टाइगर रिजर्व बनाने का प्रस्ताव सोलह साल से वर्ष 2008 से लंबित है। ज्ञातव्य है कि केंद्रीय वन मंत्री भूपेन्द्र यादव ने रातापानी टाइगर रिजर्व बनाने के लिए मप्र सरकार से आग्रह किया हुआ है तथा उनकी यह बात सीएम मानिट में दर्ज है। इसी मानिट के फालोअप में राज्य के वन विभाग ने उक्त टीप लिखी है।

ये हैं दिक्कतें :

दरअसल रातापानी को टाइगर रिजर्व बनाने के लिये वन विभाग को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस अभयारण्य के क्षेत्र में कई नेताओं एवं अफसरों की भूमियां, रिसोर्ट एवं क्रेशर्स हैं। इसके अलावा, इस अभयारण्य के वनमंडल औबेदुल्लागंज के अंतर्गत 31 ग्रामों, सीहोर वनमंडल के 6 ग्रामों तथा भोपाल वनमंडल के एक ग्राम की सहमति अभी तक नहीं मिल पाई है। इन कुल 38 ग्रामों की टाइगर रिजर्व बनाने के लिये वन विभाग का अमला सहमति लेने का प्रयास कर रहा है। 

जबकि इस अभयारण्य में आने वाले अन्य 37 ग्रामों का सहमति अब तक ली जा चुकी है। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान भी रातापानी को टाइगर रिजर्व बनाने से असहमत हैं क्योंकि टाइगर रिजर्व बनने से इस क्षेत्र के ग्रामों एवं भूमियों आदि पर अनेक प्रतिबंध लग जायेंगे। उल्लेखनीय है कि रातापानी अभ्यारण का क्षेत्र बुधनी विधानसभा क्षेत्र में आता है और यह विधानसभा क्षेत्र विदिशा लोकसभा सीट में भी है जहां से शिवराज सिंह चौहान सांसद हैं।