बुधवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव केंद्रीय कृषि मंत्री और विदिशा सांसद शिवराज सिंह चौहान के साथ विदिशा पहुंचे। दोनों दिग्गज नेताओं ने शहर में रोड शो किया। रोड शो के लिए भारी भीड़ एकत्र हुई थी। रोड शो के बाद एक जनसभा को भी संबोधित किया। इस अवसर पर शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री को 82 हजार से अधिक प्रधानमंत्री आवासों के निर्माण के लिए स्वीकृति पत्र सौंपा।
शिवराज सिंह चौहान ने एक जनसभा में मांग उठाई कि, "विदिशा को नगर निगम बनाया जाना चाहिए। विदिशा शहर की आबादी भले ही नगर निगम के मापदंड के अनुसार न हो, लेकिन आस-पास के इलाकों को मिलाकर इसे नगर निगम बनाया जा सकता है।"
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विदिशा को नगर निगम बनाने की मांग उठाई थी, लेकिन उन्हें उम्मीद नहीं थी कि मुख्यमंत्री मोहन यादव उनकी मांग को इतनी गंभीरता से लेंगे। शिवराज के संबोधन के तुरंत बाद जब मुख्यमंत्री ने माइक संभाला तो उन्होंने तुरंत ही शिवराज की मांग पूरी करते हुए विदिशा को नगर निगम बनाने की घोषणा कर दी।
सीएम मोहन यादव की इस घोषणा से पूरा पंडाल तालियां की गड़गड़हट से गूंज उठा। हालांकि किसी को भी ये उम्मीद नहीं थी कि मुख्यमंत्री एक ही बार में विदिशा को इतनी बड़ी सौगात दे देंगे। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने यह भी कहा, ''यदि आगामी नगरीय निकाय चुनाव होंगे तो विदिशा में चुनाव केवल नगर निगम के लिए ही होंगे।'' इस तरह विदिशा मध्य प्रदेश का 17वां नगर निगम बन जाएगा।
इसके साथ ही शिवराज सिंह चौहान ने विदिशा की जनता की मांगों को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव के समक्ष दो और मांगें रखीं। एक अन्य मांग के अनुसार, "विदिशा शहर को भी नर्मदा का पानी मिलना चाहिए। इसके लिए राज्य सरकार को योजना बनानी चाहिए, ताकि नर्मदा का पानी विदिशा में लाया जा सके।" इसके साथ ही शिवराज ने विदिशा जिला अस्पताल को मर्ज करने की मांग भी उठाई और मेडिकल कॉलेज को इससे दूर रखा जाए।" हालांकि, मुख्यमंत्री ने इन दोनों मांगों पर कोई संकेत नहीं दिया। लेकिन विदिशा शहर के लोगों को उम्मीद है कि ये दोनों मांगें जल्द ही मान ली जाएंगी।
उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश में वर्तमान में कुल 16 नगर निगम हैं। वर्ष 2022 में हुए नगर निगम चुनाव में भाजपा ने 09 नगर निगमों पर कब्जा किया। वहीं कांग्रेस ने 05 सीटों पर कब्जा किया। एक नगर निगम आप के खाते में गया, जबकि दूसरे में भाजपा के खिलाफ बगावत करके एक निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत हासिल की। रेवानी के साथ ही कांग्रेस ने ग्वालियर, मुरैना, जबलपुर और छिंदवाड़ा में नगर निगम चुनाव जीते।
वहीं, उज्जैन, खंडवा और बुरहानपुर में भाजपा मामूली अंतर से जीती। सिंगरौली में आप और कटनी में निर्दलीय उम्मीदवार विजयी हुए। लेकिन इसके बाद बदली राजनीतिक परिस्थितियों में जबलपुर और मुरैना के महापौर भाजपा में शामिल हो गए। खास बात यह है कि पिछले चुनाव में सभी 16 नगर निगमों पर भाजपा का कब्जा था।