शराब की शार्टेज, सप्लाई ठप हो जाने से कई दुकाने बंद, नहीं मिल रही बीयर


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स्टोरी हाइलाइट्स

प्रदेश में चल रहे पंचायत और नगर निकाय चुनावों के कारण वाइन और बीयर की बिक्री में ऐसा उछाल आया है. इस कारण प्रदेशभर में शराब और बीयर का स्टाक खत्म हो रहा है..!

 खपत में उछाल आने से बनी कमी, बीयर की बिक्री दोगुनी होने से उपलब्धता पर असर

भोपाल: मध्य प्रदेश में शराब की शार्टेज है, सप्लाई ठप सी हो गई है, बीयर तो ढूंढे नहीं मिल रही है। इससे कई दुकानें भी बंद हो गईं हैं। एकाएक शराब की खपत बढ़ जाने से यह स्थिति पैदा हुई है। इंदौर,ग्वालियर और राजधानी भोपाल तक में ऐसे हालात बन गए हैं। आपूर्ति नहीं होने के कारण छोटे जिलों में तो शराब सप्लाई पूरी तरह ठप हो चुकी है। दरअसल पिछले कुछ दिनों से शराब दुकानों पर बीयर की बिक्री करीब दोगुनी हो गई जबकि देसी शराब की खपत 35 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ चुकी है। शराब बिक्री में आगामी एक माह तक कुछ ऐसा ही उछाल बने रहने की संभावना है। प्रदेश में चल रहे पंचायत और नगर निकाय चुनावों के कारण वाइन और बीयर की बिक्री में ऐसा उछाल आया है। इस कारण प्रदेशभर में शराब और बीयर का स्टाक खत्म हो रहा है।

शराब के लाइसेंस और दुकानों के विक्रेता बताते हैं कि प्रदेश में देसी शराब की खपत 35 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ गई है। बीयर की खपत तो दोगुनी से भी ज्यादा हो चुकी है। मई से जुलाई तक बीयर की खपत आमतौर पर ज्यादा होती ही है पर इस बार तो सभी रिकार्ड टूट चुके हैं। बताया जा रहा है कि बीयर की इतनी अधिक डिमांड है कि वेयरहाउस से सप्लाई आते ही इसका स्टाक खत्म हो रहा है। हालत ये है कि बीयर के लिए रोजाना कई ठेकेदार आबकारी कार्यालयों और अफसरों के चक्कर काट रहे हैं।

बाजार में बीयर की खपत इतनी ज्यादा हो चुकी है कि शराब दुकानों पर बीयर के सभी प्रचलित ब्रांड गायब हो चुके हैं। बड़े या नामी गिरामी बीयर के ब्रांड दुकानों पर हैं ही नहीं क्योंकि निर्माता कंपनियां भी इतनी अधिक मात्रा में मांग के अनुरूप सप्लाई नहीं कर पा रहीं हैं। नौबत यह आ गई है कि दुकानों पर छोटी कंपनी के एक या दो ब्रांड ही मिल रहे हैं। बड़े ब्रांड नहीं मिलने के कारण ग्राहक इन्हें ही हाथों हाथ खरीद ले रहे हैं। बीयर की जबर्दस्त खपत को लेकर आबकारी विभाग के अफसर भी हैरान हो रहे हैं।

कुछ छोटे जिलों में तो आपूर्ति नहीं होने के कारण शराब सप्लाई पूरी तरह ठप हो चुकी है। बताया जा रहा है कि भोपाल, इंदौर और ग्वालियर जैसे जिलों में भी शराब सप्लाई के कमोबेश बुरे हाल हैं। इसे मुख्यत: चुनाव का असर बताया जा रहा है। पंचायत चुनाव और निकाय चुनाव के कारण देसी शराब की खपत में ये उछाल आया है। इसी कारण बीयर की भी मांग अधिक हुई है हालांकि कंपोजिट दुकान फार्मूला के कारण भी दुकानों पर शराब की बिक्री बढ़ी है।


 

SEEMAA DIWAN

SEEMAA DIWAN

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