SIR Protest: SIR के विरोध के चलते नहीं चल पाई संसद, दोनों सदन 28 जुलाई तक स्थगित


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स्टोरी हाइलाइट्स

SIR Protest:मानसून सत्र में विपक्ष लगातार बिहार में विपक्ष SIR का विरोध कर रहा है, I.N.D.I.A. अलायंस ने प्रतीकात्मक SIR कॉपी कूड़ेदान में फेंक दी..!!

SIR Protest: संसद के मानसून सत्र के पाँच दिन हंगामे की भेंट चढ़ गए हैं। पिछले पाँच दिनों में संसद में कोई कामकाज नहीं हो सका। विपक्ष बिहार में SIR और मतदाता सूची पुनरीक्षण के मुद्दे पर कड़ा विरोध जता रहा है। विपक्ष के लगातार हंगामे और नारेबाजी के बीच लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही पहले कुछ घंटों के लिए और फिर पूरे दिन के लिए, बाद में 28 जुलाई सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

जगदीप धनखड़ ने मानसून सत्र के पहले दिन उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया। उनके इस्तीफे के बाद विपक्ष सवाल उठा रहा है कि इतना बड़ा फैसला अचानक क्यों लिया गया?

सरकार इस मानसून सत्र में 16 विधेयक पेश कर सकती है। इनमें मर्चेंट शिपिंग विधेयक, भारतीय बंदरगाह विधेयक 2025, तटीय नौवहन विधेयक, राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक, राष्ट्रीय डोपिंग रोधी संशोधन विधेयक, मणिपुर जीएसटी विधेयक, आईआईएम संशोधन विधेयक और कराधान संशोधन विधेयक शामिल हैं।

राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने संसद परिसर में I.N.D.I.A. ब्लॉक के विरोध प्रदर्शन के दौरान प्रतीकात्मक रूप से एसआईआर (SIR) का कागज फाड़कर कूड़ेदान में फेंक दिया।

बिहार एसआईआर (SIR) पर विपक्ष के विरोध पर केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन (ललन) सिंह ने कहा, "वे एसआईआर (SIR) क्यों चाहते हैं? एक मतदाता जिसकी मृत्यु हो गई है, एक मतदाता जो देश छोड़कर स्थायी रूप से चला गया है, एक मतदाता जो दो जगहों पर पंजीकृत है या एक व्यक्ति जो देश का नागरिक नहीं है - वे मतदाता क्यों बनना चाहते हैं? वे चाहते थे कि हम उन्हें एकतरफा खेलने दें। ऐसा नहीं होता।" 

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा, "...चुनाव आयोग इस मामले में हर परंपरा और मिसाल के खिलाफ जा रहा है। मौजूदा मतदाता सूचियाँ उस मतदाता सूची में शामिल संबंधित लोगों की जाँच के बाद तैयार की गई हैं। अगर मौजूदा मतदाता सूची पर कोई आपत्ति है, तो आप उसकी समीक्षा कर सकते हैं। आप जो कर रहे हैं, वह नहीं कर सकते।"

वहीं टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने SIR पर कहा, "भारत के इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। चुनाव आयोग भाजपा की एक शाखा की तरह काम कर रहा है। मुख्य चुनाव आयुक्त भाजपा के प्रवक्ता की तरह बोलते हैं, 24 घंटे में लापता मतदाताओं की संख्या 11,000 से बढ़कर 1 लाख से ज़्यादा हो गई है... अगर गृह मंत्रालय यह कहना चाह रहा है कि बिहार में 56 लाख अवैध मतदाता हैं, तो वे कहाँ से आए?"