पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद चुनाव आयोग ने उपराष्ट्रपति पद के चुनाव की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों के चलते 21 जुलाई सोमवार देर रात इस्तीफा दे दिया।
उपराष्ट्रपति का चुनाव लोकसभा और राज्यसभा के सभी सदस्य मिलकर करते हैं। सत्तारूढ़ एनडीए के पास उपराष्ट्रपति चुनने के लिए पर्याप्त सांसद हैं। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि देश को जल्द ही नया उपराष्ट्रपति मिल सकता है।
आपको बता दें कि वर्तमान में 543 लोकसभा सीटों में से एक और 245 राज्यसभा सीटों में से 5 खाली हैं। पश्चिम बंगाल की बशीरहाट सीट से कोई भी लोकसभा सांसद नहीं है। वहीं, राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर से 4 और पंजाब से 1 सीट खाली है।
दोनों सदनों में सांसदों की कुल संख्या 786 है और उपराष्ट्रपति का चुनाव जीतने वाले उम्मीदवार को केवल 394 वोटों की आवश्यकता होती है, यानी 394 का बहुमत पाकर उम्मीदवार उपराष्ट्रपति बन सकता है। इस चुनाव में राज्य विधानसभाओं या विधान परिषदों की कोई भूमिका नहीं होती है।
सत्तारूढ़ दल एनडीए की बात करें तो उसके लोकसभा में 293 और राज्यसभा में 129 सांसद हैं। यह स्पष्ट है कि एनडीए के पास 422 सांसद हैं और उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित करने के लिए 394 के बहुमत की आवश्यकता है, जो सत्तारूढ़ पार्टी के सांसदों के मतदान के माध्यम से आसानी से मिल जाएगा।