“ड्रोन कैमरे” सुरक्षा के लिए खतरा,  हवा में मंडराता खुफिया जासूस


स्टोरी हाइलाइट्स

पूरे भारत में ड्रोन कैमरे का कारोबार तेजी से फल-फूल रहा है|एक अनुमान के मुताबिक इंडिया में ड्रोन का घरेलू बाजार लगभग 7000 करोड़ का है| ड्रोन कैमरे

“ड्रोन कैमरे” सुरक्षा के लिए खतरा,  हवा में मंडराता खुफिया जासूस भारत में ड्रोन कैमरे का कारोबार तेजी से फल-फूल रहा है| एक अनुमान के मुताबिक इंडिया में ड्रोन का घरेलू बाजार लगभग 7000 करोड़ का है| देश में लगभग  5 लाख से ज्यादा अवैध ड्रोन उड़ रहे हैं| दुनिया में ड्रोन के जरिए हमले के कई मामले सामने आए हैं| हथियार गिराने से लेकर  पेट्रोलियम कंपनी पर हमले की घटनाओं ने सुरक्षा एजेंसियों को सोचने पर मजबूर कर दिया है| एक अनुमान के मुताबिक हिंदुस्तान में इस समय छह लाख से ज्यादा मानव रहित एयर व्हीकल यूवी उड़ान भर रहे हैं| ड्रोन सुरक्षा एजेंसियों के लिए नई चुनौती बन गए हैं| एक निजी एजेंसी के सर्वेक्षण रिपोर्ट से खुलासा हुआ था कि देश में छह लाख से ज्यादा non-registered ड्रोन मौजूद है जो बिना किसी अनुमति के उड़कर देश के अधिकारों की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकते हैं| हालांकि यह ड्रोन केंद्र सरकार के कानून के पहले खरीदे गए थे| हाल ही में केंद्र सरकार ने ड्रोन को लेकर नियम जारी किए हैं जिसमें कहा गया है कि मानव रहित विमान प्रणाली नियम 2021 के तहत ड्रोन का अनाधिकृत आयात, खरीदना, बेचना, लीज पर देना दंडनीय होगा और साथ ही इसके लिए आपको  फाइन भी भरना होगा। यही नहीं, जो व्यक्ति ड्रोन उड़ा रहा है और अगर उसके पास रिमोट पायलट का लाइसेंस नहीं है तो यह भी  अपराध की कैटेगरी में आएगा। एक तरफ सरकार नियम जारी कर रही है तो दूसरी तरफ ड्रोन का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है| नॉन रजिस्टर्ड ड्रोन देश के हवाई अड्डों के लिए खतरा साबित हो सकते हैं|  देश में कई एयरपोर्ट के आसपास संदिग्ध ड्रोन देखे गए हैं| देश की कई संवेदनशील इमारतों के आसपास उड़ रहे ड्रोंस को निष्क्रिय करने के लिए तकनीक सर्व-सुलभ नहीं  है हालांकि इस दिशा में सरकार काम कर रही है और एंट्री ड्रोन पॉलिसी के तहत ड्रोन डिटेक्शन सिस्टम लगाये जा रहे हैं| एयरपोर्ट के आस-पास यदि कोई ड्रोन उड़ता दिखाई देता है तो उसे बिना किसी देरी के मार गिराया जाएगा| सीआईएसएफ को भी एलएमजी सहित ऐसे हथियार मुहैया कराये जा रहे हैं जिनकी मारक क्षमता 600 मीटर तक है| भारत सरकार ड्रोनरोधी तकनीक के परीक्षण भी कर रही है| कई देश ऐसे हैं  जिनके पास ड्रोन गन रोधी और जीपीएस कार्यप्रणाली को जाम करने की तकनीक है| यह टेक्निक मोबाइल सिग्नल को भी रोकने में सक्षम है| रसिया ने एक नई टाइनी एंटी ड्रोन तकनीक विकसित की है जो साढे सात  किलोमीटर दूर से मिनी ड्रोन को डिटेक्ट कर नष्ट कर सकती है| ड्रोन बनाना आसान है लेकिन उन्हें पकड़ना थोड़ा मुश्किल है| खास तौर पर छोटे ड्रोन को| ऑटोनॉमस ड्रोन के मामले में जैमर पूरी तरह फेल है क्योंकि वह पहले से ही प्रोग्राम्ड होते हैं और जीपीएस बेस्ड होते हैं| इन ड्रोन  को डीएक्टिवेट करने के लिए स्पूफिंग से ड्रोन के जीपीएस को हैक करने की तकनीक होनी चाहिए|यह सारी टेक्नोलॉजी ड्रोन बनाने से काफी महंगी है| हालांकि सुरक्षा संबंधी चुनौतियों को देखते हुए सरकार ने जो नए नियम जारी किए हैं उनमें देश भर में अब 250 ग्राम से ज्यादा वजन के ड्रोन उड़ाने के लिए लाइसेंस और ट्रैनिंग अनिवार्य कर दी गई है। बिना ट्रैनिंग और लाइसेंस ड्रोन उड़ाने पर 25 हजार रुपए तक के फाइन का प्रावधान किया गया है। रिमोट पाइलेट लाइसेंस के लिए  कम से कम 18 वर्ष की उम्र, दसवीं तक की पढ़ाई, मेडिकली फिट होने के साथ साथ  गवर्नमेंट एग्जाम भी पास करना होगा। एयरपोर्ट्स, सैन्य संस्थानों के निकट और अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के भीतर 25 किलोमीटर तक ड्रोन को बेन कर दिया गया है। राज्यों के सचिवालय, विधानसभा और रक्षा संस्थानों के आसपास भी ड्रोन उड़ाने की  परमिशन नहीं होगी। नेनो ड्रोन का वजन 250 ग्राम तक  परमीसिबल होगा, इससे ज्यादा वेट के सभी ड्रोन पर नियम लागू होंगे। नेनो ड्रोन 15 मीटर, माइक्रो ड्रोन 60 मीटर और स्मॉल ड्रोन 120 मीटर तक की ऊंचाई पर फ्लाई कर पाएगा। हालांकि तमाम नियमों के होने के बावजूद भी ड्रोन के दुरुपयोग की संभावनाएं बनी हुई हैं| आम नागरिकों और सरकारी एजेंसियों को अब और ज्यादा सतर्क होना होगा| आम नागरिक भी अपने आसपास बड़े ड्रोन को उड़ते देख सरकारी एजेंसियों को सूचित कर सकते हैं|