मीणा ऑडियो कांड: वन बल प्रमुख और जांच कमेटी में मतभेद, मोहन के प्रति दिखा विभाग प्रमुख का साफ्ट कार्नर... गणेश पाण्डेय 


स्टोरी हाइलाइट्स

मीणा ऑडियो कांड: जंगल महकमे में बहुचर्चित मोहन मीणा ऑडियो कांड की जांच तो प्रारंभ हो गई है. निष्पक्ष जांच होगी, इस पर संदेह जताया जा रहा है. जांच....

मीणा ऑडियो कांड: वन बल प्रमुख और जांच कमेटी में मतभेद, मोहन के प्रति दिखा विभाग प्रमुख का साफ्ट कार्नर... गणेश पाण्डेय भोपाल:  जंगल महकमे में बहुचर्चित मोहन मीणा ऑडियो कांड की जांच तो प्रारंभ हो गई है. निष्पक्ष जांच होगी, इस पर संदेह जताया जा रहा है. जांच कमेटी सदस्यों और वन बल प्रमुख आरके गुप्ता के बीच मतभेद की खबरें सुनाई दे रही है. जांच कमेटी चाहती मोहन मीणा को हटाकर जांच की जाए किंतु वन वन प्रमुख सहमत नहीं. अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं बैतूल के पदेन वन संरक्षक मोहन मीणा के ऑडियो वायरल होने पर प्रमुख सचिव वन अशोक वर्णवाल के निर्देश पर जांच कमेटी का गठन किया गया. जबकि वन बल प्रमुख आर के गुप्ता जांच के पक्ष में नहीं थे. कमेटी के गठन से लेकर सदस्यों के चयन में अशोक वर्णवाल की पसंद की वजह से ही विभाष ठाकुर कमेटी के सदस्य बने. यहां यह उल्लेखनीय है कि वन बल प्रमुख गुप्ता और ठाकुर के बीच 36 का आंकड़ा है. यह संबंध तब बने जब अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक विभाष ठाकुर केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के क्षेत्रीय कार्यालय भोपाल में पदस्थ और आरके गुप्ता बन विकास निगम के एमडी हुआ करते थे. निगम के कटाई संबंधित प्रस्ताव पर विभास ठाकुर आपत्तियां लगाकर वापस कर दिया करते थे. इसके कारण वन विकास निगम आर्थिक संक्रमण काल में प्रवेश करने लगा था. गुप्ता ने केंद्रीय वन मंत्रालय के क्षेत्रीय कार्यालय से ठाकुर को हटाने के लिए भारत सरकार को पत्र लिखें और फिर उन्हें वहां से हटाया गया. *ऐसे उजागर हुआ मीणा के प्रति गुप्ता का सॉफ्ट कॉर्नर सूत्रों ने बताया कि प्रमुख सचिव द्वारा जांच कमेटी गठित किए जाने की खबर मिलते ही एपीसीसीएफ एवं पदेन वन संरक्षक बैतूल मोहन मीणा भोपाल आए. वन मंत्री विजय शाह और वन बल प्रमुख आर के गुप्ता से बातचीत कर बचाव करने का अनुनय-विनय किया. इसके बाद से मीणा के प्रति गुप्ता की संवेदनाएं दिखाई देने लगे. मोहन को हटाने को लेकर जब कतिपय अधिकारी वन बल प्रमुख गुप्ता से चर्चा की तब उन्होंने कहा कि आरक्षित वर्ग का है इसलिए बच जाएगा. गुप्ता का यह तर्क अधिकारियों के गले नहीं उतर रहा है. अब यह यक्ष प्रश्न बन गया है कि मोहन मीणा पर कार्रवाई होगी भी कि नहीं? Latest Hindi News के लिए जुड़े रहिये News Puran से.