Kanpur Rail Accident: पिछले कुछ दिनों से देशभर में रेलवे ट्रैक से छेड़छाड़ और रेलवे ट्रैक बाधित करने के कई मामले सामने आए हैं। इस बात को लेकर चर्चा जोरों पर है, कि इस तरह की साजिशें कौन रच रहा है। इसके पीछे किसका हाथ है।
हाल की घटनाओं की बात करें तो लगातार ट्रेनें पटरी से उतर रही हैं और पिछले कुछ दिनों में कई जगहों पर ट्रैक के साथ छेड़छाड़ की गई है और एक जगह पर ट्रैक पर बड़े-बड़े लकड़ी के गुटके रख दिए गए। अब कानपुर से भी कथित तौर पर ट्रेन पलटने की कोशिश की गई।
कानपुर-कासगंज रूट पर बड़राजपुर और बिल्हौर स्टेशनों के बीच मुडेरी गांव क्रॉसिंग के पास प्रयागराज से भिवानी जा रही कालिंदी एक्सप्रेस को पटरी से उतारने की कोशिश की गई। उत्तर प्रदेश के कानपुर में रेलवे ट्रैक पर एलपीजी सिलेंडर रखा गया, जिससे कालिंदी एक्सप्रेस टकरा गई। सौभाग्य से, घटना में कोई किसी के भी घायल होने की ख़बर नहीं है। IB-ATS की टीमें पहुंची हैं। ट्पेरेक पर पेट्रोल और बारूद भी बरामद किया गया है। मामले में अब तक 6 संदिग्ध हिरासत में लिए गए हैं।
कालिंदी एक्सप्रेस को पलटने की साजिश, IB-ATS पहुंचीं: ट्रैक पर सिलेंडर से टकराई ट्रेन, पेट्रोल-बारूद मिला; 6 संदिग्ध हिरासत मेंबताया जा रहा है कि तेज रफ्तार ट्रेन से टकराने के बाद सिलेंडर करीब 50 मीटर दूर जाकर गिरा, जिसके बाद ड्राइवर ने ट्रेन रोक दी। ट्रेन करीब 20 मिनट तक वहीं खड़ी रही। चालक ने घटना की जानकारी क्रासिंग पर तैनात गेटमैन को दी। इसके बाद रेलवे और पुलिस अधिकारियों को सूचना दी गई। मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों को एक बैग मिला जिसमें पेट्रोल, माचिस और विस्फोटकों से भरी एक बोतल थी। आसपास की झाड़ियों में बैठे लोगों के निशान भी मिले। फोरेंसिक टीम ने वहां जांच की।
रात करीब सवा आठ बजे भिवानी जाने वाली ट्रेन संख्या 14117 कालिंदी एक्सप्रेस बड़राजपुर स्टेशन से बिल्हौर की ओर रवाना हुई और मुडेरी गांव में क्रॉसिंग के पास ट्रैक पर रखे एलपीजी सिलेंडर से टकरा गई।
पुलिस के मुताबिक, लोको पायलट ने कहा कि उसने ट्रैक पर कुछ संदिग्ध देखा, जिसके बाद उसने ब्रेक लगा दिए। ट्रेन की रफ्तार तेज थी और ऐसे में ब्रेक लगाने के बाद भी ट्रेन किसी चीज से टकरा गई जिससे काफी तेज आवाज हुई।
ट्रेन रोकने के बाद ड्राइवर ने गार्ड और अन्य लोगों को इसकी जानकारी दी। अधिकारी फिलहाल अपराधी को पकड़ने के लिए काम कर रहे हैं। सभी बिंदुओं पर जांच की जा रही है। फोरेंसिक टीम भी मामले की विस्तृत समीक्षा कर रही है।
हैरानी की बात यह है कि ऐसी ही घटना इससे पहले कानपुर में भी हुई थी, जब 16 अगस्त की रात 2.30 बजे कानपुर-झांसी रूट पर साबरमती एक्सप्रेस के 20 डिब्बे और इंजन पटरी से उतर गए थे। जिसमें रेलवे ने साजिश की बात कही। मामले की जांच की जा रही है। इसी तरह की अन्य घटनाओं की बात करें तो हाल ही में फर्रुखाबाद में ट्रैक पर लकड़ी के गुटके रखकर ट्रेन को पटरी से उतारने की कोशिश की गई थी।
हालांकि लोको पायलट की सूझबूझ से हादसा टल गया। इससे पहले शामली जिले में भी रेलवे लाइन से छेड़छाड़ की गई थी। करीब 25 से 30 पेंड्रोल क्लिप (रेलवे ट्रैक पर लगे हुक) हटाए गए। इसकी सूचना मिलते ही रेलवे प्रशासन सतर्क हो गया और ट्रैक की मरम्मत के लिए तत्काल कार्रवाई की।