NCP विधायकों की अयोग्यता पर बड़ा फैसला! अजित गुट की जीत, शरद पवार को झटका


स्टोरी हाइलाइट्स

Maharashtra MLAs Disqualification: इससे पहले 6 फरवरी को भी चुनाव आयोग के फैसले में शरद पवार को ही बड़ा झटका लगा था. दरअसल, चुनाव आयोग ने भी अजित गुट को ही असली एनसीपी करार दिया था.

Maharashtra MLAs Disqualification: महाराष्ट्र में एनसीपी विधायकों की अयोग्यता मामले में फैसला सामने आ चुका है. स्पीकर राहुल नार्वेकर ने बताया कि अजित गुट को 41 विधायकों का समर्थन है. यानी, अजित पवार के पास शरद पवार से ज्यादा विधायकों का समर्थन है इसलिए अजित पवार गुट ही असली एनसीपी है.

इस सुनवाई में अजित पवार गुट की तरफ से अनिल पाटिल और समीर भुजबल मौजूद रहे. जबकि, शरद पवार गुट से केवल वकील ही पहुंचे. शरद पवार गुट की तरफ से तीन याचिका दायर की गई थी. वहीं, अजित पवार गुट की तरफ से दो याचिका दायर थी. कुल मिलाकर पांच याचिका थी, जिन्हें ग्रुप 1 और ग्रुप 2 दो भागों में बांटा गया था.

अजित पवार गुट ही असली एनसीपी-

बता दें कि NCP विधायकों की अयोग्यता मामले में महाराष्ट्र के स्पीकर राहुल नार्वेकर ने गुरुवार (15 फरवरी) को फैसला सुनाया. इस फैसले में उन्होंने सभी विधायकों को योग्य ठहराया और अयोग्य मामले की सभी याचिकाओं को रद्द कर दिया है. उन्होंने अजित गुट को ही असली NCP घोषित कर दिया. स्पीकर ने कहा कि अजित पवार के पास 41 विधायकों का समर्थन हैं.

हालांकि, इस फैसले से पहले स्पीकर ने कहा कि मुझे यह निर्धारित करना है कि वास्तविक राजनीतिक दल कौन है. इसके साथ ही यह भी बताना है कि दोनों गुट में से कौन सा अयोग्य है. स्पीकर का कहना है कि शिवसेना को लेकर मैंने जो फैसला लिया था उसका आधार यहां लेना होगा. दोनों गुट पार्टी में अध्यक्ष पद को लेकर दावा कर रहे हैं. दोनों गुट दावा कर रहे हैं कि अध्यक्ष का चुनाव पार्टी के संविधान के मुताबिक नहीं हुआ है. यहां दो समानांतर नेतृत्व खड़े हो गये हैं. दोनों समूहों द्वारा अयोग्यता याचिकाएं भी दायर की गई हैं.

साथ ही पार्टी संविधान के अनुसार, एनसीपी वर्किंग कमेटी सर्वोच्च संस्था है. इसमें 16 स्थायी सदस्य हैं. लेकिन पार्टी का संविधान स्थायी सदस्यों को इजाजत नहीं देता. हमें नेतृत्व संरचना, पार्टी संविधान और विधायकी की ताकत को देखकर तय करना होगा कि पार्टी किसकी है. पार्टी संविधान और नेतृत्व संरचना में कोई स्पष्टता नहीं है.