कश्मीर में स्थानीय संस्थाओं के चुनाव के बाद हजारों युवा नेतृत्व के रूप में कश्मीर की अगुवाई कर रहे हैं. कश्मीरी युवक विकास में भागीदार हो रहे हैं...
युवा है तैयार, आतंक पर अब आखरी वार, कश्मीर पर अमित शाह के अमिट संदेश.. सरयूसुत मिश्रा
भारत के स्वर्ग कश्मीर में आतंक और अशांति के लिए भले ही पाकिस्तान जिम्मेदार है, लेकिन पाकिस्तान समर्थक हाथ कश्मीर में बैठकर पाकिस्तानी मंसूबों को हवा देते रहे हैं. कश्मीर में जिस ढंग से अल्पसंख्यक हिंदुओं को टारगेट किया जा रहा है, शायद उसका टारगेट कश्मीर के विकास को बाधित करना है, ताकि कश्मीर की नुमाइंदगी करने वाले परिवार अपने पुराने कारनामों को सही बता सकें. जम्मू-कश्मीर बहुत आगे बढ़ चुका है.
उसका न केवल भूगोल बदला है,बल्कि प्रशासनिक संरचना बदली है. साथ ही कश्मीरियों का नजरिया भी बदला है. कश्मीर में स्थानीय संस्थाओं के चुनाव के बाद हजारों युवा नेतृत्व के रूप में कश्मीर की अगुवाई कर रहे हैं. कश्मीरी युवक विकास में भागीदार हो रहे हैं. दो साल पहले धारा 370 हटाकर जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था. तब वहां के चिरस्थाई नुमाइंदगी करने वालों ने विरोध किया और अभी भी कर रहे हैं. लेकिन कश्मीरी युवाओं का नया नेतृत्व कश्मीर में नया सवेरा लाने की कोशिशों में सफल होता दिखाई पड़ रहा है.
कश्मीर जब तेजी से आगे बढ़ने लगा, तो नई तस्वीर से विरोधियों को लगा कि उनके अस्तित्व पर संकट आ जाएगा .फिर षड्यंत्र हुए और अचानक अल्पसंख्यक हिंदुओं को चुन-चुन कर हत्या करने का सिलसिला शुरू हुआ. मोदी सरकार कश्मीर के विकास और शांति के लिए कितनी गंभीर है ,वह इसी से पता चलता है कि आतंकवादियों के खिलाफ सेना ने घर-घर पहुंचकर आतंकवादियों का सफाई अभियान शुरू किया. कश्मीर को लेकर भारत सरकार संजीदा और सख्त है केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 3 दिन के जम्मू-कश्मीर दौरे में पाकिस्तान और कश्मीर के पाकिस्तान समर्थकों को यह अमिट संदेश दिया है कि जम्मू कश्मीर में आतंक फैलाने की हर कोशिश का डटकर मुकाबला किया जाएगा. कश्मीरियों के हौसले को डिगने नहीं दिया जाएगा. यह संदेश पाकिस्तान के लिए भी है.
प्रधानमंत्री मोदी के साथ गृह मंत्री अमित शाह मिशन कश्मीर के शिल्पकार माने जाते हैं. धारा 370 हटाने के प्रस्ताव पर अमित शाह जब लोकसभा में भाषण दे रहे थे, तो उनका उत्साह और कश्मीर की बारीक से बारीक जानकारी सबको अचंभित कर रही थी.अमित शाह ने लोकसभा में कहा था कि जब भी हम जम्मू-कश्मीर की बात करते हैं, तो उसमें पाक अधिकृत कश्मीर भी शामिल है. पिछले दो सालों में भारत सरकार के कदमों का पाक अधिकृत कश्मीर में सकारात्मक प्रभाव हुआ है. आज वहां पाकिस्तान सरकार के विरुद्ध वातावरण बनता जा रहा है.
पिछले दिनों अल्पसंख्यक हिंदुओं की चुन-चुन कर हत्या करने की जो आतंकी कोशिश हुई है, वह पाकिस्तान और कश्मीर में उनके समर्थकों की हताशा और निराशा को दर्शा रही है. मोदी सरकार कश्मीर को लेकर कितनी सख्त और स्पष्ट है उतना ही पाकिस्तान आजकल भारत से डरा हुआ है. पाकिस्तान की आंतरिक स्थितियां प्रधानमंत्री इमरान खान के हाथ से फिसल गई हैं. पाकिस्तानी सेना और प्रधानमंत्री के बीच मतभेद खुलकर सामने आ गए हैं.
पाकिस्तानी जनता सेना और प्रधानमंत्री दोनों को झेलने के लिए तैयार नहीं है. पहली बार पाकिस्तान में सेना का विरोध हो रहा है. पाक की समस्या यह है कि खजाना खाली है, महंगाई आसमान छू रही है उधार मिल नहीं रहा है. दुनिया के सारे देश पाकिस्तान की आतंकवादी गतिविधियों के कारण उसका साथ नहीं दे रहे हैं. तालिबान, जिसे अफगानिस्तान में कब्जा कराने में पाकिस्तान अपनी भूमिका मानता रहा है, उस तालिबान से भी पाकिस्तान का तनाव शुरू हो गया है.
पाकिस्तान की इमरान सरकार का पतन सन्निकट है. सेना नई लीडरशिप की तलाश में है. जैसे ही कोई नया लीडर मिल जाएगा, इमरान को प्रधानमंत्री के पद से हटा दिया जाएगा. फिर नई लीडरशिप में पाकिस्तान में नए चुनाव होने की संभावना है. पाकिस्तान की दुनिया में किस स्तर की बेज्जती है, उसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि भारत के प्रधानमंत्री मोदी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान का फोन उठाते नहीं हैं और मिस्ड कॉल का जवाब तक नहीं देते हैं. अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति बाईडन ने अभी तक पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से फोन पर बात तक नहीं की है. ऐसी दुरावस्था में पहुंचा पाकिस्तान कश्मीर में आतंक फैलाने की आखिरी कोशिश कर रहा है. भारत सरकार के सख्त कदम से अब पाकिस्तान अगर सीधे रास्ते पर नहीं आया, तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान पूरी तौर से अलग-थलग पड़ जाएगा.