भारत ने पाकिस्तान के आतंक से बदला ले लिया है. पाकिस्तान की हवाई सुरक्षा को धता बताते हुए भारतीय सेना ने सैकड़ो किलोमीटर अंदर पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को मिसाइल हमले से नेस्तनाबूद कर दिया है..!!
केवल पहलगाम का बदला नहीं लिया गया है बल्कि भारत पर दशकों से पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादी हमले के बदले की शुरुआत भारत ने की है. आतंक के विरुद्ध युद्ध को पाकिस्तान अगर अपने विरुद्ध मान कर बदले की कार्यवाही करता है तो फिर अब पाकिस्तान को गाज़ा बनने से कोई रोक नहीं सकता है. भारत का ऑपरेशन सिंदूर अटैक इज़राइल पैटर्न पर किया गया है.
पहलगाम में उजडे़ सिंदूर का बदला ऑपरेशन सिंदूर से लेकर भारतीय संस्कृति और सभ्यता को जीवंत कर दिया गया है. नारी शक्ति और सम्मान भारत की सभ्यता है. इसी सभ्यता पर पहलगाम में हमला किया गया था. भारतीय नारियों के सिंदूर को उनके सामने बर्बरता से उजाड़ा गया था. भारत जितना पाकिस्तान पर अटैक से खुश है, उतना ही उसकी खुशी इसका नाम ऑपरेशन सिंदूर देने से है.
इस ऑपरेशन की मैसेजिंग कालजयी प्रभाव स्थापित करेगी. हमले पर प्रेस ब्रीफिंग में भारत ने सिंदूर की प्रतीक नारी शक्ति को ही खड़ा किया. थलसेना की तरफ से कर्नल सोफिया कुरैशी और वायुसेना की तरफ से विंग कमांडर ज्योत्सना सिंह ने ऑपरेशन के बारे में ब्रीफ किया. इस ब्रीफिंग की मैसेजिंग भी पाकिस्तानी कट्टरवादियों के लिए बड़ा सबक है.
भारत में हिंदू और मुस्लिम एक साथ हैं. धर्म के नाम पर हमला कर उनको बाँट नहीं सकता. ऑपरेशन सिंदूर ने नारी शक्ति, नारी रक्षा, नारी सम्मान और नारी नेतृत्व का ऐसा संदेश दिया है जो नए भारत को नवीन आयाम देगा.
ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की लोकतांत्रिक ताकत और सैन्य शक्ति का भी इज़हार किया है. भारतीय सेना ने जिस एक्यूरेसी, मैच्योरिटी और प्लानिंग के साथ इसको अंजाम दिया है, उससे हमारी सेना की प्रोफेशनल एफिशिएंसी का अंदाजा लगाया जा सकता है.
सेना का यह तो पहले अटैक है. इस अटैक में ना पाकिस्तान के नागरिकों को टारगेट किया गया और न ही सेना के संस्थानों को, बल्कि आतंकवादी ठिकानों को चुन चुनकर निशाना बनाया गया.
मोदी सरकार ने एक मैच्योर गवर्नमेंट की तरह एक्ट किया है. आतंकवादियों से बदला भी लिया है और पूरे विश्व को यह संदेश दिया कि, उसने केवल आतंक के खिलाफ़ युद्ध शुरू किया है. अगर पाकिस्तान आतंक को पालता-पोसता रहेगा और इस युद्ध को अपने खिलाफ़ मानकर देश पर कोई एक्शन करता है तो फिर भारत जो करेगा उसकी पाकिस्तान कल्पना भी नहीं कर सकता.
पाकिस्तान कुत्ते की दम की तरह है जो सीधी होना मुश्किल है. वह जरूर कुछ ना कुछ भारत के खिलाफ करेगा और यही उसके लिए बर्बादी का इतिहास बनेगा. पाकिस्तान बनने के साथ हिंदू-मुस्लिम की जो राजनीति शुरू हुई थी, वह पाकिस्तान की बर्बादी के साथ ही शायद समाप्त हो जाएगी. पाकिस्तान का इस्लाम और भारत का इस्लाम अलग-अलग लगता है. पाकिस्तान का इस्लाम अपने इस्लामी नागरिकों पर भी बर्बरता करता है और भारत का इस्लाम आतंकी के खिलाफ सरकार के साथ मजबूती से खड़ा दिखाई पड़ता है.
पहलगाम आतंकी हमले में जिन नारियों ने अपना सुहाग खोया था. ऑपरेशन सिंदूर के बाद उनके दिल को थोड़ी ठंडक पहुंची होगी. वैसे यह सभी नारियां यही चाहती हैं कि पाकिस्तान के आतंक को एक अटैक से नहीं, तब तक उस पर अटैक करते रहना चाहिए, जब तक आतंक की जड़ें न हिल जाए.
जो प्रतिक्रियाएं शहीद परिवारों की ओर से मिल रही है, उनकी खुशी उनके चेहरों पर देखी जा सकती है. ऑपरेशन सिंदूर ने सिंदूर उज़डने के दर्द को भी थोड़ा कम कर दिया है. भारत का यही सिंदूर पाकिस्तान को उजाड़ने के लिए ऐसा अस्त्र बनेगा जो न्यूक्लियर बम से भी पावरफुल साबित होगा.
पाकिस्तान की न्यूक्लियर धमकी सिंदूर की ताकत के सामने टिक नहीं सकेगी. आतंकवादियों ने पहलगाम में भारत के सिंदूर पर जो हमला किया, वह उसकी ऐसी गलती है जो उसके वजूद को हमेशा हमेशा के लिए मिटा सकती है.
ऑपरेशन सिंदूर यह सोचने के लिए मजबूर करता हैकि, भारत के प्रधानमंत्री और सरकार कितनी मैच्योरिटी के साथ सोच समझकर न केवल बदले का प्लान करते हैं बल्कि इस ऑपरेशन का नाम ऐसा तय करते हैं, जिससे भारत की नारी शक्ति अपने को गौरवान्वित महसूस करती है. ऐसा बताया गया है कि, ऑपरेशन सिंदूर नाम का सुझाव पीएम नरेंद्र मोदी ने दिया था, जिसे सेना द्वारा स्वीकार किया गया है.
भारत सरकार के कॉन्फिडेंस का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि, जिस दिन देश में सिविल डिफेंस का मॉक ड्रिल होना था, उसके पूर्व रात में पाकिस्तान पर अटैक कर दिया गया. जबकि पाकिस्तान ऐसा सोच रहा था कि, जब अभी मॉक ड्रिल हो रही है, तो हमला उसके बाद ही होगा. लेकिन ड्रिल का आदेश ही शायद इस कंफ्यूजन को पैदा करने की रणनीति से लिया गया था.
ऑपरेशन सिंदूर में जो आतंकवादी ठिकाने चुने गए हैं उनका भी बड़ा रणनीतिक महत्व है. पाक अधिकृत जम्मू-कश्मीर के पांच आतंकी ठिकाने हैं तो पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के चार. तीनो आतंकवादी ग्रुप जैशे मोहम्मद, लश्कर ए तैय्यबा और हिजबुल मुजाहिदीन के ठिकानों पर एक साथ अटैक किया गया. पाकिस्तान में पंजाब राज्य के खिलाफ़ पूरे देश में हैट्रिक का माहौल है. बलूचिस्तान और खैबर पख्तून यहां तक की सिंध में भी पंजाब के खिलाफ आक्रोश है. पंजाब में हमला करके भारत ने पाकिस्तान के आंतरिक विद्रोह को हवा देने का मैसेज दिया है.
भारतीय सेनाएं तैयार हैं. भारत का प्रधानमंत्री वार रूम में ही बैठा है, जो फ्रंट पर लीड करने की क्षमता रखता है, भारतीय लोकतंत्र के उस पर भरोसे के लेवल की पाकिस्तान कल्पना भी नहीं कर सकता है. अब भारत-पाकिस्तान के बीच खुला युद्ध पाकिस्तान की मूर्खता पर निर्भर करता है. अब अगर पाकिस्तान कोई गलती भारत के खिलाफ़ करता है तो फिर पूरी दुनिया पाकिस्तान को गाज़ा बनाने से भारत को रोक नहीं पाएगी.
यह तो साबित हो गया है कि, भारतीय सेनाओं की रणनीति और उनकी ताकत का मुकाबला पाकिस्तान कभी भी नहीं कर सकता. भारत में जब आतंक के खिलाफ युद्ध शुरु किया है तो इसके लिए शुरु ऑपरेशन सिंदूर तब तक चलेगा जब तक आतंकवाद की जड़ को समाप्त नहीं कर दिया जाता.
ऑपरेशन सिंदूर सदियों तक भारत के गुरूर के रूप में याद किया जाएगा. मगरूर पाकिस्तान के आतंकवादी फितूर को ऑपरेशन सिंदूर ही समाप्त करेगा. नारी सम्मान के रूप में सीता, सावित्री, महारानी लक्ष्मीबाई जैसा गौरव और सम्मान ऑपरेशन सिंदूर से पहचाना जाएगा.