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आप ने MP को बनाया नया पॉलिटिकल डेस्टिनेशन 

सार

मध्यप्रदेश में भाजपा कांग्रेस के बीच भ्रष्टाचार की लड़ाई में आम आदमी पार्टी  कूद पड़ी है। पोषण आहार घोटाले के आरोपों के बीच आप ने मध्यप्रदेश की बीजेपी सरकार पर हमला बोल दिया है। महालेखाकार द्वारा पोषण आहार के मामले में घोटाले पर आम आदमी पार्टी ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) में शिकायत की है। इस पर पत्रकार वार्ता की है। साथ ही आप और भाजपा के बीच  ट्विटरवार भी चल रहा है। मध्यप्रदेश में कांग्रेस मजबूत विपक्ष के रूप में सामने है लेकिन फिर भी आम आदमी पार्टी पोषण आहार के मुद्दे को कांग्रेस से ज्यादा तेजी के साथ लपकने की कोशिश कर रही है। राजनीतिक प्रेक्षकों को ऐसा आभास हो रहा है कि आम आदमी पार्टी भ्रष्टाचार और घोटालों के आरोपों के सहारे मध्यप्रदेश में टेकऑफ करना चाहती है। मध्यप्रदेश में अगले चुनाव 14 महीने बाद होने हैं लेकिन नगरीय चुनावों में सिंगरौली नगर निगम में सफलता मिलने के बाद आम आदमी पार्टी ने अपने पॉलिटिकल डेस्टिनेशन में मध्यप्रदेश को भी शामिल कर लिया है।

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विस्तार

भारत में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, जनसंख्या और भ्रष्टाचार पांच सबसे बड़ी समस्याएं हैं। राजनीति की अंगड़ाई भ्रष्टाचार की लड़ाई से शुरू होती है। भ्रष्टाचार से जंग शुरू तो होती है लेकिन खत्म कभी नहीं होती। आम आदमी पार्टी भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना आंदोलन से पैदा हुई थी। इस पार्टी ने दिल्ली और पंजाब में कांग्रेस को परास्त कर अपनी सरकार बनाने में सफलता प्राप्त की है। देश की जनता भ्रष्टाचार से इस हद तक परेशान है कि जो भी कोई राजनीतिक दल या व्यक्ति उसे भ्रष्टाचार से लड़ाई में थोड़ा बहुत ईमानदार दिखाई पड़ता है वह उसके साथ जुड़ जाती है। पंजाब और दिल्ली में आप को इसीलिए सफलता मिल सकी है।

दिल्ली में भाजपा और आप के बीच जंग छिड़ी हुई है। आप के एक मंत्री सत्येंद्र जैन तो जेल में हैं। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ शराब घोटाले में सीबीआई जांच कर रही है।उनके यहां सीबीआई के छापे भी हो चुके हैं। बीजेपी दिल्ली में केजरीवाल और आप के खिलाफ भ्रष्टाचार को लेकर काफी आक्रामक रूप से लड़ाई लड़ रही है। बीजेपी को ऐसा लग रहा है कि भ्रष्टाचार मुक्त शासन देने के आम आदमी पार्टी के नेताओं के कथित दावों को एक्सपोज करना बहुत जरूरी है। शायद इसीलिए दिल्ली में भाजपा और आप का संघर्ष चल रहा है।

मध्यप्रदेश में पोषण आहार में घोटाले का मामला पिछले कई दिनों से चल रहा है। महालेखाकार द्वारा अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट में ऐसा बताया गया है कि टेक होम राशन योजना में गड़बड़ियाँ पाई गई हैं। सरकार की ओर से सफाई दी जा रही है कि यह प्रारंभिक रिपोर्ट है, इस पर अभी सरकार की ओर से महालेखाकार को प्रतिवेदन दिया जाएगा, उसके बाद अंतिम रिपोर्ट आएगी। 

आम आदमी पार्टी ने महालेखाकार द्वारा उजागर की गई गड़बड़ियों की मीडिया रिपोर्ट के आधार पर सीबीआई जांच की मांग के लिए अपनी शिकायत दर्ज कराई है। उनके द्वारा मध्यप्रदेश के पोषण आहार में घोटाले के कथित मामले को दिल्ली में बीजेपी के साथ चल रही उनकी भ्रष्टाचार की जंग में उपयोग करने की कोशिश की जा रही है। वैसे भी आम आदमी पार्टी को भाजपा के खिलाफ पूरे देश में भ्रष्टाचार का कहीं कोई बड़ा मुद्दा नहीं मिला है। ऐसे में वे मध्यप्रदेश के इस मामले को लेकर भाजपा पर हमलावर है। 

मध्यप्रदेश में आम आदमी पार्टी का अभी कोई बुनियादी आधार नहीं है. कांग्रेस द्वारा विपक्ष की भूमिका के बीच आम आदमी पार्टी की एंट्री कई संकेत कर रही है। ऐसा लगता है कि आम आदमी पार्टी अगले विधानसभा चुनाव में मध्यप्रदेश में पूरी ताकत के साथ उतरने का प्रयास करेगी। जिस तरह से पोषण आहार घोटाले के मामले को उनके द्वारा उठाया जा रहा है उससे यह भी संकेत मिल रहे हैं कि भ्रष्टाचार के आरोपों के सहारे आम आदमी पार्टी मध्यप्रदेश में अपने वजूद को बढ़ाना चाहती है।

मध्यप्रदेश में अभी तक तो द्विदलीय स्थिति है। कभी कांग्रेस तो कभी भारतीय जनता पार्टी द्वारा सरकार पर कब्जा किया जाता है। तीसरे दल के रूप में आप यदि मजबूती के साथ मध्यप्रदेश में आगे आती  है तो उसके प्रभाव के राजनीतिक अनुमान कांग्रेस के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं।

आप ने देश में जहां-जहां भी अपनी पकड़ बनाई है वहां कांग्रेस को ही नुकसान उठाना पड़ा है। दिल्ली में शीला दीक्षित को अपदस्थ कर अरविंद केजरीवाल ने अपनी सरकार बनाई। पंजाब में भी कांग्रेस के मुख्यमंत्री को हटाकर आप ने अपनी सरकार बनाने में सफलता हासिल की। गुजरात और हिमाचल प्रदेश में भी आम आदमी पार्टी पूरी ताकत के साथ काम करते हुए दिखाई पड़ रही है। इन दोनों राज्यों में भाजपा की सरकार है। वहां कांग्रेस और भाजपा के बीच में सीधी टक्कर हमेशा होती रही है। इन चुनाव में यदि आम आदमी पार्टी ने थोड़ा बहुत भी चुनाव को प्रभावित किया तो निश्चित रूप से इसका फायदा भाजपा को मिल सकता है। आप से हुआ नुकसान कांग्रेस को ही भुगतना पड़ सकता है।

राजनीतिक वजूद के लिए भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग का उपयोग राजनीतिक पार्टियां करती रहती हैं। यह दुर्भाग्य जनक है कि सरकारों में आने के बाद कोई भी दल भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद नहीं करता। आम आदमी पार्टी भी ऐसी ही राजनीतिक कार्यशैली का शिकार हो गई है लेकिन जिन राज्यों में आम आदमी पार्टी अपने वजूद को बढ़ाना चाहती है वहां आज भी उनके द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को हथियार के रूप में उपयोग किया जा रहा है। पोषण आहार घोटाला उनके लिए ऐसा ही एक हथियार मात्र लगता है।

कांग्रेस और भाजपा दोनों के लिए आम आदमी पार्टी मध्यप्रदेश में चुनौती के रूप में आ सकती है। यह चुनौती भले ही मतों के रूप में बहुत अधिक प्रभावित न करे लेकिन चुनावी माहौल को भ्रष्टाचार के आरोपों से दिलचस्प बना सकती है। भ्रष्टाचार पर राजनीतिक दलों द्वारा लड़ाई कितनी ईमानदार होती है इस पर पब्लिक हमेशा ठगी हुई महसूस करती है।

 भ्रष्टाचार पर राजनीतिक लड़ाई पर यह कहना मौजू होगा-

‘गर्मी के मौसम में भी ओला पड़ने लगा है जिसका पेट भरा वह बेवजह लड़ने लगा है’