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इसलिए खबरों के केंद्र में है - अडानी ग्रुप  

राकेश दुबे राकेश दुबे
Updated Wed , 09 Sep

सार

वर्ष 1985 में अडानी ग्रुप ने छोटे पैमाने की कंपनियों के लिए बेसिक पॉलिमर का आयात करना शुरू किया, 1988 में अडानी ने अडानी एक्सपोर्ट्स की स्थापना की, जिसे वर्तमान में अडानी एंटरप्राइजेज के नाम से जाना जाता है..!

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विस्तार

इन दिनों कभी भी निजी टेलिविज़न चैनल या निजी रेडियो समाचार के लिए खोलिए, तो उसमें सारे समाचार अडानी ग्रुप  के आसपास बुने हुए मिलते हैं । चाहे वो शेयर गिरने से जुड़े हो या कथित २०००० करोड़ की पूछताछ करता राहुल गांधी का सवाल। बाक़ी समाचारों  की पृष्ठ भूमि में कहीं न कहीं अड़ानी प्रकरण आ ही जाता है। कुछ पाठकों ने इस पर कुछ और जानकारी चाही है, वैसे हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के साथ इस बारे में बहुत कुछ लिखा था, अब पुन: प्रस्तुत।

वर्ष 1985 में अडानी ग्रुप ने छोटे पैमाने की कंपनियों के लिए बेसिक पॉलिमर का आयात करना शुरू किया। 1988 में अडानी ने अडानी एक्सपोर्ट्स की स्थापना की, जिसे वर्तमान में अडानी एंटरप्राइजेज के नाम से जाना जाता है। यह फर्म कृषि और ऊर्जा से संबंधित वस्तुओं में काम करती है। अडानी समूह कोयला व्यापार, कोयला खनन, तेल एवं गैस खोज, बंदरगाहों, एयरपोर्ट, मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक, बिजली उत्पादन एवं पारेषण, मीडिया और गैस वितरण में फैले कारोबार को संभालने वाला विश्व स्तर का एकीकृत बुनियादी ढांचा है। गौतम अडानी पर अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ने अडानी ग्रुप के सभी कंपनियों के लोन पर भी सवाल खड़े किए हैं।

रिपोर्ट में दावा किया गया कि अडानी ग्रुप की सात प्रमुख लिस्टेड कंपनियां 85 प्रतिशत से अधिक ओवरवैल्यूज हैं। फर्म ने अडानी ग्रुप से एकाध नहीं, कुल 88 सवाल किए हैं। हिंडनबर्ग रिसर्च के उस रिपोर्ट में कई सवालों के बीच एक सवाल यह भी अडानी ग्रुप से पूछा गया है कि गौतम अडानी के छोटे भाई राजेश अडानी को ग्रुप का एमडी क्यों बनाया गया है? उनके ऊपर कस्टम टैक्स चोरी, फर्जी इम्पोर्ट डॉक्यूमेंटेशन और कोयले का अवैध इम्पोर्ट करने का आरोप है। 

हिंडनबर्ग ने पूछा है कि गौतम अडानी के बहनोई समीरो वोरा का नाम डायमंड ट्रेडिंग स्कैम में आने के बाद भी उन्हें अडानी ऑस्ट्रेलिया डिवीजन का एक्जीक्यूटिव डायेरक्टर क्यों बनाया गया है? ऐसे कई सवाल हैं, जिनका जवाब अब तक अडानी ग्रुप ने नहीं दिया है। हिंडनबर्ग रिसर्च की स्थापना वर्ष 2017 में नाथन एंडरसन ने की थी।

हिंडनबर्ग ने अबतक कई कंपनियों का पर्दाफाश किया है। यह एक फॉरेंसिक फाइनेंशियल रिसर्च फर्म है, जो इक्विटी, क्रेडिट और डेरिवेटिव्स को एनालाइज करती है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, हिंडनबर्ग ने वर्ष 2020 के बाद से 30 कंपनियों की कलई खोली है और रिपोर्ट रिलीज होने के अगले ही दिन उस कंपनी के शेयर 15 प्रतिशत तक गिर गए, जबकि तीन कंपनियों के शेयर तो 90 प्रतिशत तक गिर गए।

लोकसभा में बजट सत्र में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अडानी की तस्वीर पीएम मोदी के साथ दिखाकर सरकार पर निशाना साधा। राहुल गांधी ने कहा कि वर्ष 2014 में दुनिया के सबसे अमीर लोगों की सूची में जिसका नाम 609वें नंबर पर था, लेकिन ऐसा क्या हुआ कि दूसरे नंबर पर पहुंच जाते हैं। इन तस्वीरों के जवाब में भाजपा भी तस्वीरों के साथ आई और पूछा कि ये रिश्ता क्या कहलाता है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर चर्चा की मांग करते हुए संसद के दोनों सदनों में कार्यवाही ठप करा दी। लोकसभा में उद्योगपति गौतम अडानी को संरक्षण देने का आरोप लगा चुके कांग्रेस नेता राहुल गांधी के भाषण को असंसदीय मानकर कार्यवाही से हटा दिया गया ।

हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के बाद से अडानी समूह के संस्थापक गौतम अडानी की नेटवर्थ में भी गिरावट आई है। इसकी वजह से वह दुनिया के पांच सबसे अमीर लोगों की सूची से भी बाहर हो गए हैं। हालांकि, इस पूरे एपिसोड में अडानी समूह के लिए अबू धाबी से राहत की खबर आई है। अबू धाबी के शाही परिवार से जुड़ी इंटरनेशनल होल्डिंग कंपनी ने अडानी समूह के एफ़पीओ में 3,260 करोड़ रुपये का निवेश करने का एलान किया है।

अडानी समूह की छाप भारत में हर जगह है, चाहे इसके किसी प्रकार के उत्पाद हों या बंदरगाह या एयरपोर्ट में निवेश हो। संकट से पहले अडानी समूह खुंद को 260 अरब डॉलर का समूह बताता था, लेकिन इसकी जिन मौजूदा योजनाओं पर काम चल रहा है या इसकी आने वाली योजनाओं पर अगर अमल हुआ तो विशेषज्ञों का मानना है कि राजनीतिक समर्थन ऐसा ही रहा तो कुछ ही साल में समूह का आकार दोगुना हो सकता है।