चाणक्य का तत्वज्ञान


स्टोरी हाइलाइट्स

कोई काम शुरू करने से पहले, स्वयम से तीन प्रश्न कीजिए– मैं ये क्यों कर रहा हूं, इसके परिणाम क्या हो सकते हैं और क्या मैं सफल हो पाऊंगा. और जब गहरई से सोचने

चाणक्य का तत्वज्ञान   चाणक्य नीति: 1. कोई काम शुरू करने से पहले, स्वयम से तीन प्रश्न कीजिए– मैं ये क्यों कर रहा हूं, इसके परिणाम क्या हो सकते हैं और क्या मैं सफल हो पाऊंगा. और जब गहरई से सोचने पर इन प्रश्नों के संतोषजनक उत्तर मिल जाएं, तभी आगे बढें। 2. संसार एक कड़वा वृक्ष है, इसके दो फल ही अमृत जैसे मीठे होते हैं– एक मधुर वाणी और दूसरी सज्जनों की संगति। 3. व्यक्ति अकेले पैदा होता है और अकेले मर जाता है। वो अपने अच्छे और बुरे कर्मों का फल खुद ही भुगतता है। वह अकेले ही नर्क या स्वर्ग जाता है। 4. एक बार काम शुरू कर लें तो असफलता का डर नहीं रखें और न ही काम को छोड़ें। निष्ठा से काम करने वाले ही सबसे सुखी हैं। 5. कुबेर भी अगर आय से ज्यादा व्यय करे, तो कंगाल हो जाता है। 6. संसार में न कोई तुम्हारा मित्र है न शत्रु। तुम्हारा अपना विचार ही, इसके लिए उत्तरदायी है। 7. भगवान मूर्तियों में नहीं है। आपकी अनुभूति आपका ईश्वर है, आत्मा आपका मंदिर है। 8. अगर सांप जहरीला न भी हो तो उसे खुद को जहरीला दिखाना चाहिए। 9. इस बात को व्यक्त मत होने दीजिए कि आपने क्या करने के लिए सोचा है, बुद्धिमानी से इसे रहस्य बनाये रखिये और इस काम को करने के लिए दृढ रहिए। 10. शिक्षा सबसे अच्छी मित्र है.एक शिक्षित व्यक्ति हर जगह सम्मान पता है।