Kisan Andolan 2024: किसानों आंदोलन आज तीसरे दिन भी लगातार जारी है. दिल्ली कूच करने के लिए हरियाणा-पंजाब सीमाओं पर बड़ी संख्या में किसान डटे हुए हैं. दिल्ली से सटी हरियाणा और यूपी की सीमाओं पर भी पुलिस का सख्त पहरा है. देश की राजधानी दिल्ली के आसपास की सभी सीमाओं पर आंदोलनकारी किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने कई लेयर बैरिकेडिंग कर रखी है.
वहीं, दूसरी तरफ किसान आंदोलन को खत्म कराने के लिए केंद्र सरकार कई बार की वार्ता कर चुकी है. आज यानी गुरुवार (15 फरवरी) को भी केंद्र और किसान नेताओं के बीच चंडीगढ़ में बैठक होने वाली है. हालांकि, किसान आंदोलन को लेकर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का एक बयान भी सामने आया है.
सीएम मनोहर लाल खट्टर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि किसानों की हरियाणा से नहीं बल्कि केंद्र सरकार से मांग है. दिल्ली जाना हर किसी का लोकतांत्रिक अधिकार है लेकिन उसका मोटिव भी ध्यान में रखना चाहिए. इसका अनुभव हम एक दो साल पहले भी देख चुके हैं कि लोगों को कितनी परेशानियों का सामना करना पड़ा था.
उन्होंने आगे कहा, आज भी उन लोगों की वीडियो सामने आ रही हैं. ऐसा लग रहा है कि जिस प्रकार से कोई सेना आक्रमण करने चलती है इस प्रकार का महौल बनाया जा रहा है. ये लोग ट्रैक्टर-ट्रॉली और जेसीबी समेत कई महीनों का राशन साथ लेकर चल रहे हैं. जब इस तरह का आह्वान किया जाता है तो सुरक्षा पर ध्यान देना बेहद जरूरी है.
सीएम मनोहर लाल खट्टर ने बताया कि उनका जो तरीका है उस तरीके पर ही आपत्ति है. दिल्ली जाने में आपत्ति नहीं है. पब्लिक ट्रांसपोर्ट है और भी कई वाहन हैं उसमें जाएं, लेकिन ट्रैक्टर और ट्राली पब्लिक ट्रांसपोर्ट नहीं हैं. ये तो खेती वाड़ी के लिए इस्तेमाल होने वाला प्राइवेट वाहन है.
इसके अलावा उन्होंने हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हुई किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल की 'हमें पीएम मोदी का ग्राफ नीचे लाना है' वाली टिप्पणी पर कहा कि यह एक राजनीतिक बयान है. क्या इतना बड़ा विरोध प्रदर्शन होने पर लोग पीएम मोदी का समर्थन करना बंद कर देंगे? जनता में यह संदेश प्रसारित हो रहा है कि यह विरोध का सही तरीका नहीं है.