कुत्ते का रहस्य...


स्टोरी हाइलाइट्स

कुत्ते का रहस्य... यमदूत : इस्लाम के अनुसार जिस घर में कुत्ता होता है वहां फरिश्ते नहीं जाते- (सहीह मुस्लिम हदीस नं 2106)। हिन्दू धर्म के पुराणों में कुत्ते को यम का दूत कहा गया है। ऋग्वेद में एक स्थान पर जघन्य शब्द करने वाले श्वानों का उल्लेख मिलता है, जो विनाश के लिए आते हैं। भैरव महाराज का सेवक : कुत्ते को हिन्दू देवता भैरव महाराज का सेवक माना जाता है। कुत्ते को भोजन देने से भैरव महाराज प्रसन्न होते हैं और हर तरह के आकस्मिक संकटों से वे भक्त की रक्षा करते हैं। मान्यता है कि कुत्ते को प्रसन्न रखने से वह आपके आसपास यमदूत को भी नहीं फटकने देता है। कुत्ते को देखकर हर तरह की आत्माएं दूर भागने लगती हैं। कुत्ते की योग्यता : दरअसल कुत्ता एक ऐसा प्राणी है, जो भविष्‍य में होने वाली घटनाओं और ईथर माध्यम (सूक्ष्म जगत) की आत्माओं को देखने की क्षमता रखता है। कुत्ता कई किलोमीटर तक की गंध सूंघ सकता है। कुत्ते को हिन्दू धर्म में एक रहस्यमय प्राणी माना गया है, लेकिन इसको भोजन कराने से हर तरह के संकटों से बचा जा सकता है। क्यों पालते हैं कुत्ता? : कुत्ता एक वफादार प्राणी होता है, जो हर तरह के खतरे को पहले ही भांप लेता है। प्राचीन और मध्‍य काल में पहले लोग कुत्ता अपने साथ इसलिए रखते थे ताकि वे जंगली जानवरों, लुटेरों और भूतादि से बच सके। बंजारा जाति और आदिवासी लोग कुत्ते को पालते थे ताकि वे हर तरह के खतरे से पहले ही सतर्क हो जाएं। भारत में जंगल में रहने वाले साधु-संत भी कुत्ता इसीलिए पालते थे ताकि कुत्ता उनको खतरे के प्रति सतर्क कर दे। आजकल लोग घर में कुत्ता इसलिए पालते हैं कि वह उनके घर की चोरों से रक्षा कर सके। लेकिन कुत्ता पालना खतरनाक भी हो सकता है और फायदेमंद भी इसलिए कुत्ता पालने से पहले किसी धर्मज्ञ और लाल किताब के विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें। कुत्ता आपको राजा से रंक और रंक से राजा बना सकता है। कुत्ते से जुड़े शकुन-अपशकुन : * कुत्ते के भौंकने और रोने को अपशकुन माना जाता है। कुत्ते के भौंकने के कई कारण होते हैं उसी तरह उसके रोने के भी कई कारण होते हैं, लेकिन अधिकतर लोग भौंकने या रोने का कारण नकारात्मक ही लेते हैं। * अपशकुन शास्त्र के अनुसार श्वान का गृह के चारों ओर घूमते हुए क्रंदन करना अपशकुन या अद्‍भुत घटना कहा गया है और इसे इन्द्र से संबंधित भय माना गया है। * सूत्र-ग्रंथों में भी श्वान को अपवित्र माना गया है। इसके स्पर्श व दृष्टि से भोजन अपवित्र हो जाता है। इस धारणा का कारण भी श्वान का यम से संबंधित होना है। * शुभ कार्य के समय यदि कुत्ता मार्ग रोकता है तो विषमता तथा अनिश्चय प्रकट होते हैं। * कुत्ते को प्रतिदिन भोजन देने से जहां दुश्मनों का भय मिट जाता है वहीं व्यक्ति निडर हो जाता है। * अंत में कुत्ते के बारे में एक बात और... वह यह कि कुत्ता पालने से लक्ष्मी आती है और कुत्ता घर के रोगी सदस्य की बीमारी अपने ऊपर ले लेता है। * यदि संतान की प्राप्ति नहीं हो रही हो तो काले कुत्ते को पालने से संतान की प्राप्ति होती है। * ज्योतिषी के अनुसार केतु का प्रतीक है कुत्ता। कुत्ता पालने या कुत्ते की सेवा करने से केतु का अशुभ प्रभाव समाप्त हो जाता है। पितृ पक्ष में कुत्तों को मीठी रोटी खिलानी चाहिए।