मध्याह्न भोजन योजना अब प्रधानमंत्री पोषण योजना, विपक्ष ने कहा- सिर्फ नाम बदलने से लोगों को क्या फायदा, सरकार ने गिनाए फायदे..


स्टोरी हाइलाइट्स

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए...

मध्याह्न भोजन योजना अब प्रधानमंत्री पोषण योजना, विपक्ष ने कहा- सिर्फ नाम बदलने से लोगों को क्या फायदा, सरकार ने गिनाए फायदे..
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए. देश भर के सरकारी और सह-सरकारी स्कूलों में बच्चों के लिए मध्याह्न भोजन योजना को एक नया रूप दिया गया है और अब इसे प्रधानमंत्री पोषण योजना के रूप में जाना जाएगा. केंद्र सरकार अगले पांच साल में इस योजना पर 1.31 लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी.

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केंद्र सरकार द्वारा इस योजना का नाम बदलने से राजनीतिक बवाल मच गया है. कई विपक्षी ताकतों ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. आइए जानते हैं इस विवाद के पीछे की वजह, इस योजना में क्या बदलाव किया गया, विपक्ष क्या कहता है.


प्रधानमंत्री पोषण योजना क्या है ?


केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री पोषण योजना को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत देश के लगभग 11.5 लाख सरकारी और सह-सरकारी स्कूलों में मध्याह्न भोजन योजना को नया रूप दिया गया है. सरकार के मुताबिक इस योजना से करीब 11.80 करोड़ बच्चे सीधे लाभान्वित होंगे. खास बात यह है कि इस बार के खजूर के भोजन को भी योजना में शामिल किया गया है. इसके तहत लोगों को सामुदायिक तरीके से बच्चों के लिए भोजन की व्यवस्था करने की अनुमति होगी. केंद्र की यह योजना वर्ष 2021-22 से वर्ष 2025-26 तक लागू रहेगी. इसके तहत आठवीं तक के बच्चों को लंच दिया जाएगा. पूरी योजना का वित्तीय बोझ केंद्र और राज्य सरकारों पर पड़ेगा. हालांकि, राशन का खर्च केंद्र सरकार खुद वहन करेगी. इस योजना में आवधिक लेखा परीक्षा, भोजन जांच, विभिन्न कार्यक्रम शामिल होंगे.


https://twitter.com/PIB_India/status/1443234612382244865?s=20
विपक्ष ने सरकार को घेरा  ?


विपक्ष द्वारा सरकार की योजना का विरोध किया जा रहा है. विपक्ष का आरोप है कि केवल पुरानी योजना का नाम बदला गया है और इसे निजी हाथों में सौंपने का प्रयास किया गया है. तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने लिखा, 'मिड डे मील का नाम बदलने के बजाय सरकार को सीधे तौर पर कहना चाहिए कि अडानी सभी बुनियादी ढांचे को अपने कब्जे में ले रहा है. दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी इस मुद्दे पर ट्वीट किया. उन्होंने लिखा, "मध्याह्न भोजन योजना का नाम बदलकर पीएम न्यूट्रिशन कर दिया गया है." नाम परिवर्तन से यह कैसे सुनिश्चित होगा कि उत्तर प्रदेश में बच्चों को पीएम पोषण के नाम पर भी नमक-तेल की रोटी ही नहीं परोसी जाती है ? और अगर कोई भूमि पत्रकार इस मुद्दे को उठाता है, तो उसे 6 महीने जेल में नहीं बिताने होंगे ?


https://twitter.com/MahuaMoitra/status/1443392896762200065?s=20
भाजपा नेताओं ने की योजना की तारीफ :


विपक्ष के अलावा, केंद्र सरकार के मंत्रियों और भाजपा नेताओं ने नई योजना के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर कहा कि मोदी सरकार बच्चों के पोषण और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के प्रति हमेशा संवेदनशील रही है. देश भर के 11.2 लाख से अधिक सरकारी स्कूलों के 11.80 करोड़ बच्चों को मुफ्त पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने के लिए रु. 1.31 लाख करोड़ रुपये की #PMPOSHAN योजना को मंजूरी देने के लिए मैं प्रधान मंत्री मोदी को धन्यवाद देता हूं.