मोदी ने एक लाख करोड़ रुपए के एग्री इंफ्रा फंड को किया लॉन्च; आइये जानते है यह आत्मनिर्भर भारत को किस तरह मजबूती देगा


स्टोरी हाइलाइट्स

मोदी ने एक लाख करोड़ रुपए के एग्री इंफ्रा फंड को किया लॉन्च; आइये जानते है यह आत्मनिर्भर भारत को किस तरह मजबूती देगा प्रधानमंत्री ने कृषि के छेत्र में विकास के लिए 1 लाख करोड़ रुपए का एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड लॉन्च किया है। साथ ही पीएम-किसान योजना की छठी किस्त के तहत 8.5 करोड़ किसानों के खातों में 17 हजार करोड़ रुपए ट्रांसफर किए। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत को बनाने में यह योजना महत्वपूर्ण साबित होगी। क्या है एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड? केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 8 जुलाई को 1 लाख करोड़ रुपए के एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड को मंजूरी दी थी।इस फंड को पीएम द्वारा एक महीने के भीतर रविवार को  लॉन्च किया है। इस योजना का कार्यकाल10 साल के लिए रहेगी। इस फंड की मदद से कटाई के बाद फसल को रखने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने और किसानों को एग्रीकल्चर असेट्स बनाने के लिए लोन देगा। इनमें कोल्ड स्टोरेज, गोदाम, प्रोसेसिंग यूनिट्स शामिल हैं। इस योजना के तहत 12 में से 11 सरकारी बैंकों ने  एमओयू पर साइन कर लिए हैं। योजना के तहत इस वर्ष में 10 हजार करोड़ रुपए का लोन देने का प्रावधान है। आने वाले वर्षों में 30-30 हजार करोड़ रुपए का लोन दिया जाएगा। इस फंड स्कीम के तहत लोन पर सालाना ब्याज में 3 फीसदी छूट दी जाएगी। यह छूट अधिकतम 2 करोड़ रुपए तक के लोन पर होगी। ब्याज छूट का लाभ ज्यादा से ज्यादा 7 साल तक मिलेगा। इससे किसानों और ग्रामीण इलाकों को क्या लाभ होगा? देश की नीव कहे जाने वाले किसानों के लिए यह योजना बनाई गई है । यह योजना मूल रूप से किसानों की आय पहले से दोगुनी करने के लक्ष्य से जुड़ी हुई है। इस योजना में किसानों की जरुरत और उनको लाभ पहुंचाने वाले इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास किया जाएगा। ताकि उनकी उपज सुरक्छित रहे और कीमत भी अच्छी  मिल सके। इसकी मदद से किसान उपज रखने के लिए गोदाम, कोल्ड स्टोरेज बनाने, उपज के अच्छे मूल्य, फसल की कम बर्बादी और प्रोसेसिंग व वैल्यू एडिशन के लिए सक्षम हो सकेंगे। इस फंडिंग के तहत क़िस्त चुकाने के लिए छह महीने से दो साल तक की छूट मिल सकती है। ग्रामीण क्षेत्रों में नए उद्योग भी लगेंगे और रोजगार के नए अवसर सामने आएंगे। इसकी जरूरत क्यों महसूस हुई? लंबे अरसे से मांग उठ रही थी कि गांव में उद्योग क्यों नहीं लगा सकते। इससे किसानों को अपना माल बेचने की आजादी मिल सकेगी। उनकी लागत कम होगी और उनका लाभ बढ़ेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत जो भी योजनाएं तैयार हो रही हैं, इन योजनाओं की केंद्छोर बिंदु छोटा  किसान है। सारी मुसीबतें उसी पर आती हैं। दो दिन पहले ही उनके लिए योजना की शुरुआत की थी। देश की पहली किसान रेल महाराष्ट्र-बिहार में शुरू हो चुकी है। महाराष्ट्र से संतरा, फल, प्याज लेकर ट्रेन बिहार आएगी। वहां से लीची, मखाने, सब्जियां लेकर लौटेगी। फायदा दोनों तरफ के किसानों को होगा। यह किसान ट्रेन पूरी तरह से एयर कंडीशंड है। यानी यह पटरी पर दौड़ता हुआ कोल्ड स्टोरेज है। इस ट्रेन से मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश के किसानों को भी सीधे-सीधे फायदा होगा। इस स्कीम के तहत कौन ले सकेगा लोन? प्राइमरी एग्रीकल्चरल क्रेडिट सोसायटी, मार्केटिंग कोऑपरेटिव सोसायटी, फार्मर प्रोड्यूसर्स ऑर्गेनाइजेशन, स्व-सहायता समूह, किसान, जॉइंट लाइबिलिटी ग्रुप को लोन मिल सकेगा। इसके अलावा, मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसायटी, कृषि उद्यमी, स्टार्ट-अप, कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर्स और और केंद्रीय/राज्य एजेंसी या लोकल बॉडी प्रायोजित पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप प्रोजेक्ट को भी फंडिंग मिलेगी। कौन करेगा इस स्कीम का मैनेजमेंट? एग्रीकल्चर इंफ्रा फंड के मैनेजमेंट और मॉनिटरिंग का काम ऑनलाइन मैनेजमेंट इंफर्मेशन सिस्टम प्लेटफार्म पर होगा। इसके तहत आवेदन देने वाली संस्थाओं को आवेदन करने में सक्षम बनाएगा। यह ऑनलाइन प्लेटफार्म कई बैंकों ब्याज दरों में पारदर्शिता जैसे लाभ देगा। इसके अलावा ब्याज में छूट, क्रेडिट गारंटी, न्यूनतम दस्तावेज, मंजूरी की तेज प्रक्रिया के साथ-साथ अन्य योजनाओं के लाभ मिल सकेंगे। नेशनल, स्टेट और डिस्ट्रिक्ट लेवल मॉनिटरिंग कमेटी बनाई जाएंगी। ताकि रियल-टाइम मॉनिटरिंग की जा सके और इफेक्टिव फीडबैक हासिल किया जा सके। इस स्कीम की अवधि दस वर्ष की रहेगी।