एक साल में अधिकतम तीन ही भारत रत्न, सरकार ने नियमविरुद्ध किया ऐलान?


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स्टोरी हाइलाइट्स

 भारत रत्न अवार्ड की आड़ में बीजेपी अपना सियासी हित साध रही है..!!

केंद्र सरकार ने शुक्रवार को दो पूर्व प्रधानमंत्रियों चौधरी चरण सिंह और पीवी नरसिम्हा राव के साथ प्रसिद्ध वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न देने की घोषणा की है। इन तीनों हस्तियों को मरणोपरांत देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया जाएगा। हाल ही में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भी केंद्र सरकार ने भारत रत्न देने का एलान किया था।

एन लोकसभा चुनाव से पहले इन हस्तियों को भारत रत्न दिए जाने को लेकर सियासी गलियारों में काफी चर्चा है। भारत रत्न के एलान के साथ ही सोशल मीडिया पर भी तर्क वितर्क शुरू हो गए हैं।  एक वर्ग ऐसा जो इस फैसले की तारीफ़ कर रहा है वही दूसरा वर्ग भारत रत्न सम्मान को अब राजनीतिक हथकंडा मानता दिख रहा है।

सोशल मीडिया पर ये कहा जा रहा है कि भारत रत्न अवार्ड की आड़ में बीजेपी अपना सियासी हित साध रही है। चौधरी चरण सिंह और कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने का फ़ैसले को भी लोकसभा चुनाव से जोड़ा जा रहा है। 

वहीं एक साथ 5 भारत रत्न सम्मानों की घोषणा करके सरकार अपने ही फ़ैसले को लेकर फंसती नज़र आ रही रहै।

सोशल मीडिया पर इस बात को लेकर बवाल मच गया है। इस बात की भी चर्चा है, कि भारत रत्न पुरस्कार की संख्या किसी विशेष वर्ष में अधिकतम तीन तक सीमित है।

एक यूजर का कहना है, कि वर्तमान सरकार ने इस वर्ष 5 भारत रत्न दिए हैं। कर्पूरी ठाकुर लाल कृष्ण आडवाणी चौधरी चरण सिंह पीवी नरसिम्हा राव एमएस स्वामीनाथन भारत रत्न देने का एक नियम है और इसके कुछ सिद्धांत हैं।

मुझे यह नोटिस मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स की वेबसाइट पर मिला है। इसमें लिखा है कि भारत रत्न 1 वर्ष में ज़्यादा से ज़्यादा 3 ही दिए जा सकते हैं, इससे ज़्यादा नहीं दिए जाते हैं जबकि यहां 5 दे दिए गए हैं।\

भारत रत्न को प्रधानमंत्री की सलाह पर राष्ट्रपति देते हैं मगर यहां सीधे सीधे प्रधानमंत्री जी घोषणा कर रहे हैं।

भारत रत्न देश का एक प्रतिष्ठित पुरुस्कार है इसलिए इसको देने में सरकार को नियम और सिद्धातों का पालन करना चाहिए। सरकार इसे पॉलिटिकल टूल बनाने से बचें।

एक अन्य यूजर ने इस पुरस्कार को लेकर कुछ और जानकारी सोशल मीडिया पर साझा की है। जिसमें स्पष्ट किया गया है, कि देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार 'भारत रत्न' की शुरुआत वर्ष 1954 में की गई थी। जाति, व्यवसाय, पद या लिंग के भेदभाव के बिना कोई भी व्यक्ति इन पुरस्कारों के लिए पात्र है। यह मानव प्रयास के किसी भी क्षेत्र में उच्चतम स्तर की असाधारण सेवा/प्रदर्शन की मान्यता के लिए प्रदान किया जाता है। भारत रत्न के लिए सिफारिशें स्वयं प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रपति को की जाती हैं। इसके लिए किसी औपचारिक अनुशंसा की आवश्यकता नहीं है। किसी विशेष वर्ष में वार्षिक पुरस्कारों की संख्या अधिकतम तीन तक सीमित है।

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पुरस्कार प्रदान किए जाने पर, प्राप्तकर्ता को राष्ट्रपति द्वारा हस्ताक्षरित एक सनद (प्रमाण पत्र) और एक पदक प्राप्त होता है। पुरस्कार में कोई मौद्रिक अनुदान नहीं है।