नेपाल के जनकपुर से दो शालिग्राम शिलाएं अयोध्या पहुंची हैं। इन शिलाओं का पूजन किया गया है इसके बाद ये शिलाएं मंदिर ट्रस्ट को सौंप दी जाएंगी। शालिग्राम को भगवान विष्णु का ही रूप माना जाता। अयोध्या के राम मंदिर में रामलला और सीती मता की मूर्तियां इन्हीं शिलाओं से बनाई जाएंगी।
बताया जा रहा है, कि 14 टन और 26 टन की ये सालिग्राम शिलाएं 6000 करोड़ वर्ष पुरानी हैं। कहा जा रहा है, कि विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं को इन शिलाओं को खोजने में 80 दिन का समय लगा।
इसके बाद पुरातत्व विभाग को इसकी जानकारी दी गई। फिर नेपाल के जानकी मंदिर के महंत ने भी इन शिलाओं के शालिग्राम शिला होने की पुष्टि की। जनकपुर से अयोध्या पहुंची ये शालिग्राम शिलाएं नेपाल की काली गंडकी नदी से मिली हैं।
शालिग्राम शिलाएं नेपाल के जनकपुर से अयोध्या पहुंचने के दौरान जिस भी रास्ते होकर गुज़रीं वहां इनका भव्य स्वागत किया गया। आपको बतादें कि जनकपुर को भगवान राम की ससुराल माना जाता है।
हर जगह पर लोगों मे काफी शिलाओं को देखने और छूने को लेकर काफी उत्साह है। लोग बड़ी संख्या में शिलाओं के दर्शनों के लिए भी पहुंच रहे हैं।