NP SPECIAL: चौकाने वाला खुलासा, भारत में अब तक करीब ३५ करोड़ लोगों को हुआ कोरोना, इतने ही लोगों ने विकसित की हर्ड इम्यूनिटी 


स्टोरी हाइलाइट्स

NP SPECIAL:चौकाने वाला खुलासा, भारत में अब तक करीब ३५ करोड़ लोगों को हुआ कोरोना, इतने ही लोगों ने विकसित की हर्ड इम्यूनिटी  26% Hindustani already infected, hence immune to COVID-19(CORONA VIRUS): Thyrocare study हर्ड इम्यूनिटी से मिलेगी कोरोना से मुक्ति|  जब आधी से ज्यादा आबादी  में बनेंगे एंटीबॉडी तभी मिलेगी कोरोना से मुक्ति| भारत तेजी से  CORONA के खिलाफ हर्ड इम्यूनिटी की तरफ बढ़ रहा है| देश के कई शहरों में 30 फीसदी लोगों में हर्ड इम्यूनिटी विकसित हो चुकी है| दिल्ली में ६० लाख से ज्यादा लोग अपने अंदर हर्ड इम्यूनिटी  डेवलप कर चुके हैं| जहां जहां लोगों में हर्ड इम्यूनिटी बढ़ रही है  वहां कोविड-19 की रफ्तार धीमी पड़ रही है| हर्ड इम्यूनिटी से कोरोनावायरस की चेन ब्रेक होती है इससे वायरस का प्रसार रुक जाता है| 60 से 70% आबादी में हर्ड इम्यूनिटी  डिवेलप होने के बाद  बाकी आबादी हर्ड इम्यूनिटी  नहीं होने के बावजूद भी SAFE बची रहेगी  थाइरोकेयर का दावा है कि देश में 35 करोड़ लोगों को संभावित रूप से कोरोना हो चुका है|  थायरोकेयर टेक्नॉलोजीज लिमिटेड (Thyrocare Technologies Limited) रोगों के निदान तथा बचाव से सम्बन्धित जाँच करने वाली प्रयोगशालाओं की शृंखला वाली एक सार्वजनिक कम्पनी है जिसका मुख्यालय नवी मुम्बई में है। Dr. A Velumani, the M.D. of Thyrocare organisation , has told A news agency that the data from serological tests, conducted by his Labs on about 2.7 lakh people, shows that 26% Hindustanis (average) have already contracted the novel coronavirus disease. They have neutralizing antibodies in their blood, which is the immune response a body automatically generates to fight off the potentially deadly virus. थायरोकेयर लैब्स के एमडी डॉ ए वेलुमनी ने रॉयटर्स को बताया कि उनके organization द्वारा लगभग 2.7 लाख लोगों पर किए गए सीरोलॉजिकल परीक्षणों के डेटा से पता चलता है कि 26% भारतीय (औसत) कोरोनावायरस बीमारी से संक्रमित हो चुके हैं। ये लोग कोरोना को मात दे चुके हैं| थायरोकेयर के इस दावे की पुष्टि दिल्ली में हुए दूसरे सीरो सर्वे से होती है| देश की राजधानी में हाल ही में हुए दूसरे सीरो सर्वे में ३० % लोगों में एंटीबॉडी पाई गई हैं, ज़ाहिर है यहां इतने लोगों में कोरोना के खिलाफ लड़ने की क्षमता पैदा हो गई है इसे ही हर्ड इम्यूनिटी कहते हैं। इससे एक बात और साफ हो गई है कि भारत कम्युनिटी ट्रांसमिशन से काफी आगे बढ़ चुका है| इतनी बड़ी तादाद में लोगों को कोरोनावायरस  होने के बावजूद भी सिर्फ 25 से 30 लाख लोग ही सामने आए| साफ है करोड़ों लोगों में कोरोनावायरस इतनी चोरी से आया कि इन लोगों को पता ही नहीं चला और वह दबे पांव बाहर भी निकल गया, वह इन करोड़ों लोगों का कुछ भी नहीं कर पाया|  विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में कोरोना तेजी से पैर पसार रहा है, इतनी तेजी से की लोग उसकी जद में आए और बच गए लेकिन उन्हें पता ही नहीं चला| क्या कोरोनोवायरस रोग 2019 (COVID-19) के खिलाफ झुंड प्रतिरक्षा(Herd immunity) रोग के प्रसार को धीमा कर सकती है? समझें कि झुंड प्रतिरक्षा (Herd immunity) कैसे काम करती है और विशेषज्ञ COVID-19 महामारी पर इसके संभावित प्रभाव के बारे में क्या कह रहे हैं? झुंड या समूह प्रतिरक्षा (Herd immunity) क्यों महत्वपूर्ण है? झुंड प्रतिरक्षा तब होती है जब एक समुदाय का एक बड़ा हिस्सा (झुंड) रोग के प्रति प्रतिरक्षा पैदा कर लेता  है, जिससे व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में बीमारी फैल जाती है। नतीजतन, पूरा समूह देश या आबादी संरक्षित हो जाती है - न केवल उन लोगों के लिए जिनमे प्रतिरक्षा है। झुंड प्रतिरक्षा तब भी विकसित हो सकती है जब आबादी में पर्याप्त संख्या में लोग एक बीमारी से उबर चुके हैं और भविष्य में संक्रमण के खिलाफ एंटीबॉडी विकसित कर चुके हैं। जानकार कहते हैं की यदि ५० से ६० प्रतिशत लोगों में हर्ड इम्यूनिटी  डिवेलप हो जाए तो ट्रांसमिशन की चैन ब्रेक होने लगेगी|  इससे कोरोनावायरस तेजी से कंट्रोल में आएगा| हर्ड इम्युनिटी जिसे कुछ लोग हार्ड  इम्युनिटी भी समझते हैं लेकिन ये हर्ड ही है हार्ड नही, इसका मतलब है किसी इलाके में अधिकांश लोगों में किसी खास रोग के प्रति रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकसित होना|  इससे हर्ड इफेक्ट पैदा होता है और बाकी लोग भी संक्रामक रोग की चपेट में आने से बच जाते हैं| इतने अधिक लोगो कोरोना की चपेट में आने के बाद भी कैसे बच गये…  दरअसल पूरी दुनिया में कोरोनावायरस  के कई प्रकार सदियों से मौजूद हैं|  कुछ लोग कोरोनावायरस के अन्य प्रकारों की चपेट में आने के कारण पहले ही हर्ड इम्युनिटी विकसित कर चुके हैं,  इसी वजह से उन्हें नया कोरोनावायरस प्रभावित नहीं कर पाया|  मुंबई की झुग्गियों में 57% लोगों में हर्ड  इम्युनिटी डिवेलप हो चुकी है, मुंबई में लगभग २० फीसदी लोगों में हर्ड  इम्युनिटी विकसित होने का अनुमान है इससे भी अधिक| पुणे में ५०, पंजाब में २८ % अहमदाबाद में १८ % लोगों में एंटीबॉडी पाई गई।  थाइरोकेयर नाम की कंपनी का दावा है कि देश में अवरेज 26%, यानी करीब 35 करोड़ लोगों को संभावित रूप से कोरोनावायरस इन्फेक्शन हो चुका है। दिसंबर तक 40% तक पहुंच सकता है| वास्तव में, यदि संक्रमण का मौजूदा चलन जारी रहता है, तो दिसम्बर में भारत की 40% आबादी में कोरोनोवायरस के खिलाफ एंटीबॉडी होंगे, अब, यह एक अच्छी खबर होगी, क्योंकि जितने अधिक लोगों को वायरस से बचाया जाएगा, इम्यून में कमी वाले व्यक्तियों के लिए संक्रमण की संभावना कम होगी। उनके लिए, एक वैक्सीन, जो दिसंबर तक आ सकती थी, इसका ऑप्शन होगा।