बेंगलुरु हत्याकांड में नया मोड़, ओडिशा में पेड़ से लटका मिला हत्यारे का शव


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स्टोरी हाइलाइट्स

महालक्ष्मी हत्याकांड के मुख्य संदिग्ध मुक्ति रंजन रॉय की पहचान पुलिस पहले ही कर चुकी है, पुलिस सूत्रों का कहना है, लेकिन हत्या के बाद से आरोपी फरार था, अब आरोपी ने ओडिशा में आत्महत्या कर ली है..!!

उड़ीसा के भद्रक इलाके में एक शख्स का शव पेड़ से लटका मिला, जिसके बाद पूरे इलाके में सनसनी फैल गई। पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची और मृतक की पहचान मुक्ति रंजन राय के रूप में की, जिसके पास से एक बैग, नोटबुक और स्कूटर बरामद किया गया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया और रिपोर्ट के बाद शव परिजनों को सौंप दिया।

सुसाइड नोट में मुक्ति रंजन ने कबूल किया कि उसने बेंगलुरु में महालक्ष्मी नाम की महिला की हत्या की है। इसके बाद उसने शव के टुकड़े-टुकड़े कर उसे फ्रिज में रख दिए। मुक्ति के भाई से पूछताछ के दौरान बेंगलुरु पुलिस को आत्महत्या की जानकारी मिली, जिसके बाद बेंगलुरु पुलिस ने ओडिशा पुलिस से संपर्क किया और मामले की पुष्टि की। उड़ीसा पुलिस के मुताबिक, मुक्ति ने सुबह 5 से 5:30 बजे के बीच आत्महत्या की, बेंगलुरु पुलिस लगातार उसकी लोकेशन ट्रैक कर रही थी और जल्द ही उसे पकड़ने वाली थी।

पुलिस ने महालक्ष्मी हत्याकांड के मुख्य आरोपी मुक्ति रंजन रॉय की पहचान कर ली। पुलिस सूत्रों का कहना है, लेकिन हत्या के बाद से आरोपी फरार था, जिसके चलते बेंगलुरु पुलिस ने कई राज्यों में उसकी तलाश की। अब आरोपी ने ओडिशा में आत्महत्या कर ली। बताया जा रहा है कि शव के पास से एक सुसाइड नोट मिला है। जिसमें मुक्ति रंजन रॉय ने हत्या की बात कबूल करते हुए कहा है कि उसने यह अपराध कर गलती की।

दरअसल, महालक्ष्मी बेंगलुरु के व्यालिकवल इलाके में एक तीन मंजिला इमारत की पहली मंजिल पर रहती थीं। 21 सितंबर को महालक्ष्मी के कमरे में एक फ्रिज मिला और कमरे में उनके शरीर के टुकड़े बिखरे हुए मिले। आशंका जाताई जा रही  है कि महालक्ष्मी की हत्या करीब 19 दिन पहले की गई। पुलिस ने महालक्ष्मी के कमरे से एक ट्रॉली बैग भी बरामद किया।

बेंगलुरु पुलिस सूत्रों के मुताबिक, संभव है कि हत्यारे ने शरीर के हिस्सों को एक ही बैग में रखकर कहीं बाहर ठिकाने लगाने की साजिश रची हो। लेकिन चूंकि इलाका बहुत भीड़भाड़ वाला था, इसलिए शायद उसे शरीर के अंगों को ठिकाने लगाने का मौका नहीं मिला।

कमरे की जांच के बाद पुलिस सूत्रों का भी मानना ​​है कि हत्या उसी कमरे में हुई है और शव के टुकड़े भी वहीं किये गये हैं। जिस तरह शरीर के अंगों को बैग में कमरे से बाहर ले जाना आसान नहीं था, उसी तरह शरीर को बाहर से कमरे में लाना भी संभव नहीं था। 

पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण करने के बाद यह भी कहा कि हत्या और शव को टुकड़े-टुकड़े करने के बाद कमरे और बाथरूम को साफ करने की कोशिश की गई थी। पोस्टमॉर्टम के बाद क्षत-विक्षत शव महालक्ष्मी के परिवार को सौंप दिया गया। जिसके बाद बेंगलुरु में ही अंतिम संस्कार किया गया।

महालक्ष्मी की हत्या के बाद उनके पति हेमंत दास ने शुरू में आशंका जताई थी कि हत्या में उनके एक और दोस्त अशरफ का हाथ हो सकता है। अशरफ एक हेयर ड्रेसर भी हैं और उत्तराखंड के रहने वाले हैं। सूत्रों के मुताबिक, अशरफ की महालक्ष्मी से भी गहरी दोस्ती थी। हेमंत दास ने अशरफ पर आरोप लगाया कि अशरफ और महालक्ष्मी के बीच अफेयर था और उस अफेयर की वजह से वह और महालक्ष्मी 9 महीने पहले अलग हो गए थे।

पुलिस के मुताबिक महालक्ष्मी की हत्या से अशरफ का कोई संबंध नहीं है। बल्कि असली हत्यारा तो ओडिशा में था। जो अब मर चुका है।