Pariksha Pe Charcha Live: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छात्रों से आज परीक्षा पे चर्चा के माध्यम से बात कर रहे हैं. वो प्रगति मैदान पहुंच चुके हैं. हर साल बोर्ड एग्जाम से पहले छात्रों का हौसला बढ़ाने के लिए यह आयोजन किया जाता है. इस कार्यक्रम में वह छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों को एग्जाम सीजन से पहले टिप्स देने वाले हैं. वह छात्रों को एग्जाम सीजन में तनाव मुक्त रहने का मंत्र भी देंगे.
कार्यक्रम से पहले कहीं ये बड़ी बात-
पीएम मोदी ने कहा कि 'परीक्षा पे चर्चा' का यह सातवां संस्करण होगा. यह एक ऐसा कार्यक्रम है, जिसका मैं हमेशा इंतजार करता हूं. इससे मुझे छात्रों के साथ बातचीत करने का मौका मिलता है और मैं उनके परीक्षा संबंधी तनाव को कम करने का भी प्रयास करता हूं. छात्रों को प्रेरित करने और परीक्षा के तनाव के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए बहुत से अभिनव प्रयास भी किये गए हैं. साथ ही मुझे भी आपसे बात करके बहुत अच्छा लगेगा.
पीएम मोदी परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम से पहले भारत मंडपम में लगी प्रदर्शनी में पहुंचे और उन्होंने वहां छात्रों से चर्चा की. इस कार्यक्रम की शुरुआत में उन्होंने कहा कि यहां आने से पहले मैंने प्रदर्शनी देखी. यहां पर छात्रों ने जिस तरह से इनोवेटिव चीजें दिखाई, वो काफी अच्छी थीं.
सामाजिक दबाव को लेकर पूछा गया सवाल-
परीक्षा पे चर्चा के दौरान ओमान की एक भारतीय स्टूडेंट और दिल्ली के एक छात्र ने प्रधानमंत्री से सवाल किया कि समाज के दबाव और उम्मीदों का किस तरह से सामना करें. इसके जवाब में पीएम मोदी ने कहा, शायद मुझे बताया गया कि परीक्षा पे चर्चा का सातवां एपिसोड है, जितना मुझे याद है कि ये सवाल हर बार पूछा गया है. इसका मतलब ये है कि सात साल में सात अलग-अलग बैच इस परिस्थिति से गुजर रही है.
उन्होंने आगे कहा, हर नई बैच को भी इन्हीं समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. विद्यार्थियों की बैच बदलती है, लेकिन टीचर्स की बैच इतनी जल्दी नहीं बदलती है. टीचर्स ने अगर मेरे पुराने एपिसोड की बातों को छात्रों तक पहुंचाया होता तो इस समस्या को धीरे-धीरे कम किया जा सकता है. हर माता-पिता ने इस समस्या का सामना जरूर किया है. हमें किसी भी तरह के प्रेशर को झेलने के लिए सामर्थ्यवान बनाना चाहिए. रोते हुए बैठना नहीं चाहता है. जीवन में दबाव आता रहता है, लेकिन खुद को तैयार करना होता है. दबाव को हमें अपने तरीके से जीतने के तरीके का संकल्प लेना चाहिए.
छात्रों पर दबाव कितने प्रकार के होते हैं?
पीएम मोदी ने बताया कि पहला दबाव का प्रकार वो है, जो हम खुद ही अपने ऊपर डालते हैं. जैसे सुबह चार बजे उठना है. इतने सवालों को हल करके सोना है. ऐसा करने की वजह से हमारे ऊपर दबाव पैदा हो जाता है. मुझे लगता है कि हमें खुद पर इतना दबाव नहीं डालना चाहिए, जिसकी वजह से हमारी योग्यता खत्म हो जाए.
दूसरा दबाव माता-पिता की तरफ से आता है. बच्चों की तुलना दूसरे बच्चों से की जाती है, जो गलत है. इस वजह से उन पर दबाव आने लगता है. दबाव का तीसरा प्रकार वो है, जिसमें कारण कुछ नहीं है, मगर समझ का अभाव है. बिना किसी वजह से हमें उसे संकट मान लेते हैं. इस तरह के दबावों को सभी को मिलकर संबोधित करना होगा. पेरेंट्स, टीचर्स सभी को मिलकर इसका समाधान करना चाहिए. अगर सभी लोग मिलकर प्रयास करें तो सभी प्रकार से दबाव से छात्रों को मुक्त किया जा सकता है.
पीएम मोदी ने दिया छात्रों को ये मूल मंत्र-
पीएम मोदी से सवाल किया गया कि दोस्तों, सहपाठियों से होने वाली प्रतिस्पर्धा से कैसे निपटा जाए? कई बार माता-पिता भी प्रतिस्पर्धा का माहौल बना देते हैं. इससे निपटने के लिए क्या किया जाए? इसके जवाब में पीएम मोदी ने कहा कि प्रतिस्पर्धा होना जरूरी है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि हममें द्वेष पैदा हो जाए. बिना द्वेष के प्रतिस्पर्धा होने से सफलता हासिल करने में मदद मिलेगी.
उन्होंने आगे कहा कि माता-पिता को इस तरह की चीजों से बचना चाहिए. इसकी वजह से बच्चों की क्षमता घट सकती है. कभी कभी तो मैंने देखा है कि जो माता-पिता अपने जीवन में ज्यादा सफल नहीं हुए हैं, वे अपने बच्चों का रिपोर्ट कार्ड ही विजिटिंग कार्ड बना देते हैं. इस तरह से बच्चों के भीतर ही लगने लगता है कि उन्हें सब कुछ आता है, जो काफी नुकसानदायक है.
संगीत के टीचर ही दूर कर सकते हैं पूरे स्कूल का तनाव-
पीएम मोदी ने बताया कि संगीत के शिक्षक तो पूरे स्कूल के बच्चों का तनाव खत्म कर सकते हैं. मैं समझता हूं कि किसी भी टीचर के मन में जब यह विचार आता है कि स्टूडेंट के तनाव को कैसे दूर करें, मुझे लगता है कि टीचर के मन में परीक्षा का कालघट है, अगर टीचर और स्टूडेंट का नाता परीक्षा के कालघट का है तो सबसे पहले यह नाता खत्म करें. पहले दिन से एग्जाम आने तक टीचर का स्टूडेंट से नाता बढ़ते रहना चाहिए ताकि परीक्षा के दिन तनाव की नौबत ना आए. जिस दिन आप सिलेबस से आगे निकलकर छात्र से नाता जोड़ेंगे तो वह छोटी-मोटी दिक्कतों के समय भी ज़रूर आपसे बातें शेयर करेंगे.
दोस्तों से द्वेष करने की जरूरत नहीं-
दोस्तों के साथ होने वाली प्रतिस्पर्धा को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, आपके दोस्त से आपको किस चीज की स्पर्धा है? मान लीजिए 100 नंबर का पेपर है. आपका दोस्त अगर 90 नंबर ले आया तो क्या आपके लिए 10 नंबर बचे? आपके लिए भी 100 नंबर हैं. आपको उससे स्पर्धा नहीं करनी है बल्कि आपको खुद से स्पर्धा करनी है. उससे द्वेष करने की जरूरत नहीं है. असल में वो आपके लिए प्रेरणा बन सकता है. अगर यहीं मानसिकता रही तो आप अपने से तेज तर्रार व्यक्ति को दोस्त ही नहीं बनाएंगे.
परीक्षा हॉल में तनाव से कैसे बचें, पीएम मोदी ने दी ये टिप्स
कुछ माता पिता को लगता है कि आज एग्जाम है कि बच्चे को नई पेन लाकर दें, लेकिन मेरा आग्रह है कि जो पेन वह रोज यूज करता है, उसे वहीं पेन ले जाने दीजिए. न उसे कपड़ों पर टोकिए, जो पहन रहा है उसे पहनने दीजिए. एग्जाम पर उसे कंफर्ट फील कराइए. ताकि, उसका माइंड डिस्टर्ब न हों.
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