स्कूटी पर वसुंधरा राजे, जानिए क्यों एक तस्वीर से राजस्थान की सियासत में आया उबाल? 


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स्टोरी हाइलाइट्स

वसुंधरा राजे ने अपने ट्विटर हैंडल पर ये तस्वीर शेयर की है..!

सोशल मीडिया पर राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की एक तस्वीर चर्चा का विषय बनी हुई है। तस्वीर में वसुंधरा को एक लड़की के पीछे बैठकर स्कूटी की सवारी करते हुए देखा जा सकता है।

वसुंधरा राजे ने अपने ट्विटर हैंडल पर ये तस्वीर शेयर की है। उन्होंने तस्वीर के साथ कैप्शन में लिखा है। अर्पिता ने मुझे उसी स्कूटी पर बैठ यात्रा करने का निवेदन किया, जो उन्हें हमारी सरकार द्वारा चलाई गई योजना के माध्यम से मिली। तो फिर भला मैं कैसे मना करती? मैंने बिटिया का मान रखने के लिए स्कूटी की सवारी की और वहां मौजूद सभी बच्चियों को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामना दी।

राजस्थान में चुनावी सरगर्मी शुरु होते ही पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सक्रिय होकर मैदान में उतर आई हैं। मेवाड़-वागड़ दौरे के दूसरे दिन सोमवार को राजे ने डूंगरपुर में भाजपा कार्यकर्ताओं से फीडबैक लिया। इसी दौरान दोपहर 12 बजे राज की मुलाकात चितरी गांव में स्कूटी सवार कुछ लड़कियों से हुई।

युवतियों ने कहा- पिछली भाजपा सरकार में आपने यह स्कूटी दी थी। इसके बाद राजे लड़की की स्कूटी से मेन रोड तक गईं और वहां से वह उदयपुर के लिए रवाना हो गईं।

राजे के स्कूटी की सवारी करने को लेकर यूजर्स तरह-तरह के कमेंट कर रहे हैं। कई यूजर्स का कहना है, कि ये सब चुनावों के मद्देनज़र किया जा रहा है। एक यूजर ने कमेंट करते हुए लिखा है। चुनाव हे रे बाबा वरना चार साल हम जनता लोग यहीं थे और यहीं हमारे यातायात साधन। 

एक अन्य यूज़र ने लिखा है, आपके द्वारा दी गई स्कूटी बेटियों के आत्मविश्वास को बढ़ा उन्हें आत्मनिर्भर बनाती थी। महिलाएँअपनी स्वाधीनता व आज़ादी के प्रति जागृत हुई। समय और श्रम की बचत हुई।स्वयं के लिए आत्मसम्मान की भावना पैदा हुई। जहा पहिया है वहां राजे का विकास जीवित दिखता है।

वहीं कटाक्ष करते हुए एक अन्य यूज़र ने लिखा है, अच्छे से सरकार चलाई होती, महलों की बजाय सड़को पर जन सुनवाई की होती। नौकरशाही, लालफीताशाही, लेटलतिफी, भ्रष्टचार पर रोक, पारदर्शी सरकार चलाई होती तो आज स्कूटर के पीछे बैठकर बावली की तरह नही चलना पड़ता।

एक और यूज़र का कहना है, कि अब अशोक गहलोत को भी ऐसी ही सवारी करनी चाइए, देवनारायण स्कूटी योजना, वीरबाला कालीबाई स्कूटी योजना का कोई तो लाभार्थी मिल जायेगी।

इससे पहले रविवार को राज तीन दिवसीय प्रवास पर उदयपुर पहुंची थीं। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया। इसके बाद राज अपने समर्थकों के साथ सड़क मार्ग से डूंगरपुर के लिए रवाना हो गए। यहां बेणेश्वर मेले में शामिल होने के बाद वह डेढ़ किलोमीटर पैदल चलकर राधा-कृष्ण मंदिर पहुंचीं। उन्होंने महंत अच्युतानंद महाराज का आशीर्वाद लिया और करीब डेढ़ घंटे तक पूजा-अर्चना की।