कोरोना के खिलाफ कितनी असरदार/effective है रूस की वैक्सीन स्पुतनिक-V? जानिये हर सवाल का सटीक जवाब


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कोरोना के खिलाफ कितनी असरदार/effective है रूस की वैक्सीन स्पुतनिक-V? जानिये हर सवाल का सटीक जवाब News Puran Bureau: कोरोनावायरस निपटने का एकमात्र तरीका है वेक्सीन। भारत में वैक्सीनेशन अभियान तेज करने के लिए दुनिया के तमाम देशों में उपयोग में लाई जा रही वैक्सीन को इजाजत देनी शुरू कर दी गयी है। उन्हीं में से एक है रूस की स्पूतनिक। कोरोना के खिलाफ युद्ध में भारत को एक और वैक्सीन मिल गई है. ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने हाल ही में रूसी वैक्सीन स्पुतनिक-V (Sputnik V) को इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी दे दी है. इसके साथ ही अब भारत के पास अब तीन वैक्सीन हो गई हैं. इस साल के शुरुआत जनवरी में सरकार ने कोविशील्ड और कोवैक्सीन को मंजूरी दी थी. स्पुतनिक-V वैक्सीन का इस्तेमाल/use रूस में पिछले साल अगस्त से ही सफलतापूर्वक किया जा रहा है. हम आपको बता दें कि अब तक इस वैक्सीन को 60 देशों में इस्तेमाल की अनुमति मिल चुकी है. भारत में इस वैक्सीन का इस्तेमाल/उपयोग इस महीने के आखिरी हफ्ते में या फिर मई से प्रारंभ हो सकता है. मीडिया सूत्रों के मुताबिक इस वैक्सीन की करीब 10 करोड़ खुराक अगले छह-सात महीने में आयात किये जाने की पूरी संभावना है. आइए सवाल जवाब के माध्यम से इस वैक्सीन के साइड इफेक्ट, इसकी डोज़ और कीमत के बारे में जानते हैं.... इस वैक्सीन को किस कंपनी ने निर्मित किया है? इस वैक्सीन को मास्को में गैमलेया नेशनल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी ने अपनी लैब में तैयार किया है. पिछले साल अगस्त में इसे रूस की सरकार ने हरी झंडी/अनुमति दी थी. इस वैक्सीन में दो अलग-अलग प्रकार के वायरस का इस्तेमाल किया गया है. इसे कितने डिग्री पर रखा जाता है? वैक्सीन स्पुतनिक को 2 से 8℃ के तापमान पर सुरक्षित स्‍टोर किया जा सकता है. यानी एक आम साधारण फ्रिज में रखा जा सकता है. इसलिए सरकार को इसे रखने के लिए किसी कोल्ड चेन में पैसे लगाने की आवश्यकता नहीं है. इसके कितने डोज़ की जरूरत? कोविशील्ड और कोवैक्सीन की तरह इस वैक्सीन की भी दो डोज़ आवश्यक हैं. दो डोज़ के बीच कुल 21 दिनों का अंतर रखा जाएगा. कितनी असरदार/इफेक्टिव है ये वैक्सीन? आमेरिका की फ़ाइजर और मॉडर्ना से बाद दुनिया में सबसे अधिक असरदार है स्पुतनिक V वैक्सीन. स्पूतनिक V की एफेकसी/क्षमता 91.5% है. सीरम इंस्‍टीट्यूट की कोविशील्ड वैक्‍सीन की एफीकेसी/क्षमता 62% दर्ज की गई थी. भारत बायोटेक की कोवैक्सीन का उपयोग 4 फेज के ट्रायल में ही प्रारंभ हो गया था. उस समय इसने 81% की एफेकसी/क्षमता हासिल की थी. क्या इस स्पूतनिक वैक्सीन का कोई साइड इफ्केट भी है? इस बारे में रूस के स्वास्थ्य मंत्री मिखाइल मुराशको ने कहा था कि इस वैक्सीन का साइड इफेक्ट सिर्फ 0.1 प्रतिशत है.