प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' के तहत तीन नई वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई। इस मौके पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा, बीते 10 वर्षों में इन राज्यों में रेलवे की विकास यात्रा इसका उदाहरण है। इस साल के बजट में हमने तमिलनाडु को 6 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा रेलवे बजट दिया है। ये बजट 2014 की तुलना में 7 गुना से अधिक है।
पीएम नो आगे कहा, आज शुरू की गई तीन वंदे भारत ट्रेनें देश के महत्वपूर्ण शहरों और ऐतिहासिक स्थलों को जोड़ने वाली हैं। मंदिर नगरी मदुरै अब आईटी नगरी बेंगलुरू से सीधे जुड़ जाएगी। इससे तीर्थयात्रियों और कर्मचारियों दोनों को लाभ होगा। इसी तरह चेन्नई से नागरकोइल तक।
इसी तरह कर्नाटक के लिए भी इस बार 7 हजार करोड़ से ज्यादा का बजट आवंटित हुआ है। ये बजट भी 2014 की तुलना में 9 गुना अधिक है। पीएम ने कहा, विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए दक्षिणी राज्यों के विकास को बढ़ावा देना बहुत ज़रूरी है। इस क्षेत्र में अपार प्रतिभा, संसाधन और अवसर मौजूद हैं। इसलिए हमारी सरकार तमिलनाडु, कर्नाटक और उससे आगे के पूरे दक्षिण के विकास को प्राथमिकता देती है।
वंदे भारत ट्रेनों के शुरू होने से जहां भी ये ट्रेनें चलती हैं, वहां पर्यटन में उछाल आया है, जिसके परिणामस्वरूप स्थानीय व्यवसायों को बढ़ावा मिला है और रोजगार के नए अवसर पैदा हुए हैं। मैं इस उपलब्धि के लिए नागरिकों को बधाई देता हूं । वंदे भारत आधुनिक होती भारतीय रेलवे का नया चेहरा है। आज शहर में, हर रूट पर वंदे भारत की मांग है। हाई-स्पीड ट्रेनों के आने से लोगों में अपने व्यापार और रोजगार को, अपने सपनों को विस्तार देने का भरोसा जगता है। आज देशभर में 102 वंदे भारत रेलवे सेवाएं संचालन हो रही है।
आगे बोलते हपए पीएम मोदी बोले, आधुनिक रेल इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित भारत के विजन का एक मजबूत स्तंभ है। रेलवे लाइनों का दोहरीकरण हो, इलेक्ट्रिफिकेशन हो, नई ट्रेनों को चलाना हो, नए रूट्स का निर्माण हो... इन सभी पर तेजी से काम हो रहा है। रेलवे, सड़क और जलमार्ग में मजबूत बुनियादी ढांचा किसी भी देश की मजबूती के लिए महत्वपूर्ण है, जो अंततः उसके नागरिकों को सशक्त बनाता है और उन्हें लाभान्वित करता है। जैसे-जैसे भारत अपने आधुनिक बुनियादी ढांचे का विकास कर रहा है, गरीब और मध्यम वर्ग सशक्त हो रहा है।
भारत अपने रेलवे स्टेशनों में बदलाव देख रहा है, यहां तक कि छोटे स्टेशनों को भी हवाई अड्डों जैसी आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जा रहा है। इससे 'यात्रा में आसानी' बढ़ती है, जिससे कनेक्टिविटी और भी बेहतर होती है। बीते 10 वर्षों में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आ सके हैं। बीते वर्षों में रेलवे ने अपनी मेहनत से दशकों पुरानी समस्याओं के समाधान की उम्मीद जगाई है। लेकिन हमें अभी इस दिशा में बहुत लंबा सफर तय करना है। हम तब तक नहीं रुकेंगे, जब तक भारतीय रेल गरीब, मध्यम वर्ग सभी के लिए सुखद यात्रा की गारंटी नहीं बन जाती।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। इससे तीन वंदे भारत ट्रेन मार्गों - मेरठ-लखनऊ, मदुरै-बेंगलुरु और चेन्नई-नागरकोइल की कनेक्टिविटी में और सुधार होगा। मेरठ सिटी-लखनऊ वंदे भारत ट्रेन दोनों शहरों के बीच मौजूदा सबसे तेज़ ट्रेन की तुलना में यात्रियों को लगभग एक घंटे की बचत कराएगी। इसी तरह, चेन्नई एग्मोर-नागरकोइल और मदुरै-बेंगलुरु वंदे भारत ट्रेनें दो घंटे से अधिक समय में यात्रा पूरी करेंगी और लगभग 90 मिनट बचाएंगी।
नई वंदे भारत ट्रेनें विश्व स्तरीय होंगी, जिससे लोग उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और कर्नाटक में तेज गति और आराम से यात्रा कर सकेंगे।
प्रधान मंत्री कार्यालय ने कहा कि नई वंदे भारत ट्रेन का शुभारंभ नियमित यात्रियों, पेशेवरों, उद्योगपतियों और छात्र समुदायों की जरूरतों को पूरा करते हुए रेल सेवा का एक नया मानक स्थापित करेगा। भारत की पहली स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित सेमी-हाई स्पीड वंदे भारत ट्रेन यात्रियों को आधुनिक और आरामदायक रेल यात्रा का अनुभव प्रदान करती है।
वंदे भारत ट्रेनें हाई स्पीड और सेमी हाई स्पीड पर 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलती हैं। वे टक्कर-रोधी ढालों से सुसज्जित हैं और यात्रियों की मुक्त आवाजाही के लिए स्वचालित प्लग दरवाजे हैं। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस महीने की शुरुआत में राज्यसभा को बताया कि भारतीय रेलवे ने 2019-2020 से 2023-2024 तक अपने नेटवर्क पर 100 वंदे भारत ट्रेनों सहित 772 अतिरिक्त ट्रेन सेवाएं शुरू की हैं।
वंदे भारत ट्रेनों के निर्माण में अब तक कुल 1,343.72 करोड़ रुपये का इस्तेमाल किया जा चुका है। रेल मंत्री ने कहा कि यात्रियों को आधुनिक कोचों में बेहतर सुरक्षा और अन्य सुविधाओं के साथ बेहतर यात्रा अनुभव प्रदान करने के लिए ये ट्रेनें शुरू की गई हैं।