भोपाल: विभिन्न समाजों के कल्याण के लिये बनाये गये 9 समाजों के बोर्ड के लिये मिले 8.34 करोड में से किसी भी बोर्ड को कोई राशि नहीं दी गई। इस कारण किसी भी समाज के एक भी व्यक्ति लाभान्वित नहीं हुआ। जबकि बोर्ड के अध्यक्ष को वाहन, मानदेय गृह भत्ता और दूरभाष सुविधा मिली।
यह जानकारी राज्य मंत्री तकनीकी शिक्षा मंत्री गौतम टेटवाल ने विधायक प्रताप ग्रेवाल के विधानसभा प्रश्न के उत्तर में दी। राज्य मंत्री टेटवाल ने बताया कि अक्टूबर 2023 में दो वर्ष के लिये 9 समाजों के बोर्ड समाज के कल्याण एवं युवाओं के कौशल विकास एवं रोजगार देने के उद्देश्य से बनाये गये थे। दो वर्ष की अवधि पूर्ण होने पर 17 सितम्बर 2025 को सारे बोर्ड भंग कर दिये गये तथा इसका परीक्षण नहीं किया गया कि बोर्ड बनाने का उद्देश्य पूरा हुआ या नहीं।
कांग्रेस विधायक ग्रेवाल ने प्रश्न में पूछा कि बोर्ड के गठन से लेकर बोर्ड खत्म करने तक कितनी बैठके बोर्ड में आयोजित की गई। बैठकों में क्या रणनीति तैयार की गई। इस प्रश्न के जवाब में राज्य मंत्री ने बताया कि किसी भी बोर्ड में जिला स्तर पर कोई बैठक नहीं हुई। उन्होंने बताया कि मात्र तीन बोर्ड ने 9 सितंबर 2024 को और तीन बोर्ड ने फरवरी-मार्च 2025 में बैठक की। महाराणा प्रताप कल्याण बोर्ड रजक समाज बोर्ड तथा तेल घानी कल्याण बोर्ड ने 2 साल में एक भी बैठक नहीं की।
महाराणा प्रताप कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष एवं सदस्यों को छोड़कर शेष आठ बोर्ड के अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति समाप्त कर दी गई। जबकि महाराणा प्रताप कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष और सचिव की तो नियुक्त ही नहीं की गई और बोर्ड को भंग कर दिया गया। रजक कल्याण और वीर तेजाजी कल्याण बोर्ड में 4 सदस्यों के स्थान पर मात्र एक-एक सदस्य की नियुक्ति की और सभी बोर्ड में कर्मचारियों की नियुक्ति उनके गठन के डेढ़ साल बाद नवंबर 2024 में की गई और उन्हें अप्रैल से अगस्त 2025 के बीच कार्य मुक्त कर दिया गया।
ग्रेवाल का आरोप, समाजों से धोखाधड़ी
प्रताप ग्रेवाल ने आरोप लगाया कि मंत्री जी के उत्तर से स्पष्ट है कि चुनाव में वोट लेने के नाम पर 9 समाज कल्याण बोर्ड बनाकर समाजों से धोखाधड़ी की गई। भाजपा के पदाधिकारी को बोर्ड का अध्यक्ष एवं सदस्य नियुक्त कर उन्हें वाहन, मानदेय भत्ता, टेलीफोन आदि सुख सुविधा देकर उनसे अपना काम निकलवाया गया। बोर्ड के कल्याण के नाम पर संबंधित विभाग को प्राप्त 8.34 करोड़ की राशि को बोर्ड में नहीं डाला गया। जिसके कारण समाजों के एक भी व्यक्ति को भला नहीं हुआ। अब दो वर्ष बाद सरकार द्वारा बोर्ड को भांग करने से स्पष्ट है कि भाजपा ने बोर्ड के नाम पर समाजों को अपमानित करने का निंदनीय कार्य किया है ।
कौन-कौन से बोर्ड भंग?
* कुशवाह समाज के लिए मप्र कुश कल्याण वोर्ड
* सोनी समाज के लिए स्वर्णकला बोर्ड
* साहू समाज के लिए तेलघानी बोर्ड
* मीना समाज के लिए जय मीनेष बोर्ड
* कीर समाज के लिए मां पूरी बाई कीर बोर्ड
* विश्वकर्मा समाज के लिए विश्वकर्मा बोर्ड
* जाट समाज के लिए वीर तेजाजी बोर्ड
* रजक समाज के लिए कल्याण बोर्ड
* पाल समाज के लिए मां अहिल्या देवी बोर्ड
* गुर्जर समाज के लिए देवनारायण वोर्ड
* महाराणा प्रताप कल्याण वोर्ड
* जैन समाज के लिए जैन वोर्ड
*सामाजिक न्याय विभाग का परशुराम बोर्ड अव भी सक्रिय है।
गणेश पाण्डेय