पेरेंट्स स्वयं सिखाएं - अपने बच्चों को सुरक्षित करने के कुछ जरूरी टिप्स:- How to keep your child safe from bad touch?


स्टोरी हाइलाइट्स

क्या आप अपने बच्चे की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं? अपने बच्चे को अकेले स्कूल या कोचिंग कक्षाओं में भेजने से डरते हैं?..How to keep your child safe

पेरेंट्स स्वयं सिखाएं - अपने बच्चों को सुरक्षित करने के कुछ जरूरी टिप्स:-
पैरेटिंग:

क्या आप अपने बच्चे की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं? अपने बच्चे को अकेले स्कूल या कोचिंग कक्षाओं में भेजने से डरते हैं? यहां कुछ टिप्स दिए गए हैं जिनसे आपका बच्चा सुरक्षित रह सकता है। हर बच्चे और माता-पिता द्वारा पढ़ा जाने वाला लेख।



आज के दौर में बच्चे पूरी तरह असुरक्षित हैं चाहे वे सड़कों पर चल रहे हों या पार्कों में खेल रहे हों। यह असुरक्षितता बच्चों में अवसाद, कमी आदि का कारण बन सकती है। विभिन्न प्रकार के स्पर्श हैं जिनके बारे में एक बच्चे को अवगत होना चाहिए। माता-पिता को अपने बच्चों को इन स्पर्शों(TOUCH) के बारे में सिखाना चाहिए। यदि माता-पिता अनपढ़ हैं और गरीब परिवार से हैं, तब भी उन्हें अपने बच्चे की सुरक्षा और स्वास्थ्य के बारे में सोचना होगा। 3-4 साल से कम उम्र के बच्चों को गुड टच, बैड टच या कंफ्यूजिंग टच की मूल बातें समझनी चाहिए। बच्चों को भी यौन शोषण के प्रति जागरूक होना चाहिए और इसका अर्थ भी समझना चाहिए। लेकिन, उन्हें विभिन्न प्रकार के स्पर्श और यौन शोषण के बारे में सिखाने के लिए यह आवश्यक है कि बच्चों को उनके शरीर के अंग (निजी अंगों सहित) के बारे में पता होना चाहिए।



कामकाजी माता-पिता और एकल परिवारों के बीच बच्चों की सुरक्षा एक गंभीर मामला है। हर वक्त आप साथ नहीं रह सकते हैं, इसलिए उन्हें अपनी सुरक्षा के लिए सतर्क करें। साथ में अलर्ट भी करें ताकि बच्चे अपनी सुरक्षा स्वयं कर पाए।

स्कूल आदि जगह दिन भर बच्चा यहां से वहां कोचिंग, स्पोर्ट्स, आर्ट क्लास आदि- वहां, वहां से यहां करता रहता है। अब माता-पिता हमेशा उसके साथ-साथ नहीं घूम सकते हैं न! ऐसे में बच्चों की सुरक्षा कैसे की जाए यह एक महत्वपूर्ण सवाल है। बच्चों को कैसे गलत लोगों से बचाएं इसके लिए कुछ चीजें अपने बच्चों को जरूर सिखाएं जैसे:

अजनबियों से सतर्कता सिखाएं:

बच्चों को सही और गलत लोगों की पहचान कराना आसान बात नहीं है। ऐसे में उनको प्यार और सब्र के साथ समझाना पड़ेगा कि हर चॉकलेट देने वाले अंकल आंटी अच्छे नहीं होते हैं और उनकी बातों में भी नहीं आना चाहिए। उन्हें बेहद आसान शब्दों में समझाएं। हर वो अजनबी आपको नुकसान पहुंचा सकता है, जिसे आप नहीं जानते।



गुड टच, बैड टच क्या होता है बताएं:




बच्चों को सही गलत टच की जानकारी देना बहुत जरूरी होता है। ऐसा सिर्फ लड़कियों को ही नहीं लड़कों के लिए भी जरूरी होता है।

बच्चों को समझाएं कि मां-बाप के अलावा किसी की भी गोद में जाकर ना बैठें। ये बातें एक बार में या आसानी से नहीं समझायी जा सकती। इसके लिए आपको बच्चों से लगातार बात करनी पड़ेगी।

दिनभर क्या हुआ, ये जानना होगा। उनकी बातों को थोड़ा गंभीरता से सुनें। बच्चों को मैनर्स, एटिकेट्स के साथ कुछ बातों में ना करना सिखाना चाहिए।

आप उन्हें टच करके समझा सकते है कि कोई कहां टच करता है तो वह बैड टच की श्रेणी में आता है। ऐसे में उसे ना कहना आना ही चाहिए।




जानने वाले का घर आदि। कोशिश करें कि बच्चों उसका, अपने मां-बाप और घर का पता जितनी जल्दी हो याद करा दें।

बच्चों को जिम्मेदार बनाएं:






आप हर समय बच्चों के साथ नहीं रह सकते। ऐसे में आपको बच्चों को खुद ही जिम्मेदारी होने की सीख देनी होगी।
उन्हें बताइये कि ज्यादा दूर खेलने जाने में क्या परेशानी है? उन्हें ये भी समझाइयें कि अगर कोई उनसे कहीं चलने के लिए कहता है तो उन्हें क्यूं मना करना चाहिए।

अजनबी यों से दूर रहने की सलाह दें :

आपने किसी को नहीं देखा या कभी बात नहीं की। इसके खतरे भी हैं, इसलिए कोशिश करें कि अपनी देखरेख में ही बाहर वालों से मिलवाएं। पड़ोस की आंटी से पहचान कराएं, पुलिसवालों की पहचान कराएं। ताकि जरूरत पर ऐसे लोगो से वो मदद मांग सके।

सुनसान जगहों पर जाने से रोकें:

बच्चों को साहसी बनाएं, लेकिन उन्हें यह भी बताएं कि कौन-सी जगह वे अपने साहस का प्रदर्शन करें। उन्हें यह जरूर बताएं कि अकेले सुनसान जगह पर जाना उनके लिए परेशानी का कारण हो सकता है।

उन्हें खेलने या घूमने के लिए सुनसान मकान, पार्किंग लॉट, अंधेरी गलियां और रास्ते आदि जगहों पर नहीं जाना चाहिए।
बच्चों को उन रास्तों और जगहों की जानकारी भी दें, जहां वो मदद के लिए जा सकें। जैसे पुलिस स्टेशन, स्कूल आदि।




गुड टच और बैड टच



गुड टच की व्याख्या इस प्रकार की जा सकती है कि लोग अपने बच्चों के प्रति अपनी चिंता और देखभाल कैसे दिखाते हैं। गुड टच बच्चों के लिए सुरक्षित और स्वस्थ है।

गुड टच

 
दोस्ताना आलिंगन Friendly hugs
सिर, पीठ या कंधे पर थपथपाना 
गाल या माथे पर चुंबन
हाथ मिलाना या 'हाई फाइव' देना

बैड टच की व्याख्या इस प्रकार की जा सकती है कि जिस तरह से किसी व्यक्ति को छुआ जाता है, जिससे वह असहज या असुरक्षित महसूस करता है। खराब स्पर्श में शामिल हो सकते हैं: -

बैड टच

 
शरीर के निजी अंगों को छूना
चुंबन मुँह-से-मुँह
ऊपरी जांघ पर ग्रोइन क्षेत्र के पास या जांघों के बीच के क्षेत्र को छूना या थपथपाना
नितंबों( buttocks) या पीठ के नीचे और घुटनों के ऊपर के क्षेत्र को छूना

बच्चों को अपने प्राइवेट पार्ट या उन हिस्सों के बारे में पता होना चाहिए जहां पर बैड टच हो सकता है। लड़के और लड़कियों के प्राइवेट पार्ट अलग-अलग होते हैं। इसलिए, दोनों लिंगों को उसी के अनुसार बैड टच के बारे में सिखाया जाना चाहिए।



लड़के और लड़कियों दोनों के लिए 4 मुख्य प्राइवेट पार्ट होते हैं जहां उन्हें नहीं छूना चाहिए।

ये:-

होंठ Lips

स्तन (लड़कियां)/छाती (लड़के)Breast (girls)/ chest (boys)

पीठ के नीचे और घुटनों के ऊपर का क्षेत्र  (Bumps or the area below the back and above the knees)

दोनों ऊपरी जांघों या ग्रोइन क्षेत्र के बीच का क्षेत्र (Area between both upper thighs or the groin area)

Latest Hindi News के लिए जुड़े रहिये News Puran से.