Akshaya Tritiya 2024: अक्षय तृतीया आज, जानें खरीदारी का शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि


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स्टोरी हाइलाइट्स

अक्षय तृतीया वर्ष के सबसे पवित्र दिनों में से एक है। अक्षय तृतीया के दिन कोई भी शुभ कार्य संपन्न किया जा सकता है। यह दिन नारायण-लक्ष्मी की पूजा और नई चीजें खरीदने के लिए भी सर्वोत्तम माना जाता है..!!

अक्षय तृतीया शुभ मुहूर्त (Akshaya Tritiya 2024 Shubh Muhurat) इस बार अक्षय तृतीया 10 मई, शुक्रवार को मनाई जा रही है। तृतीया तिथि की शुरुआत इस बार 10 मई को सुबह 4 बजकर 17 मिनट पर होगी और समापन 11 मई को रात 2 बजकर 50 मिनट पर होगा। 

अक्षय तृतीया के दिन अबूझ मुहूर्त रहता है यानी की आप इस दिन कोई भी शुभ कार्य कर सकते हैं, जो बेहद फलदायी माना गया है। कहते है जो व्यक्ति इस दिन अपने घर में तुलसी का पौधा लगाता है, तो उन्हें अनंत सुखों की प्राप्ति होती है। घर से दरिद्रता दूर होती है। इस दिन तुलसी का पौधा लगाना बेहद शुभ माना गया है। 

सनातन धर्म में अक्षय तृतीया को बहुत ही खास त्योहार माना जाता है। इसे आखा तीज के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया के नाम से जाना जाता है। अक्षय तृतीया के दिन माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा करने से जीवन में उन्नति मिलती है। अक्षय तृतीया के दिन सोना-चांदी खरीदना बहुत शुभ माना जाता है।

अक्षय तृतीया को कई कारणों से साल का सबसे शुभ दिन माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सतयुग और त्रेता युग की शुरुआत अक्षय तृतीया से हुई थी। इसी दिन भगवान विष्णु ने नर नारायण का अवतार भी लिया था। भगवान परशुराम का जन्म भी अक्षय तृतीया के दिन ही हुआ था। इसी शुभ तिथि से भगवान गणेश ने महाभारत काव्य लिखना प्रारंभ किया था।

इस दिन किए गए शुभ और धार्मिक कार्यों का अक्षय फल मिलता है। इस दिन सूर्य और चंद्रमा दोनों अपनी उच्च राशि वृषभ में होते हैं, अत: इनके संयुक्त आशीर्वाद का फल अक्षय होता है। अक्षय का अर्थ है जिसका क्षय न हो। ऐसा माना जाता है कि इस तिथि पर किए गए कर्मों का फल क्षय नहीं होता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन परशुराम, नर-नारायण और हयग्रीव का अवतार हुआ था।

इतना ही नहीं बद्रीनाथ के कपाट अक्षय तृतीया को ही खुलते हैं और इसी दिन भगवान बांके-बिहारी जी के वृन्दावन में चरण दर्शन होते हैं। वैशाख शुक्ल तृतीया तिथि को आखा तीज के रूप में भी मनाया जाता है। कुछ लोग इसे अक्षय तीज भी कहते हैं।

अक्षय तृतीया खरीदारी शुभ मुहूर्त (अक्षय तृतीया 2024 खरीदारी शुभ मुहूर्त):

10 मई को अक्षय तृतीया पूजा का समय सुबह 5:33 बजे से दोपहर 12:18 बजे तक रहेगा। इस शुभ मुहूर्त में आप सोना या चांदी खरीद सकते हैं। इस साल अक्षय तृतीया पर सोना खरीदने के लिए चार शुभ मुहूर्त है। आप अपनी सुविधानुसार किसी भी शुभ मुहूर्त में सोना खरीद सकते हैं।

पहला मुहूर्त- सुबह 5.33 बजे से 10.37 बजे तक,

दूसरा मुहूर्त- दोपहर 12.18 बजे से 1.59 बजे तक,

तीसरा मुहूर्त- शाम 5.21 बजे से शाम 7.02 बजे तक,

चौथा मुहूर्त- रात 9.40 से 10.59 बजे तक,

अक्षय तृतीया पर सोना खरीदने का सबसे अच्छा समय दोपहर है। ज्योतिषियों का कहना है कि अगर आप इस दिन सोना नहीं खरीद सकते तो सोने से बनी चीजें खरीदें। इसके अलावा, दान करने के लिए एक विशिष्ट धातु भी खरीदें। सबसे पहले किसी गरीब व्यक्ति को दान करें। फिर आपके लिए खरीदा गया सोना सबसे पहले भगवान को अर्पित करें। फिर सोने का प्रयोग शुरू करें।

अक्षय तृतीया के दिन सोने का एक चौकोर टुकड़ा बनवाएं। इस पर श्री लिखें और मां लक्ष्मी को अर्पित करें। देवी के सामने एक विशेष मंत्र का जाप करें। 

मंत्र - 'ॐ ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद महालक्ष्म्यै नमः।' 

मंत्र जाप के बाद उस सोने के टुकड़े को लाल धागे या सोने की चेन में पिरोकर गले में पहन लें। यह एक उपाय आपकी समृद्धि को अक्षय बना देगा।

अक्षय तृतीया पर करें कुछ ऐसा काम जिससे मिलेगा अक्षय पुण्य। इस दिन भगवान की पूजा, आराधना और ध्यान करें। अपना व्यवहार मधुर रखें। हो सके तो किसी की मदद करें। जो लोग आपके द्वार पर आएं उन्हें खाली हाथ न लौटाएं। उन्हें दान अवश्य दें। अक्षय तृतीया पर सोना या कीमती चीजें खरीदना भी शुभ माना जाता है।

पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को अक्षय तृतीया का महत्व समझाते हुए कहा था कि यह सबसे शुभ दिन है। इस दिन स्नान, दान, तप, होम और तर्पण करने से व्यक्ति अक्षय पुण्य का भागी बनता है।

इसके संबंध में एक और कहानी प्रचलित है- 

प्राचीन काल में एक गरीब, सदाचारी और देवताओं का पूज्य वैश्य रहता था। वह गरीब होने के कारण बहुत परेशान था। किसी ने उसे यह व्रत करने की सलाह दी. इस त्यौहार के आगमन पर उन्होंने गंगा में स्नान किया, विधिपूर्वक देवताओं की पूजा की और दान किया। यही वैश्य अगले जन्म में कुशावती का राजा बना। अक्षय तृतीया की पूजा और दान के प्रभाव से वह बहुत धनवान और प्रसिद्ध हो गया। यह सब अक्षय तृतीया का पुण्य प्रभाव था।