क्या मानव और मानव सभ्यता दूसरी दुनिया की देन है? P अतुल विनोद
What Happened When Humans Met An 'Alien' Intelligence?

मानव सभ्यता ने पिछले कुछ सालों में जिस तेजी से विकास किया है वो हैरत अंगेज़ है|
मानव जाति ने पिछले १०० साल में जिस तेजी से विकास किया है वो उसकी उत्पत्ति के बाकी लाखों सालों से बिलकुल अलग है|
सवाल ये है कि यदि मानव की उत्पत्ति ५० लाख साल पहले हुए तो वो आज से सवा सौ साल पहले तक इतना पिछड़ा क्यूँ रहा और अचानक उसे इतनी सारे तकनीक कैसे मिल गयी|
अचानक ही मानव ने रेल, कार, हवाई जहाज से लेकर मोबाइल टीवी, सेटेलाईट कैसे बना लिए|

आप सोचिये आज से सवा सौ साल पहले हम कहाँ थे? न वाहन थे ना टीवी मोबाइल थे, आपके दादा दादी ने बताया होगा सब कुछ मानवीय था| मशीनीकरण शुरू हुआ और फिर पूरी पृथ्वी पर छा गया|

जीवाश्मों की स्टडी से पता चलता है कि मानववंश करीब २५ लाख साल पहले अस्तित्व में आया| मानव वंश का उद्भव कपिलवंश से हुआ| ये बन्दरनुमा कपिल मानव आज से करीब ५० लाख साल पहले अस्तित्व में आया|
मानववंश ने २५ लाख साल में जितना विकास किया लगभग उतना ही विकास १०० साल में अचानक कर लिया| तर्क शास्त्री इसी बात से हैरान हो जाते हैं| जो काम २४ लाख ९९ हजार ९०० साल में ना हो सका वो १०० साल में कैसे हो गया?
हमारे माता पिता कौन हैं और क्या हम बन्दर की सन्तान हैं?
विकासवाद तो ये कहता है कि हम बन्दर से विकसित होते होते मानव बन गये, लेकिन ये बुद्धि में नही उतरता, इसीलिए अब वैज्ञानिक मानव की उत्पत्ति पर अभी भी स्योर नही हैं|
सोचिये यदि बन्दर विकसित होते होते मानव बने होते तो फिर तो उनका अस्तित्व ही नही बचना था, जो प्रजाति मानव में बदल गयी वो आज भी क्यों मौजूद है?
आप मानव की आकृति को देखिये और इस धरती पर मौजूद अन्य प्राणियों की उनमें कोई समानता नहीं दिखती|
विकासवाद विज्ञान की एक थ्योरी है जो साबित नही हुयी है|
इसके उलट सभी धर्मो की मान्यताएं कहती हैं कि मानव को देवता इश्वर गॉड या अल्लाह ने सीधे पैदा किया|
यूरोप के वैज्ञानिक कहते हैं कि मानव ९००० साल से ज्यादा पुराना नही है|
Space aliens are breeding with humans?
हिन्दू मान्यता कहती है कि हर अंतराल में धरती जलमग्न होती है जिसमे सभ्यता नष्ट हो जाती है और कुछ बचे मनुष्य नये युग की शुरुआत नए सिरे से करते हैं|
बाईबिल के अनुसार 2 लाख 9 हजार वर्ष पहले ईसू ने एडम-ईव को सजा-बतौर पृथ्वी पर भेजा था जिनसे मनुष्य की उत्पत्ति होकर वह हर भूभाग में फैलता गया।
दुनिया में भारत सहित काई देशों में मानव जाति की उत्पत्ति के पीछे कछुए को माना गया|
कुछ भी हो कछुए का मानवजाति की उत्त्पत्ति में कोई न कोई योगदान ज़रूर है| भारत में हर पिंड में वास्तुपुरुष के रूप में कछुए के जैसे उर्जा परिपथ की संकल्पना की गयी है|
इन सब बातों से साफ़ है कि मानव बंदरों का परिष्कृत रूप नहीं है मानव को विकसित करने में परग्राहियों, दूसरी दुनिया की विकसित सभ्यताओं ने योगदान दिया है| कुछ वैज्ञानिक डीएनए शोध से ये भी पता चला है कि मानव संरचना में अद्भुद रूप से रेप्तेलियंस के गुणसूत्र भी पाए जाते हैं|
दूसरी दुनिया का प्रथ्वी पर हमेशा से दखल रहा है| इटली के SARDINIA की मूर्तियों से लेकर भारत के मन्दिर की संरचनाओं में, आदिमानव कालीन रॉक आर्ट में एलियंस की मौजूदगी के सुबूत मिलते हैं|
भारतीय देव व अवतारों को अविश्वसनीय रूप से नीला बताया जाता है एलियंस को भी नीले कलर से ही रीप्रेसेंत किया जाता है|
प्रथ्वी पर मौजूद मानव की संरचना बहुत अद्भुद है ये बहुत हद तक किसी दैवीय सत्ता के बनाये लगते हैं| कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि मानव परग्राहियों के हाईब्रीड हैं|
Are Humans the Real Ancient Aliens?
जैसे हम चाँद पर दुनिया बसाने को सोचने लगे हैं कभी ऐसा ही अतिमानवों यानि देवताओं ने धरती पर किया होगा| या धरती पर मानव जैसे दिखने वाले बंदरों का आदिमानवों के साथ सम्बन्ध बनाकर विकसित मानव पैदा हुए हों|

समय समय पर दूसरी दुनिया के लोगों ने प्रथ्वी की सभ्यता विकसित करने में मदद की है| ऐसा माना जाता है कि आधुनिक तकनीक भी एलियंस की ही देन है|
If we made contact with aliens, how would religions react?
भारतीय योग विज्ञान में कुण्डलिनी और तृतीय नेत्र जाग्रति का विज्ञान उच्चस्तरीय चेतना के जागरण का विज्ञान है| थर्ड आई थेलेमस ग्रंथि से सम्बन्धित है जो जागृत होने के बार मनुष्य को अनेक तरह के पारलौकिक अनुभव देती है ये ठीक उडन तस्तरी की आकृति की है| जो इजिप्त की सभ्यता में भी उकेरी गयी है|
कुण्डलिनी जागरण में व्यक्ति एक उच्चस्तरीय चेतना से जुड़ जाता है| तब उसे अंदर स्वतः योग होने लगते हैं|
मानव को समझ आ जाता है कि हम पूरे ब्रम्हांड से जुड़े हुए हैं| मानव सिर्फ एक चेन का हिस्सा है|
थर्ड आई एक सीक्रेट सिंबल है जो हमे दूसरी दुनिया से जोडती है| ये बताता है कि हम इसके ज़रिये पूरी दुनिया से जुड़ सकते हैं|
शरीर में सात चक्र और उनकी संरचना यूनिवर्स के रहस्यों से जुडी हुयी है| इनके जागरण से हम दुनिया की दिव्य शक्तियों से जुड़कर ख़ास तरह की प्रकृति प्राप्त करते हैं|
आउट ऑफ़ बॉडी अनुभव में भी व्यक्ति किसी अन्यलोक में पहुचने का अनुभव करता है|
दरअसल वो उसके ही डीएनए में मौजूद दूसरी दुनिया का अनुभव है जो उसके अंदर स्टोर है|
वेद की पिंड में ब्रम्हांड की थ्योरी इसी और इंगित करती है|
कुंडलिनी जाग्रति के बाद मनुष्य को प्रथ्वी से मुक्ति मिलने और किसी बड़े लोक में पहुचने की बातें भी एक्स्ट्राटेरेस्ट्रियल कनेक्शन को दर्शाती है|
लगभग सभी धार्मिक मान्यताएं अवतार, देवता, फरिश्ते, अन्जेल्स, स्वर्ग, हेवन, देवलोक की चर्चा है| मृत्यु के बाद अच्छे और बुरे लोक में जाने का भी ज़िक्र है| देव और दानव का ज़िक्र भी सभी में है|

सभी धर्म मानते हैं कि हम किसी विशिष्ट शक्ति से संचालित होते हैं और हमारे उपर दैवीय और दानवी शक्तियों का असर पड़ता है|
हिन्दू धर्म की आत्मा परमात्मा की थ्योरी कहती है कि आत्मा अजर अमर है बस वो अपने कर्मो के अनुसार लोक परलोक प्राप्त करती है|
स्टार सीड भी एक थ्योरी है| इस धरती पर मौजूद कई लोग बार बार "मैं कौन हूँ" ? के सवाल से दो चार होते हैं| उसे लगता है कि वो किसी दूसरी दुनिया से आया है| उसके आने का कोई लक्ष्य है जिसे पूरा करने के बाद उसे अपनी दुनिया में जाना है| ह्म्ममें से कई लोग ये महसूस करते हैं| इन्हें कई बार आध्यात्मिक जाग्रति का अनुभव होता है| इन्हें अंदर कुछ अलग तरह की स्मृतियों का अनुभव होता है| ये मौसम परिवर्तन के प्रति समवेदनशील होते हैं| इन्हें सामान्य जीवन में आनंद नहीं आता, ये विश्व, ब्रम्हांड की बातों में रुझान रखते हैं|
कुण्डलिनी इस दुनिया की एकमात्र विद्या है जो व्यक्ति को दूसरी दुनिया से जुड़े होने का अनुभव देती है| इस गूढ़ ज्ञान की जड़ें भारत से जुडी हुई हैं|
दुनिया में आज ऐसे हजारों सुबूत सामने आ चुके हैं जो हमारे परग्रहीयों से गहरे ताल्लुक का सबक देते हैं|
प्राचीन कलाकृतियों में एलियंस जैसे मानवों की मौजूदगी भी हैरत में डालने वाली है|
आज एलियंस और UFO के धरती पर आने के विडियोज़ आये दिन सामने आ रहे हैं|
https://youtu.be/Rg9R0K7hnCg
क्रॉप सर्कल्स के ज़रिये भी एलियंस हमे संकेत और संदेश देते रहे हैं|