भूपेंद्र पटेल को नहीं पता था कि वह बनेंगे सीएम, इसे कहते हैं किस्मत, सुबह लगाया पेड़ और दोपहर में मिला फल.. 


स्टोरी हाइलाइट्स

अहमदाबाद: भूपेंद्र पटेल ने रविवार दोपहर अपने राजनीतिक करियर में अप्रत्याशित मोड़ की उम्मीद भी नहीं की थी....

भूपेंद्र पटेल को नहीं पता था कि वह बनेंगे सीएम, इसे कहते हैं किस्मत, सुबह लगाया पेड़ और दोपहर में मिला फल..    अहमदाबाद: भूपेंद्र पटेल ने रविवार दोपहर अपने राजनीतिक करियर में अप्रत्याशित मोड़ की उम्मीद भी नहीं की थी. उन्होंने अहमदाबाद के बोपल में बीआरटीएस रूट पर एक पौधा लगाया था और दोपहर में उन्हें मुख्यमंत्री पद का फल मिला. इसे कहते हैं किस्मत, गुजरात के नए मुख्यमंत्री की तलाश जोरों पर थी और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की कई बैठकें चल रही थीं. रविवार की सुबह भूपेंद्र पटेल ने संगठन के कार्यकर्ताओं को संबोधित किया और आने वाले दिनों में आयोजित होने वाले कार्यक्रम की जानकारी से अवगत कराया. आपकों बता दे कि, कल उन्होंने खुद फावड़े से गड्ढा खोदा और उसमे एक पेड़ लगाया था.     दोपहर में भूपेंद्र पटेल नीले रंग का कुर्ता और सफेद पैजामा पहनकर पार्टी कार्यालय पहुंचे. विधायक दल की बैठक में शामिल होने के लिए पहुंचे भूपेंद्र पटेल आखिरी क्षण तक इस बात से अनजान थे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो दो पर्यवेक्षकों को गांधीनगर भेजा है, वह नए मुख्यमंत्री के रूप में उनका नाम लेंगे.     भूपेंद्र पटेल उस समय विधायक दल की बैठक में हॉल में आखिरी पंक्ति में बैठे थे लेकिन जब विजय रूपाणी ने खुद भूपेंद्र पटेल के नाम की घोषणा नए मुख्यमंत्री के रूप में की, तो भूपेंद्र पटेल खुद हैरान रह गए. क्योंकि दो दिन पहले भूपेंद्र पटेल को सरदार धाम कार्यक्रम में अंतिम पंक्ति में रखा गया था. पाटीदारों द्वारा आयोजित कार्यक्रम के बावजूद, मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, जो विनम्र और सरल थे, जनता के बीच बैठे रहे थे. लेकिन कल पार्टी आलाकमान ने उनकी मेहनत और सरल सभाव के चलते उनके नाम पर मोहर लगाई.