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मां को गाली, कांग्रेस आरजेडी रहेगी खाली

सार

पीएम नरेंद्र मोदी को जब-जब कांग्रेस ने गाली दी तब-तब उसे चुनावी राजनीति में नुकसान उठाना पड़ा है. इस बार बिहार में कांग्रेस के मंच से ना केवल पीएम को बल्कि उनकी दिवंगत माँ को भी गाली दी गई..!!

janmat

विस्तार

    किसी ने सोचा नहीं होगा, कि पीएम उनकी माँ को दी गई गाली से इतने आहत हो जाएंगे, कि वह भावुक होकर अपनी पीड़ा बिहार की महिलाओं के सामने रखेंगे. प्रधानमंत्री महिलाओं की बिहार राज्य जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमटेड योजना का शुभारंभ करते हुए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से अपने संबोधन में अपनी वेदना का ना केवल इज़हार किया बल्कि इसे महिलाओं के सम्मान और सुरक्षा से भी जोड़ा. 

    महिलाओं की शक्ति और राजनीतिक सशक्तीकरण को जोड़ते हुए पीएम ने राहुल गांधी और तेजस्वी यादव का बिना नाम लिए नामदार और शहजादे संबोधित करते हुए कहा माँ के अपमान पर गरीब बेटे की पीड़ा वह समझ ही नहीं सकते. 

    पीएम ने उनकी माँ की गाली को महिलाओं के अपमान और नवरात्रि, छठ मैया के आने वाले पर्वों से जोड़ते हुए कहा, बिहार की महिलाओं को अपने सम्मान की रक्षा के लिए खड़े होने का वक्त आ गया है.

    गुजरात के चुनाव में सोनिया गांधी ने तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को मौत का सौदागर कहा था. उसके बाद इसे मोदी ने गुजराती अस्मिता से जोड़ दिया था. नतीजा यह हुआ कि पूरा चुनाव नरेंद्र मोदी के पक्ष में चला गया. बिहार में माँ की गाली को भी पीएम ने महिला अस्मिता से जोड़ दिया है. महिला आरक्षण का राजद द्वारा किए गए विरोध को भी इससे जोड़ा है. लालू राज में महिलाओं की सुरक्षा और जंगल राज की प्रवृत्ति से इस गाली को जोड़ दिया है. 

    पीएम ने इसे एक चुनावी कैंपेन के रूप में भावनात्मक नेरेटिव बनाने का प्रयास किया है. राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के पास अभी तक यह मौका था कि वह उनकी पार्टी के मंच से दी गई गाली के लिए माफी मांग कर इसे राजनीतिक मुद्दा बनाने से रोक सकते थे. कांग्रेस ने तो यह साबित करने का प्रयास किया कि गालीबाज़ उनका कार्यकर्ता ही नहीं है.

    मंच कांग्रेस का है जहां से गालियां दी गई हैं. इसमें पड़ने की आवश्यकता नहीं थी, बल्कि किसी की भी माँ को गाली देना ना हमारा संस्कार है, ना परंपरा है. इसके लिए सार्वजनिक माफी मांगना इन दोनों नेताओं की गरिमा बढ़ा सकता था, जो अवसर इन्होंने खो दिया है.

    महिलाओं का समर्थन वैसी भी नरेंद्र मोदी को मिलता रहा है. महिला आरक्षण कानून भी उनके द्वारा ही बनाया गया है. जिन भी राज्यों में हाल ही में बीजेपी की सरकारें बनी हैं, वहां महिलाओं का भरपूर समर्थन पार्टी को मिला है.

    बिहार में भी महिलाओं के हित में अनेक योजनाएं प्रारंभ की गई हैं. महिलाओं को पहले से ही चुनाव के मुख्य फोकस में रखा गया था. राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा में पीएम की माँ को गाली देने कलंक कांग्रेस आरजेडी का पीछा नहीं छोड़ेगा. 

    चुनावी नतीजों में इसका कितना प्रभाव होगा, यह तो नहीं कहा जा सकता, लेकिन इतना तय है, कि चुनावी प्रचार में यह एक बड़ा मुद्दा होगा जिसका मुकाबला कांग्रेस और राजद को करना पड़ेगा.

    पीएम नरेंद्र मोदी ने महिलाओं को संबोधित करते हुएअपनी देश सेवा के लिए माँ के योगदान की चर्चा की. माँ को देवी-देवताओं से ऊपर का सम्मान मिलता है. इशारों-इशारों में पीएम ने कह दिया कि कांग्रेस के जो नामदार भारत माता को ही नहीं मानते हैं. उनको किसी दूसरे की माता के सम्मान की क्या परवाह होगी. बिहार का चुनाव मोदी वर्सेस राहुल बनने लगा है.

    वोटर अधिकार यात्रा में जिस तरह से राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री को लेकर व्यक्तिगत आपत्तिजनक बातें कही हैं, उससे ऐसा वातावरण बना है. अब तक जहां भी मोदी और राहुल के बीच में चुनाव सिमटा है, वहां परिणाम हमेशा मोदी के पक्ष में ही रहे हैं. 

    राहुल गांधी की तू-तू मैं-मैं की भाषा पसंद नहीं की जा रही है. वह तो यहां तक कह रहे हैं कि वह पीएम को ऐसा एक्सपोज़ करेंगे कि देश के युवा उन्हें डंडे मारेंगे. यह भाषा भी गाली जैसी ही है, लेकिन राजनीति में ऐसी भाषा आत्मघाती होती है, इसीलिए भाजपा इसका राजनीतिक मुकाबला ही कर रही है.

    पीएम नरेंद्र मोदी को लेकर जिस तरह की हेट स्पीच राहुल गांधी दे रहे हैं वह गैर-कानूनी भी है. लेकिन राहुल गांधी शायद यही चाहते हैं कि उन्हें कानून के शिकंजे में फंसाया जाए, ताकि उन्हें राजनीतिक प्रचार मिले.

    राहुल गांधी की माँ सोनिया गांधी तो राजनीति में हैं, लेकिन पीएम की माँ राजनीति का रा भी नहीं समझती रही होंगी. उनको अपशब्द कहना किसी को भी रास नहीं आएगा. बिहार में लालू यादव के जंगल राज में महिलाओं को ही सबसे ज्यादा तकलीफ उठानी पड़ी थी. जंगल राज के दर्द को भी इस गाली एपिसोड ने फिर से ताजा कर दिया है.

    मोदी कांग्रेस के लिए काल साबित हो रहे हैं. इतिहास बताता है कि मोदी पर सीधा हमला कांग्रेस को पराजय दिलाता है. फिर भी राहुल गांधी सबक लेने को तैयार नहीं हैं. नामदार और कामदार का विभाजन अब धीरे-धीरे कांग्रेस की विरासत को कमजोर कर रहा है. मोदी की माँ को गाली बिहार में कांग्रेस की लंका लगाएगी.